उत्तर प्रदेश के विद्युत विभाग में चल रहे असंतोष के बीच विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में वाराणसी में जारी अनिश्चितकालीन सत्याग्रह ने आखिरकार प्रबंधन को झुकने पर मजबूर कर दिया। संघर्ष समिति की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर देर रात पुलिस
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धरना स्थल पर पहुंची पुलिस।
वाराणसी के मुख्य अभियंता और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की और उन्हें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से मुलाकात कर सभी मुद्दों पर बातचीत का आश्वासन दिया। कर्मचारियों को सुबह मुलाकात के लिए बुलाया गया है। संघर्ष समिति ने इस आश्वासन के बाद अपना अनिश्चितकालीन धरना समाप्त किया। समिति के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि वार्ता के उपरांत ठोस समाधान नहीं निकलता, तो संघर्ष की अगली रणनीति घोषित की जाएगी।
संघर्ष समिति की प्रमुख पांच मांगें
1. बिजली कर्मचारियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता और नियमों का पालन हो।
2. उत्पीड़न की भावना से किए गए स्थानांतरण आदेश रद्द किए जाएं।
3. पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए।
4. संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए और उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।
5. कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं सम्मानजनक माहौल सुनिश्चित किया जाए।