The MP called himself a ‘joker’; Suni-Sunai; Alok Sharma; Dr Mohan Yadav | सांसद ने खुद को बताया ‘जोकर’: ‘सरकार’ का सलाहकार बनने की होड़; अचानक एक्टिव हो गए मंत्री जी – Bhopal News


सूबे के ‘सरकार’ के मीडिया सलाहकार बनने की कतार में सत्ताधारी दल के चार धुरंधर जोर आजमाइश कर रहे हैं। चारों अपने-अपने लेवल पर हरसंभव कोशिश में जुटे हैं। ये सभी दावेदार मीडिया डिपार्टमेंट से आते हैं।

.

एक ने संघ और सरकार से सिफारिश लगाई है तो दूसरे सरकार के करीबी अफसरों के जरिए साहब को साधने की जुगत में लगे हैं। तीसरे दावेदार डिपार्टमेंट के मौजूदा मुखिया हैं और संगठन और सरकार में मजबूत पकड़ के दम पर ताकत लगा रहे हैं। चौथे दावेदार पहले से एडवाइजर का काम संभाल चुके हैं। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में एक्टिव रहते हैं।

सबसे अहम दावेदार बजट सत्र के दौरान पूरे समय एक्टिव रहे। हालांकि, अब फैसला ‘सरकार’ को लेना है। ‘सरकार’ चाहते हैं कि सलाहकार ऐसा हो जिसकी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं कम हो, साथ ही पर्सनल पॉलिटिक्स में इंट्रेस्ट न रखता हो। अब देखते हैं कौन बाजी मारता है।

सांसद ने खुद को कहा जोकर

राजधानी में बीते दिनों सत्ताधारी दल की एक बैठक हुई। जिसमें एक सांसद ने मंच से जो भाषण दिया, उसे लेकर पार्टी में ही चर्चाएं हो रहीं हैं कि आखिर सांसद जी ने ऐसा क्यों कहा?

भाषण देते वक्त सांसद ने कहा कि ‘अब कोई मंथरा कुछ नहीं कर पाएगी। और मैं तो जोकर हूं। अब जोकर सांसद बन गया है। पहले चुनाव हारा तो शहर का मुखिया बना और अब चुनाव हारा तो अब ये जोकर सांसद बन गया है।’

सांसद जी ने खुद को जोकर बताते हुए किस पर निशाना साधा‌? इसका जवाब तलाशने में लोग लग गए हैं।

मुसीबत बना सिफारशी लाइसेंस

लाइसेंसी हथियार स्टेटस सिंबल माना जाता है। एमपी के चंबल इलाके में तो एक जमाने में हर घर में हथियार हुआ करते थे। लाइसेंसी कम, अवैध ज्यादा..

हाल ही में सूबे की एक महिला मंत्री अपनी ही सिफारिश के कारण मुसीबत में घिर गई हैं। दरअसल, मंत्री महोदया की सिफारिश पर जो आर्म्स लाइसेंस बनाया गया था, उसी हथियार से एक दलित युवक की हत्या हो गई।

इस हत्याकांड के बाद विरोधी दल सरकार के साथ मंत्री को घेर रहा है। अब आने वाले वक्त में होने वाले संभावित बदलाव से मंत्री सहमी हुई हैं।

बदलाव के डर से मंत्री एक्शन में

आने वाले समय में सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव के संकेत हैं। हालांकि, बदलाव कब होगा ये तय नहीं हैं। ऐसे में कई नॉन परफॉर्मर मंत्री अपने फ्यूचर को लेकर टेंशन में हैं।

खबर है कि अगली बार होने वाले बदलाव में कुछ विकेट गिर सकते हैं। नए-पुराने प्लेयर टीम में शामिल किए जाएंगे।

इधर, कुर्सी जाने के डर से एक मंत्री जी ने अपनी हर एक्टिविटी के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कराने शुरू कर दिए हैं। मंत्री जी अफसरों को ठीक काम करने की हिदायत देते हुए वायरल हुए।

इसके बाद मंत्री जी ने राजधानी में वाहन चेकिंग कर रहे ट्रैफिक पुलिस के जवानों को अपनी स्टाइल में समझाया। अब पुलिस महकमे के लोग कह रहे हैं कि मंत्री जी सरकार में हैं और सरकार से चेकिंग बंद करने के आदेश करवा दें, तो इसकी जरूरत ही नहीं पडे़गी। वैसे मंत्री जी की पुलिस से पुरानी अदावत है।

बेवजह तनाव दे रहे सीनियर अफसर

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले राजस्व महाभियान 2.0 की शुरुआत हो गई है। इस बीच प्रदेश के कई जिलों के कलेक्टर और राजस्व महाभियान में मुख्य भूमिका निभाने वाले अफसरों के बीच मनमुटाव और तनाव देने के मामले सामने आ गए हैं।

बुंदेलखंड के एक जिले में मामला इतना बिगड़ गया कि जूनियर अफसर के समर्थन में कई जिलों के निचले स्टाफ ने हड़ताल तक की धमकी दे दी है। मामला सरकार तक भी पहुंच गया।

इसी तरह की तनाव की स्थिति विन्ध्य क्षेत्र और मालवा के भी एक-एक जिले की है। देखना यह है कि अफसरों के बीच तनातनी का मामला महाभियान की सफलता में आड़े आता है या फिर पहले से भी अच्छा रिस्पांस मिलता है।

और अंत में…

रीजनल इन्वेस्टर्स समिट से दो कलेक्टरों को राहत

बुंदेलखंड और विंध्य के एक-एक कलेक्टर के तबादले की चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले कहा जा रहा था कि जब भी लिस्ट जारी होगी इन दो कलेक्टरों के नाम शामिल होंगे, लेकिन इन दोनों कलेक्टरों को रीजनल इन्वेस्टर्स समिट की वजह से फिलहाल राहत मिलती दिख रही है।

सरकार के मुखिया का फोकस रीजनल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता पर है। आगामी दो महीने में इन दोनों संभागीय मुख्यालय वाले शहरों में समिट होना है। इससे पहले कलेक्टर को हटा कर तैयारियों में किसी भी तरह का कोई गैप रखने के मूड में सरकार नहीं है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *