मानसून को विदा हुए करीब डेढ़ माह बीत चुका है। हमारी झीलें लबालब हैं। इस बीच कई पर हवा के झोंकों के बीच अब भी हल्का-हल्का ओवरफ्लो जारी है। उदयसागर अपनी कुल भराव क्षमता 24 फीट पर करीब ढाई माह पहले ही 3 सितंबर को लबालब हो गई, लेकिन कैचमेंट की पहाड़ियों मे
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उदयपुर से मानसून ने 2 अक्टूबर को विदाई ली थी, तबसे लेकर अब तक शहर की प्रमुख झीलों में शुमार फतहसागर 13 फीट के मुकाबले 6 इंच खाली हुई है। इसमें 12.6 फीट पानी है। इसी तरह पिछोला में 11 फीट के मुकाबले अभी सिर्फ एक इंच पानी कम हुआ है और जलस्तर 10.11 फीट बना है। पिछले साल के मुकाबले इस साल इन दोनों का जलस्तर अधिक है। बीते साल इसी समय फतहसागर 2 फीट खाली होकर 11 फीट और स्वरूपसागर 0.7 इंच खाली होकर 10.5 फीट पर थी। हालांकि उदयसागर 24 फीट पर ही लबालब थी।
अभी फतहसागर और स्वरूपसागर से रोज सवा लाख लोगों की प्यास बुझाई जाती है। फतहसागर से 15 एमएलडी और स्वरूपसागर से 28.5 एमएलडी पानी लिया जा रहा है। इस कारण इनका जलस्तर कम हुआ है। जबकि उदयसागर का पानी सिर्फ सिंचाई के काम आता है। अभी सिंचाई के लिए उदयसागर के गेट नहीं खोले गए हैं। इसके अलावा इनको भरने वाले बांध आकोदड़ा, देवास और मादड़ी भी भरे हुए हैं।
वजह ये…मानसून के आखिरी दौर में भरीं, विदाई के बाद 4 इंच बारिश
- इस साल शहर की सभी झीलें मानसून के आखिरी महीने यानी सितंबर में फुल हुई थी, जबकि 2023 में जून-जुलाई में ही लबालब हो गई थी।
- झीलों का जलस्तर अब तक नहीं गिरने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि इस साल मानसून के बाद 13 अक्टूबर को एक ही दिन में 4 इंच बारिश हुई। इससे जलस्स्रोतों में आवक फिर तेज हो गई।
- उदयपुर में पिछले साल 2023 में मानसून विदा होने के दो महीने तक बारिश नहीं हुई थी। पिछले साल भी मानसून ने 2 अक्टूबर को विदा हुआ था। इसके बाद 26 और 27 नवंबर को करीब एक इंच बारिश हुई थी।
ये फायदे…पेयजल और पर्यटन की चिंता दूर
पर्यटन सीजन चल रहा है। देश-विदेश से लोग उदयपुर में झीलें देखने ही आते हैं। झीलें फुल रहेंगी तो पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। पीने के पानी की किल्लत नहीं होगी। अगर सर्दी अच्छी पड़ती है और नवंबर से फरवरी तक मावठा या एक-दो अच्छी बारिश हो जाती है तो भी झीलों का जलस्तर अच्छा रहेगा। इससे गर्मियों में भी ज्यादा समस्या नहीं होगी।
औसत से 80.6 मिमी ज्यादा पानी गिरा था इस साल जिले में औसत के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा पानी गिरा। जिले में मानसून सीजन के दौरान औसत बारिश का आंकड़ा 617.7 मिमी तय है यानी इतनी बारिश होनी चाहिए। इसकी तुलना में 698.3 मिमी यानी 80.6 मिमी ज्यादा पानी बरसा। यह लगातार दूसरा साल है, जब मानसून सामान्य से कुछ ही ज्यादा मेहरबान रहा। पिछले साल भी औसत से महज 12.6 फीसदी यानी करीब 695.6 मिमी ज्यादा बारिश हुई थी।