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- The Last Amavasya Of 2024 Is On 30 December, Paush Month Amawasya Significance In Hindi, Surya Puja Vidhi In Hindi
9 मिनट पहले
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2024 की अंतिम अमावस्या (पौष) सोमवार, 30 दिसंबर को है। सोमवार को अमावस्या होने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस पर्व पर पूजा-पाठ, पितरों के लिए तर्पण, दान-पुण्य और नदी स्नान करने की परंपरा है। जानिए पौषी अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…
गरुड़ पुराण अमावस्या पर तर्पण और धूप-ध्यान करने से पितरों को मिलती है शांति
- गरुड़ पुराण में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी पितर देव माने जाते हैं, इसलिए इस तिथि पर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, और धूप-ध्यान किया जाता है। पितरों के लिए धूप-ध्यान दोपहर में करीब 12 बजे करना चाहिए।
- गरुड़ पुराण के मुताबिक, अमावस्या पर तर्पण आदि शुभ काम करने से पितरों को शांति मिलती है और पितरों की कृपा से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
स्कंद पुराण सूर्य पूजा के साथ करें दिन की शुरुआत
- पौष मास में सूर्य पूजा करने का विशेष महत्व है, क्योंकि ये महीना ठंड का है और इस मास में सुबह के समय सूर्य की किरणे हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। सूर्य की किरणों से विटामिन डी मिलता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- स्कंद पुराण के मुताबिक, अमावस्या पर सूर्य पूजा करने से अक्षय पुण्य मिलता है और सूर्य की कृपा से सभी काम सफल होते हैं। ज्योतिष में माना जाता है कि जो लोग अमावस्या पर सूर्य पूजा के साथ दिन की शुरुआत करते हैं, उनकी कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं।
- स्कंद पुराण में बताया गया है कि अमावस्या पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस व्रत रखने और भगवान का ध्यान करने से अक्षय पुण्य मिलता है।
महाभारत अमावस्या पर दान जरूर करना चाहिए
पौष अमावस्या पर्व पर पूजा-पाठ के साथ ही जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य जरूर करें। इस संबंध में महाभारत में बताया गया है कि अमावस्या पर दान-पुण्य करना बहुत शुभ रहता है। दान में कपड़े, धन, खाना, जूते-चप्पल दे सकते हैं।
पौष अमावस्या पर करें महालक्ष्मी की पूजा
महालक्ष्मी कार्तिक मास की अमावस्या पर प्रकट हुई थीं, अमावस्या लक्ष्मी के प्रकट होने की तिथि है, इस कारण हर मास में अमावस्या पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए। देवी लक्ष्मी की पूजा विष्णु जी के साथ करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए।