नवादा में किसानों के लिए सकरी नदी में पौरा से निकली पूर्वी नहर की उड़ाही के बाद दर्जनों नाला और कलवर्ट का मुहाना बंद हो गया है। इसके बाद क्षेत्र के किसानों में खेतों तक नहर का पानी नहीं पहुंचने की चिंता सताने लगी है।
.
मकनपुर गांव के किसान पप्पू सिंह, प्रमोद सिंह, मनोज कुमार, नवीन सिंह, बासोचक के इंद्रदेव महतो, तनिक राउत आदि ने कहा कि नहर से गाद उड़ाही करते हुए करीब डेढ़ माह से अधिक समय बीत चुका है।
किसानों की बढ़ी चिंता
इसके बाद भी संवेदक की ओर से नहर उड़ाही के दौरान दोनों किनारे से निकली पाइन, टडुआ का छोटा पुलिया एवं कलवर्ट पूरी तरह से ढक गया है। इससे नहर में पानी आने के बाद भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाएगी। किसान इस बात को लेकर काफी चिंता में है।
किसानों का कहना है कि अगर बरसात से पहले करवर्ट आदि की मरम्मत नहीं हुई, तो हम लोगों के खेतों की सिंचाई संभव नहीं हो सकेगी। बता दें कि डेढ़ माह पहले पौरा पूर्वी नहर में भरे गाद और बड़े-बड़े कांश के झाड़ की उड़ाही हाइड्रो मशीन से करवाया गया था।
हालांकि, संवेदक की ओर से गाद उड़ाही के दौरान काफी अनियमितता बरतने की बात कही गई है। नहर में शील्ड जमने का प्रमुख कारक कांश का झाड़ था। उड़ाही के दौरान झाड़ के जड़ को मशीन से मिट्टी देकर नहर में ही ढक दिया गया है।
चुनाव को लेकर अधिकारी व्यस्त
इस कारण कांश का जड़ फिर से उगकर घना स्वरूप में आने लगा है। मकनपुर गांव के किसानों के अनुसार एक बरसात के बाद नहर फिर से अपने पुराने स्वरूप में आकर कांश झाड़ से भर जाएगा। इसके कारण नहर में फिर जल्दी गाद भर जाएगी।
हालांकि, नहर के पहले भाग पौरा से चंडीपुर फॉल तक कि उड़ाही काम अभी समाप्त नहीं हुआ है। बताया जाता है कि नहर की उड़ाही सिर्फ नवादा जिले की सीमा (बाजिदपुर) तक ही करने की योजना है। नहर की उड़ाही हुई है।
इस नहर से पौरा से लेकर बरबीघा के माउर गांव तक तीन जिले के चार प्रखंड नवादा के वारिसलीगंज, नालंदा के कतरीसराय और शेखपुरा के शेखोपुरसराय एवं बरबीघा प्रखंडों के एक सौ से अधिक गांव के किसानों के खेतों तक सकरी नदी का बरसाती लाल पानी पहुंच जाएगा।
मकनपुर गांव के किसान प्रमोद सिंह, पप्पू सिंह, बीरबल राउत, कारू सिंह, मदन सिंह सहित चंडीपुर के किशोर सिंह, फंटूश सिंह, श्रवण सिंह, ललित राम, महेश सिंह समेत क्षेत्र के अन्य गांव के किसान कहते हैं कि नहर में गाद की उड़ाही से लाभुक गांव के किसानों में काफी खुशी है।
लेकिन, नहर से निकली विभिन्न पाइन, टडुआ का करवर्ट मिट्टी से ढक गया है। इसकी मरम्मत अभी तक नहीं की गई है। यह किसानों के लिए चिंता का विषय है। इधर नहर विभाग के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि फिलहाल नहर के दूसरे पार्ट की उड़ाही चल रही है।
चुनाव को लेकर अधिकारी व्यस्त हैं। उड़ाही समाप्ति के बाद मिट्टी में ढके सभी पाइन, टडुआ एवं करवर्ट की मरम्मत का काम किया जाएगा। कार्य 29 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।