शहर की जिन कॉलोनियों में रहवासियों के घरों में बिल्डर के नेटवर्क की बिजली पहुंच रही है उन्हें दो बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो उन्हें बिजली कंपनी सीधे नए कनेक्शन नहीं दे रही है। दूसरी बड़ी परेशानी यह की ये लोग सब्सिडी वाले सोलर पैनल
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आम उपभोक्ताओं से दो से ढाई रुपए यूनिट महंगी पड़ती है बिजली
एक कॉलोनी के रहवासियों के साथ एक सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इन्हें आम उपभोक्ताओं की तुलना में लगभग ₹2 से लेकर ढाई रुपए प्रति यूनिट बिजली महंगी पड़ती है। आम उपभोक्ताओं को बिजली खपत के अलावा सभी चार्ज मिलाकर 7.45 रुपए प्रति यूनिट देने पड़ते है। ऐसी कई कॉलोनी के उपभोक्ताओं को 9.45 से लेकर 10.25 रुपए तक देने पड़ रहे हैं।
एक हफ्ते में 22 आवेदन रिजेक्ट हुए
मिनाल रेसीडेंसी के रहवासी धीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि उनके समेत 22 लोगों ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। सभी आवेदन रिजेक्ट हो गए। अधिकारियों ने साफ कह दिया कि नया कनेक्शन नहीं मिलेगा। शुक्ला ने बताया कि नियामक आयोग ने हाल ही में नियमों में संशोधन कर दिया है, फिर भी कनेक्शन नहीं मिला।
आयोग ने हाल में किया यह संशोधन
नियामक आयोग द्वारा हाल ही में किए गए प्रावधान के मुताबिक जिस कॉलोनी में बिल्डर ने सिंगल प्वाइंट एचटी कनेक्शन लिया है वहां के रहवासी चाहें तो बिल्डर द्वारा बिछाए गए नेटवर्क के जरिए ही अलग से बिजली का नया कनेक्शन ले सकते हैं। बिजली कंपनी ऐसी कॉलोनी में पचास फीसदी कनेक्शन दे सकती है।
अभी कनेक्शन नहीं दे सकते
अभी इन उपभोक्ताओं को अलग से नहीं कनेक्शन नहीं दिए जा सकते। क्योंकि कंपनी के सामने तकनीकी अड़चन आएंगी। मीटर कैसे लगाएंगे, इंडेक्सिंग कैसे होगी? किस ट्रांसफार्मर से कहां-कैसी सप्लाई है? स्पॉट बिलिंग करने के लिए सॉफ्टवेयर अपग्रेड करना पड़ेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि बिल्डर के इलेक्ट्रिसिटी नेटवर्क पर बिजली कंपनी का अधिकार नहीं है। इसी कारण हम आयोग द्वारा किए गए प्रावधान को आयोग में ही अपील में ले जाना चाहते हैं। -जेड ए खान, जनरल मैनेजर (सिटी सर्कल), बिजली कंपनी