The corporation will do bioremediation of 3 lakh tonnes of garbage, report sent to local bodies | 3 लाख टन कूड़े का बायोरेमेडिएशन करेगा निगम, लोकल बॉडीज को भेजी गई रिपोर्ट – Ludhiana News

नगर निगम की योजना सफल हुई तो कूड़े के पहाड़ से शहरवासियों को निजात मिल जाएगी। नगर निगम जल्द ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इसके तहत निगम तीन लाख टन कूड़े का बायोरेमेडिएशन करेगा। एनजीटी में सुनवाई से पहले नगर निग

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यह रिपोर्ट नगर निगम की ओर से एनजीटी में रखी जानी है। नगर निगम के 95 वार्डों से रोजाना 1200 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र होता है जिसमें ई-वेस्ट, मेडिकल वेस्ट, प्लॉस्टिक वेस्ट, गीला और सूखा कचरा शामिल है। पिछले पैंतीस सालों में शहर की आबादी बढ़ी है जिससे कूड़ा भी लगातार बढ़ा है। इस समस्त कूड़े को ताजपुर रोड स्थित डंप साइट पर डंप किया जाता है जो मौके पर करीब 25 लाख मीट्रिक टन के करीब है।

कूड़ा सेग्रीगेशन और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में पिछड़ने के कारण कूड़े के पहाड़ बन गए हैं। एनजीटी की ओर से कूड़ा निस्तारण करने के आदेश नगर निगम को दिए गए हैं लेकिन योजनाएं शुरू होने के बाद फाइलों में ही बंद हो गईं। ताजपुर रोड स्थित डंप साइट पर कूड़ा के पहाड़ बन गए हैं। अब इन्हें निस्तारित करने के लिए नगर निगम बायोरेमिडेशन प्रोसेस पर काम कर रहा है।

मिक्स कूड़े के निस्तारण का बायोरेमेडिएशन ही एकमात्र विकल्प

निगम अधिकारियों के अनुसार डंप साइट पर कूड़ा मिक्स रहता है। सेग्रीगेशन नहीं होने के कारण कूड़े के निस्तारण की समस्या खड़ी हो जाती है। कूड़े का निस्तारण बायोरेमेडिएशन से ही करवाना एक विकल्प होता है। इस दौरान रिसाइकिल के लिए उपयोगी कूड़े की छंटनी की जाती है। नगर निगम की ओर से पहले ही कूड़े के बायोरेमेडिएशन का टेंडर एक कंपनी को दिया गया था।

इस कंपनी को पांच लाख टन कूड़े का बायोरेमेडिएशन करना है जबकि 3.82 लाख टन कचरे को लेकर बायोरेमेडिएशन का काम हो गया है। कंपनी को दो साल का समय दिया गया था। एनजीटी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर सुनवाई 25 जुलाई को है जिसे लेकर नगर निगम को रिपोर्ट पेश करनी है। ऐसे में अब नगर निगम की ओर से एक और टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी जिसके लिए डीपीआर तैयार की गई है। निगम अधिकारियों ने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर चंडीगढ़ हेड ऑफिस भेजी थी जिस पर अधिकारियों की ओर से टेक्निकल डिस्कशन किया गया है।

30 फीट की ऊंचाई तक पहुंच चुके कूड़े के पहाड़

निगम की लापरवाही के कारण डंप साइट पर कूड़े के ढेर की ऊंचाई करीब 30-35 फीट तक पहुंच चुकी है। इससे उठती बदबू से आसपास रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश के दौरान कूड़ा पानी के साथ सड़क पर आ जाता है। गंदगी सड़कों पर आने और बदबू से जीना दूभर हो जाता है।

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