इंदौर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के लिए हाल ही में आए 16 डिब्बों वाले नए रैक को अब दिल्ली भेजने का आदेश जारी कर दिया गया है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह रैक कुछ दिन पहले ही इंदौर पहुंचा था और इसका ट्रायल और मेंटेनेंस कार्य लक्ष्मीबाई
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दिल्ली में वंदे भारत ट्रेनों की जरूरत, इंदौर-नागपुर योजना टली
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में नई वंदे भारत ट्रेनों के संचालन और तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके चलते इंदौर-नागपुर रूट पर 16 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन की योजना फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
इस निर्णय से यात्रियों में निराशा देखने को मिल रही है, क्योंकि त्योहारों के सीजन में इस रूट पर भारी भीड़ रहती है। यात्रियों को उम्मीद थी कि 16 कोच जुड़ने से सीटों की भारी कमी दूर होगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह योजना पूरी तरह रद्द नहीं की गई है, बल्कि फिलहाल टाल दी गई है। जैसे ही नए रैक उपलब्ध होंगे, इंदौर को प्राथमिकता दी जाएगी। स्थिति स्पष्ट होते ही नई तारीख घोषित की जाएगी।
फिलहाल इस रूट पर 8 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन ही संचालित हो रही है, जिसकी बुकिंग कई बार हफ्तों पहले ही फुल हो जाती है। यात्रियों का कहना है कि यदि 16 कोच की ट्रेन शुरू होती, तो त्योहारी सीजन में यात्रा करना आसान हो जाता।
27 जून से शुरू हुई थी इंदौर-भोपाल वंदे भारत
इंदौर और भोपाल के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत 27 जून को हुई थी। यह ट्रेन इंदौर से भोपाल के बीच केवल उज्जैन स्टेशन पर 5 मिनट के लिए रुकती है।
इससे पहले इस रूट पर सबसे तेज ट्रेन इंदौर–जबलपुर एक्सप्रेस थी, जो यह दूरी 3 घंटे 55 मिनट में तय करती थी।
रेल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत के पहले महीने में इस ट्रेन में औसतन 75% सीटें खाली रहीं। केवल 25% यात्रियों के साथ ट्रेन का संचालन हुआ। बाद में यात्रियों की संख्या में सुधार देखा गया और 28 जून से नियमित संचालन के दौरान ट्रेन ने पूर्ण सीट क्षमता के साथ यात्रियों को यात्रा कराई।