The per hectare production of pulses in the state is 1060 kg, which is more than the national average | राज्य में दलहन का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 1060 किलो, यह राष्ट्रीय औसत से ज्यादा – Ranchi News


खान, पहाड़ और जंगल की पहचान वाला झारखंड अब कृषि उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्व में सबसे अधिक प्रति हेक्टेयर दाल उत्पादन करने वाला प्रदेश झारखंड है। विश्व में प्रति हेक्टेयर दाल उत्पादन का आंकड़ा 1000 किलोग्राम है। भारत में दाल उत्पादन का राष्

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मिलेट श्रेणी में मड़ुआ, ज्वार, बाजरा, कुटकी, कोदो और सामा की खेती यहां हो रही है। दो साल पहले झारखंड में 20 हजार हेक्टेयर में मिलेट की खेती होती थी। अभी मिलेट की खेती के लिए 1.77 लाख किसानों ने 90 हजार हेक्टेयर में फसल लगाने में रजिस्ट्रेशन कराया है। राज्य में मिलेट मिशन के बाद यह बढ़ोतरी हुई है। झारखंड मिलेट मिशन योजना के तहत मोटे अनाज की खेती कर रहे किसानों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी। खेती करने वाले किसानों को 3000 से लेकर 15000 रुपए तक की आर्थिक सहायता मिलेगी। 1 से 5 एकड़ तक भूमि वाले किसान को लाभ देने की योजना है। वैसे, झारखंड तेलहन में अभी पिछड़ा है। लेकिन इसमें भी धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। एनएफएसम योजना में अब झारखंड के सभी 24 जिले शामिल किए गए हैं। पहले 12 जिले ही इस योजना में शामिल थे।

गेहूं का उत्पादन बढ़ाने की भी योजना तय

राज्य के 52155 हेक्टेयर में अतिरिक्त रूप से मोटे अनाज, दलहन और तिलहन की खेती शुरू हुई है। गेहूं, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी, मक्का, सरसों व चना की खेती हो रही है। किसानों को बीज उपलब्ध कराने को लेकर इन सभी फसलों के लिए सरकार के ओर से भी बीज किसानों को दी जा रही है। दो साल और उससे पूर्व भी राज्य में जब सुखाड़ की स्थिति बनी थी, तो धान का उत्पादन कम हो गया था। सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी, मक्का, सरसों एवं चना की खेती की जाती थी। राज्य में गेहूं की फसल और उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है। खाद्यान्न सुरक्षा की दृष्टि से गेहूं का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार ने गेहूं का भी उत्पादन बढ़ाने की योजना तय की है। इन फसलों को बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत शामिल किया गया है।

दलहन पर झारखंड की आत्मनिर्भरता की हुई चर्चा

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 14 दिसंबर को हुई मुख्य सचिव सम्मेलन में झारखंड की दलहन में आत्मनिर्भरता पर चर्चा हुई थी। मुख्य सचिव ने दलहन के क्षेत्र में प्रदेश की सहभागिता पर एक प्रजेंटेशन भी दिया था। सम्मेलन में विकास के लिए आत्मनिर्भर होने की प्रक्रिया में कृषि, रोजगार विषयों पर विमर्श हुआ था।

  • प्रमुख फसलें : धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन और बागवानी फसलें
  • 38 लाख हेक्टेयर है झारखंड में खेती योग्य जमीन
  • 79.70 लाख हेक्टेयर राज्य में भौगोलिक क्षेत्र

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