The lives of 361 Haj pilgrims from Chhattisgarh were in danger… | छत्तीसगढ़ के 361 हज यात्रियों की जान सांसत में रही…: 40 हजार फीट की ऊंचाई पर मुंबई आ रहे जंबो जेट का एसी बंद-खराबी, जेद्दा में नहीं उतरने दिया, तब मदीना में लौटकर लैंडिंग – Raipur News


छत्तीसगढ़ के 361 समेत 540 हज यात्रियों की जान 17 जुलाई तड़के तब खतरे में पड़ गई, जब सऊदी अरब के मदीना से लौटते वक्त हवा में विमान में खराबी आ गई। तब जंबो जेट को वापस मदीना लैंड कराया गया। 2 घंटे में खराबी दूर नहीं हुई, तो एयरलाइंस ने विमान ही बदल दिय

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तब पायलट ने जेद्दा एयरपोर्ट पर लैंडिंग की इजाजत मांगी। लेकिन जेद्दा एयरपोर्ट में रनवे खाली नहीं था। इस वजह से एटीसी ने लैंड करने की अनुमति नहीं दी। विमान आखिर मदीना वापस लैंड हुआ। इस साल छत्तीसगढ़ से 375 पुरुष और 363 महिलाएं हज पर गए हुए हैं। ये हज यात्रियों का पहला जत्था है, जो सउदी अरब से लौटा है। बाकी बाद में पहुंचेंगे।

आपबीती: नींद में थे, एसी बंद, जलने की बदबू से घबराहट

हज पूरा हो गया था। सब खुश थे कि घर के लिए उड़ान भर रहे थे। हमारी फ्लाइट मदीना से मंगलवार की रात 12.50 थी। लेकिन विमान 1.30 बजे के बाद उड़ा। बहुत रात होने से अधिकतर लोग सो गए थे। अचानक सबको गर्मी लगने लगी। पता चला कि एसी बंद हो गया। वायर जलने की बदबू आने लगी। बुजुर्ग दुआएं मांगने लगे। हमने क्रू से पूछा क्या हुआ, पर उन्होंने जवाब नहीं दिया। मेरी घड़ी में रात 3:25 बज रहे थे। फ्लाइट में महिलाएं इतनी घबरा गईं कि अपने बच्चों को गोद में ले लिया। फिर घोषणा की गई कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई है।

जेद्दा एयरपोर्ट पर विमान उतरने की मंजूरी न मिलने से फ्लाइट करीब 4:05 बजे वापस मदीना में लैंड हुई। सबको जल्दी विमान से उतरने के लिए कहा गया। हाजियों को विमानतल के लाउंज में लाया गया। वहां सबने सुबह फजिर की नमाज पढ़ी। सुबह 7 बजे के बाद बताया गया कि उन्हें मुंबई ले जाने के लिए नई फ्लाइट आ रही है। 9 बजे के बाद दूसरी फ्लाइट रनवे पर पहुंची। फिर सब उससे दोपहर 1.06 बजे मुंबई पहुंचे। शुक्र है कि हम 7 घंटे की देरी से सही, पर सकुशल लौट आए।
जैसा यात्री रायपुर के शेख इरफानुद्दीन ने बताया।

अकेले रायपुर के 116 हज यात्री सवार थे
सबसे ज्यादा 116 यात्री रायपुर के थे। बिलासपुर के 25, दुर्ग के 43 नांदगांव के 31, कोंडागांव के 20, सूरजपुर के 3, मुंगेली, बालोद, गरियाबंद, नारायणपुर व बेमेतरा के 2-2, कोरिया के 15, कोरबा के 10, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के 11, महासमुंद के 14, कांकेर, कवर्धा व बस्तर के 6-6, सरगुजा, जांजगीर के 4, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 8, धमतरी व बलौदाबाजार के 12-12, बलरामपुर के 5 लोग सवार थे।

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