राजस्थान क्राइम फाइल्स पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि ACB एसपी शंकरदत्त शर्मा और ACB ऑफिस के फोन नंबर से एक शख्स राजस्थान में बड़ी-बड़ी कंपनियों और अधिकारियों को धमका रहा था। करोड़ों की रिश्वत मांग रहा था।
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ACB तक मामला पहुंचने के बाद प्रारंभिक जांच में साफ हो गया था कि इस पूरे खेल में कोई बाहरी शख्स ही ACB और एसपी शंकरदत्त शर्मा के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को लूट रहा है।
मामले में सबसे बड़ा सवाल था कि जब एसपी के मोबाइल और ACB ऑफिस के लैंडलाइन से कॉल ही नहीं किया गया तो पीड़ितों की कॉल हिस्ट्री में उनके फोन नंबर कैसे शो हो रहे थे।
एसपी और एसीबी के नंबरों से फोन कॉल करने के लिए ठग ने इंटरनेट स्पूफिंग का इस्तेमाल किया था। -प्रतीकात्मक फोटो
इंटरनेट स्पूफिंग के जरिए हो रही थी कॉलिंग
टीम ने टेलीकॉम कंपनी के एक्सपट्र्स की हेल्प ली। एक्सपट्र्स ने उन्हें इंटरनेट स्पूफिंग के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि विदेशी सॉफ्टवेयर के जरिए स्पूफिंग कॉल किया जा सकता है। इसे वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल भी कहते हैं।
इसके जरिए कोई भी अपने मोबाइल से फोन कर सकता है लेकिन फोन रिसीव करने वाले के पास वो नंबर डिस्प्ले होगा जो सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाला चाहेगा। इसका टेलीकॉम कंपनियों के पास कोई रिकॉर्ड नहीं होता है।
केवल सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियों के सहयोग से ही जिस नंबर पर मोबाइल से फोन किया गया था, उसका आईपी एड्रेस पता किया जा सकता है। सरकारी सुरक्षा एजेंसी के लिए भी यह काम बहुत आसान नहीं है।
9 देशों की कंपनियों की मदद ली
राजस्थान में इस तरह का यह पहला मामला था। जांच में पता चला कि ये रिश्वत मांगने के लिए सारे फोन हांगकांग की एक गेटवे सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के जरिए किए गए थे। फोन कॉल दुनिया के 9 देशों के गेटवे सर्विस प्रोवाइडर के जरिए रूट की गई थी।
ये पता चलने के बाद ACB के अधिकारियों ने अमेरिका, साउथ अफ्रीका और चीन सहित 9 देश की मोबाइल कंपनियों का सहयोग लिया। कई महीने की लंबी जांच के बाद ACB को उस मोबाइल नंबर का आईपी एड्रेस मिल गया। यह एयरटेल का सिम था जो श्रीगंगानगर के साहिल राजपाल के नाम से अलॉट था।
साहिल अपने दादा पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर के साथ।
पूर्व मंत्री का पोता निकला साहिल
ACB ने साहिल राजपाल को लेकर गोपनीय तरीके से इन्वेस्टिगेशन की तो सामने आया कि साहिल राजस्थान के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राधेश्याम गंगानगर का पोता है।
साहिल के राजनीतिक परिवार से जुड़ा होने की जानकारी ACB के उच्च अधिकारियों को दी गई। वहां से हरी झंडी मिलते ही ACB टीम ने 9 अगस्त 2017 को जालूपुरा स्थित एक विधायक के सरकारी निवास से साहिल राजपाल को गिरफ्तार कर लिया।
7 महीने में मांगी 20 करोड़ की रिश्वत
पूछताछ में साहिल राजपाल ने बताया कि जनवरी 2017 से लेकर जुलाई 2017 तक उसने कई बिजनेसमैन और रसूखदारों को ACB अधिकारी बनकर फोन करके धमकाया था। ये सारे फोन कॉल्स वो विदेशी सॉफ्टवेयर के मार्फत करता था।
उसने PHED के अलग-अलग अधिकारियों से करीब 20 करोड़ रुपए मांगे थे। वह एसपी शर्मा बनकर फोन करता था और उनका ड्राइवर बनाकर खुद ही रुपए लेने पहुंच जाता था। कई बार अलग-अलग शहरों से ये कॉल किए थे।
