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सूखत के प्रावधान सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समिति कर्मियों की हड़ताल मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद खत्म हो गई है। बीते 9 दिनों से संघ के सदस्य हड़ताल पर थे। इधर समिति कर्मचारियों के हड़ताल से लौटने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली है। समर्थन मूल्य पर प्रदेश और जिले में 14 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी को लेकर सुकमा प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। जिले में 18422 किसानों का पंजीयन और नवीनीकरण किया गया है। वहीं जिले की सीमा से लगे पड़ोसी राज्य ओडिशा से धान छत्तीसगढ़ न पहुंचे, इसके लिए प्रशासन ने नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।
सोसाइटी के कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने से सबसे ज्यादा राहत की सांस किसानों ने ली है। धान खरीदी की जिम्मेदारी सोसाइटियों के जिम्मे है। अगर आंदोलन खत्म नहीं होता तो धान खरीदी प्रभावित होती। सुकमा सहकारी समिति के जिलाध्यक्ष नवीन मिश्रा ने बताया कि 6 वर्ष से लंबित वेतनवृद्धि की मांग को सरकार ने मान ली है। पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने 25 प्रतिशत वेतनवृद्धि का आदेश 24 घंटे के भीतर पारित कर दिया है। शेष दो मांगों के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन का निर्णय लिया गया है। कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जाएगी। कोचियों-बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश धान खरीदी के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी जारी है। धान खरीदी केंद्रों में मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्र में कांटा-बाट, नापतोल, बारदाना, कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, रखरखाव, पेयजल, स्वास्थ्य किट, छांव, बायोमैट्रिक डिवाइस, मानव संसाधन सहित अन्य व्यवस्था तय करने के निर्देश दिए हैं। धान खरीदी केंद्र में खरीदी की दर सूची लगाने, आर्द्रता मापक यंत्र से धान की नमी को मापने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी की सतत निगरानी रखने तथा कोचियों व बिचौलियों से अवैध धान की खरीदी-बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने अफसरों को निर्देशित किया है।