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- The Full Moon Will Begin At 12:23 P.m.; Learn The Method Of Worshipping Lord Vishnu And Lakshmi. The Moon Will Be 16 Phases Today.
12 मिनट पहले
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सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाने वाली शरद पूर्णिमा इस साल 6 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस त्योहार का निर्णय चंद्रमा की चांदनी से होता है। यह मान्यता है कि बरसात के बाद आसमान धूल-मिट्टी से मुक्त रहता है, और इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है, जिससे उसकी रोशनी के साथ अमृत वर्षा होती है।
शरद पूर्णिमा को चंद्र देवता और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए बहुत शुभ और फलदायी माना गया है। इस दिन इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन धन की देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। साथ ही, इसी दिन भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ और श्री कृष्ण ने महारास रचाया था। यह पर्व इसलिए भी खास है क्योंकि चंद्रमा इस दिन अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 06 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर 07 अक्टूबर 2025 को सुबह 09:16 बजे तक रहेगी। इसलिए शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 6 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
पूजन का विधान और धार्मिक महत्व
भगवान विष्णु-लक्ष्मी जी की पूजा विधि शरद पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद भगवान विष्णु-लक्ष्मी और चंद्र देवता के लिए व्रत का संकल्प लें। पूजा घर में या ईशान कोण में चौकी पर कपड़ा बिछाकर देवताओं की तस्वीर रखें और गंगाजल छिड़कें। इसके बाद पुष्प, फल, धूप-दीप, चंदन-रोली, अक्षत, मिष्ठान, तुलसी आदि अर्पित करके पूजा करें और भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करें।
चंद्रमा को अर्घ्य और खीर शाम के समय चंद्रोदय होने पर, चंद्र देवता को एक कलश में चावल, सफेद पुष्प, दूध, गंगाजल और दूर्वा आदि डालकर अर्घ्य दें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा करें। सबसे महत्वपूर्ण विधान यह है कि चंद्रमा की रोशनी में पहले से बनी मखाने, केसर, इलायची और मिश्री युक्त खीर को जाली से ढककर रखें। इस खीर का अगले दिन या 3-4 घंटे बाद प्रसाद स्वरूप खुद भी सेवन करें और दूसरों को भी बाँटें।
धार्मिक महत्व: खीर में चंद्रमा का प्रभाव हिंदू मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की अमृत किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत शुभ माना गया है। चंद्रमा की शुभ किरणें मन को शांत और आनंदित करती हैं। साथ ही, चंद्र देवता, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि चंद्रमा की अमृत किरणों में रखी खीर का सेवन करने से सेहत और सौभाग्य में वृद्धि होती है।