उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (एसएसएच) में अगस्त में हुई 15 करोड़ की टेंडर प्रक्रिया जांच में गलत साबित हुई है। इसका खुलासा शिकायत की जांच कर रहे चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के आयुक्त इकबाल खान की जांच रिपोर्ट म
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मेडिकल कॉलेज के बतौर प्रधानाचार्य व नियंत्रक का पद भी उनके पास ही है। ऐसे में टेंडर में गड़बड़ी की जांच बतौर प्रथम अपील अधिकारी उन्होंने ही की। उन्होंने प्रक्रिया को सही बताकर शिकायत खारिज कर दी थी। बाद में जांच बतौर द्वितीय अपील अधिकारी चिकित्सा शिक्षा निदेशालय आयुक्त के पास आई तो गड़बड़ी सामने आई। आयुक्त ने जांच रिपोर्ट में प्रथम अपील अधिकारी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के प्रधानाचार्य व नियंत्रक के निर्णय को अविवेकपूर्ण बताया है। यह भी लिखा है कि निविदा प्रक्रिया में आरटीपीपी एक्ट 2012 व नियम 2013 की पालना नहीं की गई है। निविदा प्रक्रिया को निरस्त कर कार्य के लिए वापस टेंडर करने के निर्देश भी दिए हैं।
ये गड़बड़ियां की थी
200% टर्नओवर मांगा, प्रावधान 100% का ही। एसएसएच ने 3 अगस्त 2024 को निविदा निकाली। ऑनलाइन पोर्टल एसपीपीपी पर 6 अगस्त को अपलोड की। प्री-बिड मीटिंग 12 अगस्त सुबह 11:30 बजे होना बताया। ई-प्रोक्यूपमेंट पर टेंडर शाम 5:15 बजे अपलोड किया। ई-प्रोक्यूपमेंट में प्री-बिड तारीख व जगह की जानकारी वाला कॉलम खाली। टेंडर अपलोड करते समय अंतिम तारीख बदलकर 28 अगस्त की। इसे बढ़ाकर 2 और बाद में 5 सितंबर की। अंतिम तारीख से एक दिन पहले 4 सितंबर को एक और संशोधन किया। एक-एक करोड़ के वर्क ऑर्डर वाली शर्त आसान की। तारीख भी बढ़ाकर 11 सितंबर कर दी।
जांच अधिकारी ने टेंडर वापस करने को कहा
जांच अधिकारी ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के जवाबों को एक्ट व नियम 2013 के तहत संतोषप्रद नहीं माना। निविदा में एक्ट व नियम 2013 की पालना नहीं होना पाया। आयुक्त ने राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल उदयपुर को निविदा निरस्त कर इसे पुनः जारी करने तथा राजस्थान उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 व नियम 2013 के अनुसार ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
“टेंडर निरस्त करने का ऑर्डर मिल गया है। जांच रिपोर्ट मिल गई है। हम नए टेंडर की तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही नए टेंडर करवाए जाएंगे।” डॉ. विपिन माथुर, प्रधानाचार्य नियंत्रक आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर