नालंदा में गुरुवार को दो शिक्षक शराब के नशे में लड़खड़ाते हुए स्कूल पहुंच गए। दोनों शिक्षकों इतने नशे में थे वो खड़ा तक नहीं हो पा रहे थे। शिक्षक लड़खड़ाते हुए, बच्चों से अनाप-शनाप बोल रहे थे। कुछ देर बाद दोनों गिर गए। ये सब देख बच्चे डर गए। जब इसकी
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ग्रामीणों ने डायल-112 पर इसकी सूचना दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने टांग कर दोनों को पुलिस की गाड़ी तक पहुंचाया। इसका वीडियो भी सामने आया है। फिलहाल पुलिस ने दोनों शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार शिक्षक स्कूल के प्रिंसिपल नागेंद्र प्रसाद और नियोजित शिक्षक सुबोध कुमार हैं।
शिक्षक को घसीटते हुए गाड़ी तक ले जाती पुलिस।
शिक्षक ने ग्रामीणों से गाली-गलौज भी की
दरअसल, ये पूरा मामला दीपनगर थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय गुलनी का है। ग्रामीणों का दावा है कि शिक्षकों ने शराब के नशे में उनसे गाली-गलौज भी की। वहीं गांव के कुछ युवकों ने शराबी शिक्षकों का वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया। वीडियो में एक पुलिसकर्मी भी लड़खड़ाते हुए दिख रहा है। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मी के भी शराब के नशे में होने का दावा किया।
जिसे संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने ब्रेथ एनालाइजर से उस पुलिसकर्मी की भी जांच की। हालांकि जांच में नशे में नहीं पाए गए। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले पुलिसकर्मी को पैरालिसिस हो गया था, जिस वजह से उन्हें चलने में परेशानी होती है। लोगों ने समझा कि वे नशे में हैं।
पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से एक टीचर को अस्पताल पहुंचाया।
दोनों को विभाग ने किया सस्पेंड
जानकारी के मुताबिक, ब्रेथ एनालाइजर में शराब की पुष्टि होने के बाद दोनों को शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। दीपनगर थानाध्यक्ष जितेंद्र राम ने बताया, ‘जांच में दोनों शिक्षकों के नशे में होने की पुष्टि हुई। जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार ने बताया कि दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
टांग कर पुलिस गाड़ी तक ले गए ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा, ‘बच्चों से हमलोगों को खबर मिली कि हेड मास्टर और शिक्षक नशे में हैं। जिसके बाद हम लोग स्कूल पहुंचे। नशे के कारण शिक्षक खड़े भी नहीं हो पार रहे थे। ग्रामीणों के पहुंचने पर दोनों गाली-गलौज करने लगे। तब इसकी सूचना पुलिस को दी गई।’
‘पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया और थाने ले गई। शिक्षक की हालत ऐसी थी कि उन्हें टांग कर पुलिस वाहन तक पहुंचाना पड़ा।’