पुलिस लाइन परिसर में स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने प्रोजेक्ट मिलन के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। यहां पर आयोजित काउंसलिंग के माध्यम से 10 बिछड़े दंपत्तियों को आपसी सुलह समझौते के बाद एक साथ रहने के लिए राजी किया गया। इन दंपत्तियों के बीच के विवाद
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मामूली कारणों से दंपत्तियों में विवाद
इन दंपत्तियों के बीच विवाद के कारण इतने मामूली थे कि जानकर हैरानी होगी। एक मामले में पति सास के पास बैठ गया तो पत्नी नाराज हो गई। वहीं, एक अन्य मामले में पत्नी को यह नागवार गुजरा कि पति ने अपनी मां को कुछ पैसे दे दिए। इसी तरह की छोटी-छोटी बातें दंपत्ति के बीच बड़ी नाराजगी का कारण बन गईं, और इस वजह से वे अलग रहने लगे।
सास-बहू के बीच विवाद
एक अन्य केस में बहू को सास ने स्नान करने के बाद किचन में जाने और खाना बनाने की सलाह दी। यह मामूली सा विवाद इस हद तक बढ़ा कि बहू नाराज होकर मायके चली गई। इस मामले में भी 12 महीने तक परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से सुलह की कोशिशें चलती रहीं, और अंत में दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ।
समाज में फैलती विकृति की कड़ी चेतावनी
आधुनिकता की चकाचौंध और स्वतंत्रता की बढ़ती भावना ने भारतीय परिवारों में रिश्तों को कमजोर कर दिया है। इसने कई घरों को टूटने की कगार पर ला खड़ा किया है। परिवार परामर्श केंद्र लगातार इस दिशा में प्रयासरत है और दंपत्तियों को एक साथ रहने के लिए समझा रहा है, ताकि उनके दांपत्य जीवन को बचाया जा सके।
परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग
रविवार को पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केंद्र पर दोनों पक्ष के लोग एकत्र हुए थे। कुछ लोग अपनी मां के साथ आए थे, तो कुछ अपने पिता, भाई और दोस्तों के साथ। विवाद के कारणों को सुनकर जहां लोगों की हंसी छूट गई, वहीं समाज में बढ़ रही इस विकृति को देखकर दिल भी दुखी हुआ।
सफल काउंसलिंग और सुलह
परिवार परामर्श केंद्र में हुई काउंसलिंग के बाद 10 दंपत्तियां पुनः एक साथ रहने को राजी हो गईं। ये सभी दंपत्तियां जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से आई थीं और कुछ समय से आपसी विवाद के कारण अलग रह रही थीं। परिवार परामर्श केंद्र के प्रभारी महिला उप निरीक्षक रीता यादव और उनकी टीम के सदस्यों द्वारा की गई इस काउंसलिंग की प्रक्रिया में ये दंपत्तियां एक दूसरे से फिर से जुड़ीं।
परामर्श केंद्र की टीम की सराहना
इस काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान परिवार परामर्श केंद्र की टीम में महिला उप निरीक्षक रीता यादव, महिला मुख्य आरक्षी ममता तिवारी, महिला आरक्षी सपना, ओपी सुनीता देवी, सदस्य सुरेश जायसवाल, निर्मला राय और डॉ. कृष्णा सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सभी के प्रयासों से ही इन दंपत्तियों के रिश्तों में सुधार आ पाया और वे फिर से एक साथ रहने के लिए राजी हो गए।