The corporation is running bulldozers on illegal plotting but no legal action has been taken against anyone | अवैध प्लाटिंग पर निगम चला रहा बुलडोजर लेकिन कानूनी कार्रवाई किसी पर नहीं की गई – Raipur News

राजधानी के आउटर में​ पिछले दो हफ्तों से अवैध प्लाटिंग पर लगातार बुलडोजर चलाया रहा है। इस दौरान दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर कहीं अस्थायी सड़क तो कहीं डीपीसी वाले प्लॉट को तोड़ा जा चुका है लेकिन अवैध प्लाटिंग करने वाले एक भी दलाल या भूमाफिया के खिलाफ अ

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निगम और जिला प्रशासन के माध्यम पिछले करीब दो साल हर थोड़े थोड़े दिनों में अंतराल में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई की जा रही है। पिछली कार्रवाइयों के बारे में पड़ताल करने पर भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ये पता चला है कि पिछले तीन साल में अब तक तोड़फोड़ तो 100 से ज्यादा जगहों पर की गई लेकिन एफआर केवल 47 लोगों पर की गई। इसमें भी गिरफ्तारी केवल एक मामले में की गई है। बाकी प्रकरण में केस दर्ज करने बाद कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। यानी रोड और डीपीसी प्लॉट तोड़ने के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई इसकी का नतीजा है कि बोरियाखुर्द, बोरिया, दौंदे, मंदिरहसौद, सेजबहार, डोमा और मुजगहन व इनके आस-पास के जितने ​इलाके में बुलडोजर चलाया गया वहां कुछ दिनों बाद फिर प्लाटिंग कर जमीनें बेच दी गईं। उन सभी जगहों पर मकान भी बन गए हैं।

टिकरापारा और मुजगहन थाने में 83 आवेदन पेडिंग

पिछले तीन से चार महीने में टिकरापारा और मुजगहन थाने में 83 लोगों के खिलाफ एफआईआर के लिए निगम की ओर से आवेदन तो किया गया है, लेकिन किसी में भी जमीन का रिकार्ड अटैच नहीं है। किसी आवेदन में जमीन की रजिस्ट्री है तो सीमांकन और बटांकन के दस्तावेज नहीं है। किसी में रजिस्ट्री के दस्तावेज ही नहीं अटैच किए गए हैं। पुलिस ने भी उन आवेदनों को डंप कर दिया है। किसी भी आवेदन पर अब तक कोई एफआईआर नहीं की गई है।

कबीरनगर थाने में अवैध प्लॉटिंग के सबसे ज्यादा केस

शहर में पिछले साल अवैध प्लाटिंग के मामले में सबसे ज्यादा केस कबीर नगर थाने दर्ज कराए गए हैं। इस इलाके के भाठागांव, कुशालपुर, चंगोराभाठा, कबीरनगर, सरोना, डूमरतालाब व इसके आस-पास अवैध प्लाटिंग हुई है। अभी फिर इसी इलाकों में सबसे ज्यादा अवैध प्लाटिंग हो रही है। क्योंकि पुलिस ने इस थाने में दर्ज एक भी मामले में धोखेबाजों के खिलाफ गिरफ्तारी नहीं की है।

जमीन के रिकार्ड के बिना नहीं दर्ज हो सकता केस

विशेषज्ञों के अनुसार कहीं भी अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ एफआईआर तब तक नहीं हो सकती जब तक निगम के पास उस जमीन के दस्तावेज न हो। नियमानुसार अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर चलाने पहले ही निगम की ओर से तहसील से संबंधित जमीन के दस्तावेज मांगे जाते हैं उसके बाद ही कार्रवाई की जाती है। इस महीने की अब तक जितनी जगह भी कार्रवाई की गई कहीं का भी रिकार्ड नहीं लिया गया। केवल शिकायत के आधार पर कार्रवाई की खानापूर्ति की गई है। निगम के पास 50 से ज्यादा ऐसे और लोगों की सूची है जिन्होंने अवैध प्लाटिंग की है।

बचने के लिए यह सावधानियां जरूरी

} प्रॉपर्टी खरीदने से पहले लिंक डॉक्यूमेंट चेक करें ताकि पता चले कि खरीदी-बिक्री कितनी बार हुई।

} जो प्लाट खरीद रहे हैं, उसकी पुरानी रजिस्ट्री की कॉपी से चेक करें कि डिटेल मिल रहे हैं या नहीं।

} बेचने वाले का आइडेंटिटी प्रूफ डॉक्यूमेंट्स के साथ मैच करें और पावर ऑफ अटॉर्नी कॉपी भी लें।

} घर बनाने के लिए वही जमीन खरीदें, जहां लैंडयूज आवासीय है। कृषि या औद्योगिक प्लॉट न हो।

} यह भी देखें कि जो प्लाट खरीद रहे हैं, उसका लेआउट निगम-टाउन प्लानिंग से मंजूर है या नहीं।

अवैध प्लाटिंग से इस तरह के नुकसान

{अवैध प्लाटिंग में प्लाट लिया तो निगम से नक्शा पास नहीं होगा, यानी मकान नहीं बना सकते।

{नक्शा पास नहीं होने से बैंकों से लोन नहीं मिलता। सर्च के दौरान ही खारिज हो जाते हैं फॉर्म।

{पूरी रकम देकर ऐसा प्लाट खरीद भी लिया तो उसे दोबारा बेचना मुश्किल, खरीदार नहीं मिलते।

{बिल्डर रजिस्ट्री करवा देते हैं। लेकिन निगम अवैध है कहकर जुर्माने के बिना कब्जा नहीं देते हैं।

{जब तक प्लाटिंग वैध न हो, वहां लोगों रो बिजली, सड़क, पानी की सुविधा भी नहीं मिलती है।

अभी कब्जे हटा दिए हैं। अफसर सभी दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं। जोनवाइज एफआईआर कराएंगे। जोन कमिश्नरों को जिम्मेदारी दे दी है। – अबिनाश मिश्रा, कमिश्नर नगर निगम

निगम से अभी कोई चिट्टी नहीं ​मिली है। जिस जमीन की भी जानकारी मांगेंगे तुरंत दे दी जाएगी। बिना दस्तावेजों के एफआईआर नहीं होगी। – नंद कुमार चौबे, एसडीएम रायपुर

भास्कर लगातार

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