एक ही लोकेशन के कारण पकड़े जाने के डर से साहिल अलग-अलग शहरों में जाकर ये कॉल करता था।
बातचीत की रिहर्सल करता, डायरी में लिखता डायलॉग
साहिल ने पूछताछ में बताया था कि वो किसी को भी रिश्वत के लिए धमकाने के लिए कॉल करने से पहले पूरी रिहर्सल करता था। अपने सभी डायलॉग्स डायरी में लिखता था। एक बार रिहर्सल पक्की होने के बाद ही फोन कॉल लगाता था ताकि बातचीत के दौरान पुलिसिया रौब भी दिखे और कहीं से भी कॉन्फिडेंस लूज न हो। ACB टीम को उसके पास से ऐसी दो डायरियां भी मिली जिनमें एसपी शंकरदत्त शर्मा के नाम से कुछ डायलॉग्स लिखे हुए थे।
वहीं इस दौरान ACB टीम को इस विधायक आवास में साहिल के पास 34 विदेशी शराब कि बोतलें भी मिली थी। साहिल पर अलग से अवैध शराब रखने का मामला दर्ज किया गया था। ये विधायक निवास तत्कालीन MLA मोहनलाल गुप्ता के नाम से आवंटित था।
हॉलीवुड फिल्म से मिला आइडिया
साहिल ने पूछताछ में बताया था कि उसका पहले गंगानगर में प्रॉपर्टी का काम था, लेकिन मंदी के कारण इसमें काफी घाटा हो गया था। इस बीच मीडिया में जलदाय विभाग में रिश्वतखोरी की खबरें आ रही थी। वो हॉलीवुड फ़िल्में देखता था और यहीं से उसे घाटे की भरपाई का आइडिया मिला।
वो जयपुर आ गया और यहां करप्शन के केस में फंसे अधिकारियों को ब्लैकमेल करने का प्लान बना लिया। इससे पहले वो गंगानगर में भी अपने दादा राधेशयाम गंगानगर व पिता वीरेंदर राजपाल के नाम का इस्तेमाल कर लोकल ट्रांसफर पोस्टिंग के काम करवाता था। दो बार मिले रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद साहिल को जेल भेज दिया गया था।
साहिल गंगानगर में भी लोकल ट्रांसफर पोस्टिंग के काम करवाता था।
विभाजन के समय आया था परिवार
भारत-पाक विभाजन के समय पाकिस्तान से गंगानगर आकर बसे साहिल के दादा राधेश्याम गंगानगर का पॉलिटिक्स में काफी बड़ा नाम था। कांग्रेस से 3 बार विधायक और एक बार राजयमंत्री रहे राधेयाम ने साल 2008 में टिकट कटने के बाद बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी।
जब ACB ने साहिल को पकड़ा था तो साहिल के ताऊ रमेश राजपाल अगले विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और वो खुद बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष भी थे। वहीं साहिल के पिता वीरेंदर राजपाल भी गंगानगर क्लब के अध्यक्ष रहे थे।
फिलहाल जमानत पर बाहर है साहिल
राधेश्याम गंगानगर का बाद में निधन हो गया और फिलहाल इस मामले में साहिल राजपाल जमानत पर बाहर है। ACB की ओर से चार्जशीट पेश किए जाने के बाद मामला कोर्ट में चल रहा है।
इस पूरे मामले को लेकर हमने साहिल राजपाल का पक्षा जाना तो उन्होंने बताया कि वो पूरी तरह से निर्दोष है। उस समय उनके खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से कार्रवाई करते हुए फंसाया गया था। उनका करियर बर्बाद किया गया था।
अगर उनके खिलाफ कुछ था तो पिछले सात साल से ACB कोर्ट में इसे प्रूफ क्यों नहीं कर पाई है? साहिल ने बताया कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।
ACB ने चार्जशीट पेश कर दी है और मामला कोर्ट में चल रहा है। साहिल अभी जमानत पर बाहर है।
इस एपिसोड का पार्ट-1
SP के नाम से मांगी थी 10 करोड़ की रिश्वत:फोन नंबर भी पुलिस अधीक्षक के, ऐसा केस जिसने ACB को कर दिया था हैरान
7 साल पुरानी बात है। वर्ष 2017 में राजस्थान ACB को शिकायतें मिलने लगी थी कि जयपुर ACB के तत्कालीन SP शंकरदत्त शर्मा के नाम से प्रदेश के कई बड़े अधिकारियों और रसूखदारों को ACB केस में फंसाने की धमकी देकर करोड़ों की रिश्वत मांगी जा रही है। (पूरी खबर पढ़ें)