काशी के कोतवाली जोन में स्थित जर्जर भवन।
नगर निगम ने शहर में 76 अतिजर्जर भवनों को चिन्हित किया है। अब इन्हें खाली कराया जाएगा। इनमें से 70 भवन दशाश्वमेध और कोतवाली जोन में ही हैं। कुल 489 जर्जर भवनों की सूची में 76 खतरनाक श्रेणी में हैं। भवन स्वामियों और किराएदारों के बीच विवाद के चलते कई प
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तत्काल खाली करना होगा भवन
नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत जिस भवन को नोटिस जारी की गयी है। उस भवन का स्वामी/ अध्यासी को उस अति जर्जर भवन को तत्काल खाली करना होगा और जब तक नोटिस वापस नहीं लिया जाता, तब तक कोई व्यक्ति उस भवन अथवा उसके भाग में प्रवेश नहीं करेगा।

नगर निगम द्वारा चस्पा किया गया नोटिस।
नगर निगम द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर होने वाला व्यय भवन स्वामी/अध्यासी से वसूल किया जायेगा। अधिनियम के अनुसार निर्धारित समय में भवन खाली न करने या किसी भी प्रकार का उल्लंघन करने पर नगर निगम अधिनियम 334 की उपधारा-4 के अन्तर्गत उस पर पुलिस को भवन खाली कराने की कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
एक्शन मोड में नगर निगम
खतरनाक भवनों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त ने दो दिन की मोहलत दी है। तय सीमा के अंदर न गिराने पर भवन स्वामियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। भवन स्वामियों/ अध्यासियों को नगर निगम, अधिनियम की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी।

नगर आयुक्त ने दिखाई सख्ती।
सभी भवन स्वामियों को इसके लिए नगर निगम अधिनियम की धारा 331 (1)(2) के अन्तर्गत नोटिस दी गयी है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि भवन स्वामी/ अध्यासी को उक्त नोटिस के सापेक्ष अपने जर्जर भवन को गिरवा दें या तत्काल मरम्मत करा दें।।