विक्रम विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की शुरूआत के बाद तीन साल में यहां कृषि के विद्यार्थियों की संख्या 1 हजार के पार हो गई। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में 17 करोड़ की लागत से तीन मंजिला कृषि अध्ययनशाला की बिल्डिंग का निर्
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मप्र में अभी तक कृषि डिपार्टमेंट की इतनी बड़ी बिल्डिंग किसी विश्वविद्यालय में नहीं है, जो यहां बनाई गई है। करीब डेढ़ साल से बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा था, जो अब जाकर पूर्ण होने जा रहा है। विक्रम में यह जो नई बिल्डिंग बनाई गई है। इसका प्रत्येक कक्ष ही इतना बढ़ा है कि एक बार में 200 विद्यार्थी बैठ सकेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन इसी माह कृषि अध्ययनशाला की उक्त बिल्डिंग के लोकापर्ण के लिए प्रयासरत है। इसके लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत उच्च शिक्षा मंत्री से संपर्क किया जा रहा है ताकि उनके हाथों कृषि के विद्यार्थियों को नई बिल्डिंग की सौगात दिलाई जा सके।
कृषि में इस बार 1050 विद्यार्थी पढ़ रहे
कृषि अध्ययनशाला की शुरूआत के बाद यहां विद्यार्थियों की उक्त विषय में रूचि भी दिखाई दे रही है। प्रदेश के अलावा बाहर के विद्यार्थियों ने भी यहां कृषि अध्ययनशाला में एडमिशन लिया है। विक्रम विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों के मुताबिक इस बार प्रवेश संख्या एक हजार पचास तक पहुंच गई है व आगे भी एक से डेढ़ हजार प्रवेश की संभावना है। नई बिल्डिंग में सुविधा पूर्ण माहौल में विद्यार्थी कृषि की पढ़ाई व परिसर में ही तरह-तरह की खेती करते हुए प्रैक्टिकल भी कर सकेंगे।
इसी माह लोकार्पण का प्रयास- कुलपति
^मप्र में विक्रम एक मात्र विश्वविद्यालय कहलाएगा जहां एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों के लिए सेफरेट तीन मंजिला बिल्डिंग होगी। सारी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिल्डिंग तैयार करायी है व इसी माह लोकार्पण का प्रयास है ताकि नई बिल्डिंग में कक्षाएं लगने लगे। प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय