The Indian market has recovered after every big fall | हर बड़ी गिरावट के बाद बाजार ने भरी उड़ान: एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट 16%, रिकवरी में कभी ढाई महीने तो कभी ढाई साल

मुंबई3 घंटे पहलेलेखक: आदित्य मिश्रा

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बात 2004 की है, देशभर में माहौल था कि अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में NDA लोकसभा चुनाव 2004 जीत रही है। लेकिन रिजल्ट उम्मीद के उलट रहा और NDA चुनाव हार गया।

इस अप्रत्याशित हार से राजनीतिक अनिश्चितता और घबराहट में बिकवाली हुई और 17 मई 2004 को बाजार 16% गिर गया। यह बाजार में किसी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी।

दूसरी सबसे बड़ी गिरावट (13%) 23 मार्च 2020 को आई। तब दुनियाभर में कोरोना महामारी का डर था। सरकार ने देश में महामारी की आशंकाओं के बीच लॉकडाउन की घोषणा कर दी।

हालांकि, हर बड़ी गिरावट के बाद भारत का शेयर बाजार संभला है। इसमें कभी कम तो कभी ज्यादा समय लगा है। पिछली 5 बड़ी गिरावट से रिकवरी में ढाई-महीने से ढाई-साल लगे हैं। इस स्टोरी में बाजार की 5 बड़ी गिरावट और रिकवरी के बारे में बता रहे हैं…

1. 17 मई 2004 को 16% गिरा, ढाई महीने में रिकवर हुआ

  • किस लेवल पर था- मई 2004 में सेंसेक्स 5000 के स्तर पर था।
  • गिरावट- 17 मई को बिकवाली के चलते 500 अंक से ज्यादा (करीब 16%) की गिरावट हुई।
  • कारण- लोकसभा चुनाव में NDA एनडीए की अप्रत्याशित हार से राजनीतिक अनिश्चितता और घबराहट।
  • रिकवरी- जुलाई 2004 में बाजार ने फिर 5000 का लेवल छुआ और तब से ग्रोथ जारी है।

2. 23 मार्च 2020 को 13.15% गिरा, 8 महीने में रिकवर हुआ

  • किस लेवल पर था- नवंबर 2019 से बाजार 41,000 के आसपास कारोबार कर रहा था।
  • गिरावट– 23 मार्च 2020 को 13% से ज्यादा गिरकर 25,900 तक आ गया।
  • कारण– वैश्विक महामारी की आशंकाओं के बीच भारत में COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा।
  • रिकवरी– नवंबर 2020 में बाजार ने फिर से अपने पुराने स्तर यानी 40,000 को छू लिया, तब से ग्रोथ जारी है।
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च 2020 को 21 दिनों के लिए भारत में लॉकडाउन लगाया गया था।

कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च 2020 को 21 दिनों के लिए भारत में लॉकडाउन लगाया गया था।

3. 28 अप्रैल 1992 को 12.77% गिरा, 16 महीने में रिकवर हुआ

  • किस लेवल पर था- 22 अप्रैल 1992 में शेयर बाजार 4400 के स्तर पर था।
  • गिरावट– 28 अप्रैल 1992 को करीब 13% गिरकर 3900 के स्तर पर आ गया।
  • कारण– हर्षद मेहता स्कैम के चलते बाजार से निवेशकों का भरोसा टूटा।
  • रिकवरी– गिरावट नवंबर 1993 तक जारी रही, 16 अगस्त 1994 को पहली बार अपने पुराने लेवल को क्रॉस किया।

4. 24 अक्टूबर 2008 को 10.95% गिरा, 22 महीने में रिकवर हुआ

  • किस लेवल पर था- मई 2028 में बाजार 18,000 को छूने वाला था, जून से गिरावट शुरू हुई। अक्टूबर 2008 तक यह 10,000 तक आ गया।
  • गिरावट– 24 अक्टूबर 2008 को इसमें करीब 11% की गिरावट हुई और 8,566 पर आ गया।
  • कारण– ले-मैन ब्रदर्स के कोलैप्स होने से ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस और ज्यादा गहराई।
  • रिकवरी– इसी हफ्ते रिकवरी भी शुरू हुई, हालांकि इसमें करीब 22 महीने का समय लगा और जुलाई 2010 में बाजार अपने पुराने स्तर पर आया।

5. 21 जनवरी 2008 को 7% गिरा, 22 महीने में रिकवर हुआ

  • किस लेवल पर था- दिसंबर 2007 में बाजार ने 20,000 का स्तर पार कर लिया था। इसके बाद उतार-चढ़ाव रही।
  • गिरावट– 21 और 22 जनवरी के 7% और 5% की गिरावट के बाद बाजार दो दिन में 15,300 के स्तर पर आ गया।
  • कारण– 2008 के वित्तीय संकट के शुरुआती झटके, वैश्विक संकेतों से बिकवाली तेजी से बढ़ी।
  • रिकवरी– गिरावट जारी रही, 27 अक्टूबर को बाजार 7600 के स्तर तक आ गया। इसके बाद रिकवरी शुरू हुई और 27 सितंबर 2018 को करीब ढाई साल बाद बाजार अपने पुराने स्तर पर आया।

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