शहर के देबारी में स्थित ग्रेट सेपरेटर एरिया के आसपास बसी काॅलाेनियाें के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। इस एरिया में रहने वाले लोगों को उदयपुर-चित्तौड़ हाईवे पार करने में आने वाली समस्याओं और हादसों को कम करने के लिए अंडर पास तैयार होगा। इसके लिए सर
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फिलहाल, नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) पांच कराेड़ रुपए की लागत से इसी सप्ताह अंडरपास का काम शुरू करेगा। हाईवे के इर्द-गिर्द बड़ी संख्या में काॅलाेनियां बसी हुई हैं। इनके बाशिंदों के पास अभी हाईवे को पार करने के लिए हाईवे पर एक कट है। इसे क्रॉस करने के लिए रॉन्ग साइड चलने के अलावा भारी वाहनों के बीच से निकलना पड़ता है। ऐसे में कई बार हादसे भी हो जाते हैं।
हर दिन 40 हजार वाहनों का दबाव, वाहनों के टर्न से लगता है जाम
एनएचएआई ने अंडरपास बनाने के लिए सर्विस राेड को चौड़ा करने का काम शुरू कर दिया है, ताकि अंडरपास में निकलने और घुसने वाले वाहनों के कारण हाईवे से गुजरने वाला ट्रैफिक डिस्टर्ब न हो। इस हाईवे से शहर में हर राेज 40 हजार से ज्यादा वाहनाें का आना-जाना हाेता है। इसी तरह देबारी चाैराहे से अहमदाबाद हाईवे पर 10 हजार और पिंडवाड़ा पर 5 हजार वाहन आते-जाते हैं।
तीन हादसों में 7 लोग मारे गए थे
पिंडवाड़ा हाईवे पर 3, 4 और 5 जनवरी को लगातार तीन दिन तक हादसे हुए। इनमें 7 लोगों की माैत हुई व 22 घायल हुए थे। सभी हादसे मालवा का चाेरा गांव के पास हुए थे। गांव के लिए जाने वाला कट 5 मीटर का था, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 मीटर किया गया।
यह परेशानी…देबारी से पिंडवाड़ा हाईवे पर चढ़ने का सीधा रास्ता नहीं देबारी चाैराहे से पिंडवाड़ा जाने के लिए सीधा काेई रास्ता नहीं है, जबकि पिंडवाड़ा से देबारी के लिए सीधे नीचे उतरा जा सकता है। अभी देबारी से आने वाले वाहन ग्रेट सेपरेटर के आगे उसी कट से निकलकर घूमकर पिंडवाड़ा हाईवे पर चढ़ते हैं, जिससे कॉलोनीवासी भी निकलते हैं।
देबारी वाली लाइन से पिंडवाड़ा हाईवे की बाईं तरफ की लाइन पर फ्लाइओवर उतारने की तैयारी है। यूडीए प्रजेटेंशन जिला प्रशासन काे दिखा चुका है। इसे यूडीए बनाएगा या एनएचएआई, इस पर फैसला नहीं हाे पाया है। संभावना यह भी है कि यह बंद होने के बाद वाहनों को ग्रेट सेपरेटर के बगल से निकालकर अहमदाबाद की तरफ वाली लेन पर ले जाएंगे और आगे बने अंडरपास से इन्हें वापस घुमाकर धूणी माता मंदिर के पास से पिंडवाड़ा वाले हाईवे पर चढ़ाया जा सकता है।