रोहनिया के पूरे गौसपुर गांव के पास प्रतापगढ़ ब्रांच की शारदा सहायक नहर की दाहिनी पटरी से पानी का रिसाव शुरू होने से हड़कंप मच गया। देखते ही देखते पानी खेतों में भरने लगा। सूचना के बावजूद नहर विभाग के अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीणों को खुद
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तेज पानी के बहाव के कारण ग्रामीणों के प्रयास विफल रहे। नतीजतन, पूरे गौसपुर और पूरे बल्दू गांव के किसानों की सैकड़ों बीघा गेहूं, सरसों और आलू की फसलें पानी में डूब गईं। खेत जलाशय में बदल गए और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रणजीत प्रताप सिंह और क्षेत्रीय लेखपाल रविंद्र मौर्य ने तनवीर अहमद के सहयोग से जेसीबी मशीन की व्यवस्था कराई। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नहर की कटी पटरी को बांधा गया। हालांकि, तब तक किसानों का भारी नुकसान हो चुका था।
ग्रामीणों में आक्रोश, नहर विभाग पर लापरवाही का आरोप ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रणजीत प्रताप सिंह ने नहर विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि समय रहते नहर की सफाई और पटरी की मरम्मत होती तो यह स्थिति नहीं आती। किसानों ने विभाग की उदासीनता पर सवाल उठाए। पूरे बल्दू गांव के पास बीते 31 जुलाई को भी नहर की पटरी कट गई थी, जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ था। बार-बार होने वाली इन घटनाओं ने नहर विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नहर में पानी रोककर पटरी की मरम्मत कर दी गई सहायक अभियंता गणेश शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि नहर में पानी रोककर पटरी की मरम्मत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पटरी बांधने में ग्रामीणों का भी सहयोग मिला। हालांकि, किसानों को हुए नुकसान की भरपाई पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।