निजी क्लिनीक में इलाज के दौरान 2 साल के बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया। मामला प्रतापगढ़ शहर का है।
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गांठ के ऑपरेशन के लिए किया था भर्ती मासूम बच्ची के पिता श्यामलाल ने बताया-मेरी दो साल की बेटी तन्वी के पेट में एक गांठ थी। 11 अक्टूबर को वह प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में अपनी दो साल की मासूम को लेकर पहुंचे। जहां प्रथामिक उपचार के बाद डॉ. अंशुल जैन ने बाद में घर पर इलाज के लिए बुलाया गया था। इसके बाद मंगलवार को परिजन शाम को बच्ची को लेकर डॉ.अंशुल जैन के घर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने बच्ची के पेट में हो रही गांठ का ऑपरेशन शुरू किया। मगर ऑपरेशन के दौरान मासूम की तबियत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टर अपने निजी वाहन से बच्ची और उसके परिजनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए। जहां उसने दम तोड़ दिया।
अस्पताल में बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में जुट गए
मंगलवार शाम 6 बजे बच्ची की मौत हो जाने के बाद परिजन और सामाजिक संगठन के लोग अस्पताल के बाहर डॉक्टर को अस्पताल से हटाने, लाइसेंस को रद्द करने और कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।
अस्पताल प्रभारी डॉ. ओपी दायमा ने बताया-शिकायत मिलने के बाद यूटीबी पर लगे डॉक्टर अंशुल जैन को हटा दिया गया है। राज्य सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। स्पताल के रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है।
अस्पताल में मौजूद पुलिस प्रशासन
कानूनी कार्रवाई की मांग पर अड़े परिजन वहीं परिजन डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए हैं। परिजनों का कहना है कि जब तक डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक वे अस्पताल से नहीं हटेंगे। उन्होंने शव लेने से भी इनकार कर दिया है। साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी है। परिजनों ने कलेक्टर को कार्रवाई को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा है।
कलेक्टर ने कहा-जांच के लिए टीम का गठन किया मामले को लेकर कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने बताया-घर पर अपने निजी क्लीनिक पर डॉक्टर अंशुल जैन द्वारा मासूम के ऑपरेशन के दौरान मौत के मामले में टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए हैं। परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करने के निर्देश देकर कार्रवाई जारी है।