विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का आज से शुभारंभ
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ हो गया है। आज बिहार से झारखंड के प्रवेश द्वार दुम्मा बॉर्डर पर राज्य की पशुपालन मंत्री दीपिका सिंह और पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने वैदिक मंत्रोचार के बीच पूरे विधि विधान से मेले का उद्घाटन किया।
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इस वर्ष 72 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और समापन भी सोमवार को। इस साल सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं।
भक्त देवघर स्थित बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा आज भर कर पाएंगे। सोमवार से अरघा लग जाएगा। सुल्तानगंज से जल लेकर आने वाले भक्त सभी कतार हो कर अरघा के माध्यम से ही जल चढ़ाएंगे।
बाबा मंदिर के गर्भ गृह स्थित मंझला खंड में अरघा लगा दिया जाएगा। इसके साथ ही पूरे सावन भर मंदिर में वीआईपी पूजा पर भी प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए जिला और पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है।
मंत्रोचार के साथ मेले का उद्घाटन किया गया।
17 जगहों पर 92 इंद्रवर्षा दिलाएगी गर्मी से राहत
सुल्तानगंज से चलकर आने वाले कांवरिया जैसे ही झारखंड प्रवेश द्वार दुम्मा में प्रवेश करेंगे तो उन्हें इंद्र वर्षा से गर्मी से राहत मिलेगी। पूरे कांवरिया पथ पर कुल 17 जगह पर इंद्र वर्षा लगाए गए हैं। इस इंद्र वर्षा के जरिए कांवरियों पर पानी का बौछार की जाएगी। कांवरिए कोठिया और बाघमारा में गाड़ी पार्क कर खजुरिया और रंगा मोड होते हुए पंडित बीएन झा रोड तक पैदल प्रवेश कर पाएंगे।
पैदल जाने के लिए अलग से कतार और बैरिकेडिंग की गई है। 9 किलोमीटर का कच्ची कांवरिया पथ समाप्त होते ही खजुरिया के पास पक्की सड़क मिलेगी। यहां जिला प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग और पंडाल बनाए गए हैं। कांवरिए पंडाल की छांव में पैदल चलेंगे। साथ ही किनारे में कारपेट लगाया गया है। धूप के दौरान कारपेट में समय-समय पर पानी का छिड़काव भी होगा।
पशुपालन मंत्री दीपिका सिंह और पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मेले का उद्घाटन किया।
दुम्मा में बनाए गए 10 बेड के अस्थाई अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की ओर से दुम्मा में 10 बेड का अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। अगर कोई कांवरिया घायल हो जाता है तो उसका तत्काल इलाज किया जाएगा। एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। गंभीर होने पर सदर अस्पताल भेजा जाएगा।
कांवरिया पथ पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सेवा शिविर लगाए गए हैं। मेडिकल की सुविधा भी रहेगी। घायल कांवरियों का प्राथमिकता के आधार पर उपचार होगा। जिन्हें बासुकिनाथ जाना होगा, उन्हें वापस कोठिया और बाघमारा पार्किंग स्थल आना होगा। इसके बाद वाहन लेकर दर्दमारा, रिखिया मोड़ से मोहनपुर चौपा मोड़ होते हुए बासुकीनाथ जाना पड़ेगा। दोनों बस स्टैंड पर दुकान भी लगाई जा रही हैं।
दुम्मा में मिलेगी सफेद पर्ची, होगी कांवरियों की कांउटिंग
दुम्मा में कांवरियों के प्रवेश करते ही 100 मीटर की दूरी पर ही काउंटर मिलेगा। यहां से कांवरियों को सफेद रंग की पर्ची दी जाएगी। कांवरियों की गिनती और भीड़ की जानकारी के लिए ऐसा किया जा रहा है। प्रवेश द्वार में 10 बैरिकेडिंग से कतार लगाने की व्यवस्था की गई है।
कांवरिए जैसे ही झारखंड में प्रवेश करेंगे, मशीन से उनकी गिनती होगी और कांवरियों को एक पर्ची भी दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था पूरी कर ली गई है। वहीं कांवरिया पथ पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से 244 शौचालय भी तैयार किए गए हैं। हर शौचालय स्थल पर एक फीडबैक मशीन रहेगी। जहां कांवरिया अपना फीडबैक दे सकेंगे।
कांवरियों की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
बाघमारा और कोठिया में टेंट सिटी
देवघर-सुल्तानगंज स्टेट हाईवे पर कांवरियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने दो टेंट सिटी डेवलप किए हैं। पहली टेंट सिटी कोठिया स्टैंड के पास है। जहां 1000 कांवरियों के विश्राम करने की व्यवस्था है। कांवरियों के लिए बेड भी लगाए गए हैं। साथ ही पंखे की भी सुविधा है। इसके अलावा पूरी साफ-सफाई और कारपेट के साथ टेंट सिटी तैयार है।
वहीं दूसरा टेंट सिटी बाघमारा बस स्टैंड के पास भी है। यहां भी 1000 कांवरियों के रहने की क्षमता है। यहां भी कांवरियों के विश्राम और रहने की सारी सुविधा दी गई है। एक साथ कांवरिया यहां अलग-अलग बेड पर विश्राम कर सकते हैं। यहां भी शौचालय और स्नानागार की सुविधा मिलेगी।
इनपुट- विजय सिन्हा