The case of Fagi’s Madhorajpura | फागी के माधोराजपुरा का मामला: भाजपा नेता का 42 करोड़ का सड़क प्रोजेक्ट था तो 5 बीघा चरागाह पर बनाया डामर प्लांट – Jaipur News


शहर से लगती फागी तहसील के माधोराजपुरा में चरागाह की 5 बीघा भूमि (खसरा नं. 990/1) पर अतिक्रमण करते हुए फर्म (मै. एसपीसी इन्फ्रास्चक्चर प्रा. लि.) ने डामर प्लांट लगा लिया है। फर्म भाजपा नेता शुभकरण चौधरी की है। फर्म ने 42 करोड़ में सड़क का प्रोजेक्ट लि

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फर्म पीडब्ल्यूडी की 32 किमी रोड का काम कर रही है। यह सड़क दौसा-कुचामण-लवाण-तूंगा-चाकसू-फागी-दूदू और सांभर से जुड़ेगी। चरागाह से प्लांट हटाने के लिए तहसील न्यायालय 6 महीने से ‘असहाय’ है। भाजपा नेता शुभकरण चौधरी पूर्व विधायक हैं और झुंझुनूं से लोकसभा उम्मीदवार थे। प्लांट के लिए चरागाह की जमीन देने का आधार ग्राम पंचायत की एनओसी को बनाया गया है।

5 अक्टूबर 2023 को फर्म ने आवेदन किया और अगले दिन ही सरपंच ने एनओसी जारी कर दिया। इसका खुलासा भी तब हुआ जब ग्राम विकास अधिकारी ने नोटिस का जवाब भेजा। चरागाह जमीन के व्यावसायिक उपयोग को लेकर 6 महीने से फर्म, पंचायत, विकास अधिकारी को नोटिस की कार्रवाई जारी है।

चरागाह भूमि पर व्यावसायिक उपयोग की मंजूरी 1 ​दिन में ही

कंपनी ने 5 अक्टूबर को डामर प्लांट के लिए सरपंच को पत्र लिखा। सरपंच हीरादेवी जाट ने अस्थायी रूप से प्रस्ताव संख्या 4 दिनांक 5/10/2023 द्वारा स्वीकृति दे दी। 6 अक्टूबर को जनहित का काम बताते हुए 18 महीने के लिए भूमि को व्यावसायिक उपयोग में लेने के लिए एनओसी दे दिया।

फरवरी से नोटिस; 6 महीने बाद जवाब… चरागाह नहीं दे सकते चरागाह भूमि पर कंपनी के व्यावसायिक उपयोग को लेकर तहसील न्यायालय फरवरी से कंपनी प्रतिनिधि, विकास अधिकारी और सरपंच को नोटिस दे रहा है। पहले तो कई महीनों तक नोटिस का जवाब ही नहीं आया। कुछ महीने बाद कंपनी प्रतिनिधि रामावतार सिंह खर्रा उपस्थित हुए। उन्होंने जवाब पेश किया कि ग्राम पंचायत ने चरागाह जमीन को 18 महीने के लिए व्यावसायिक उपयोग के लिए एनओसी जारी किया है।

तहसील न्यायालय ने विकास अधिकारी को फरवरी 2024 में नोटिस जारी कर पूछा कि वो बताएं कि पंचायत को किस अधिनियम, कानून के अंतर्गत व्यावसायिक काम लेने की छूट देने का अधिकार है? अगर नहीं है तो ग्राम पंचायत के विरुद्ध कार्रवाई कर अवगत कराएं।

कोई दर्जनभर पत्र लिखने के बाद आखिरकार 5 सितंबर को संबंधित विकास अधिकारी ने तहसील न्यायालय को जवाब भेजा कि ‘पंचायतराज अधिनियम या अन्य किसी सुसंगत अधिनियम के तहत चरागाह भूमि पर ग्राम पंचायत को व्यावसायिक/औद्योगिक प्रयोजनार्थ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है।’

प्रशासन 9 महीने से रेंग रहा “एलआर एक्ट के तहत 91 की कार्रवाई चल रही है। बेदखली कर रहे हैं। तहसीलदार की कोर्ट प्रक्रिया है।” -राजेश मीणा, उपखंड अधिकारी

“मैंने तो हाल ही में ज्वाइनिंग की है। प्रकरण पहले से चल रहा है, न्यायोचित कार्रवाई आगे बढ़ा दी।” -जीएल पारीक, तहसीलदार, माधोराजपुरा

सरपंच ने कहा- जानकार थे तो भलमनसाहत में एनओसी दे दी “हमारे जानकार थे, यही सोचकर सरपंच मैडम ने भलमनसाहत में एनओसी जारी कर दी थी। लेकिन फिर निरस्त कर दी थी।”

-रामदयाल जाट, संबंधित सरपंच पति

शुभकरण ने कहा- जमीन खाली थी तो लगा लिया प्लांट

चरागाह भूमि पर डामर प्लांट लगाया है? अजी बिना मतलब पंगा कर रखा है। लगाते ही हैं, फैक्ट्री तो लगाई नहीं। सरकार का काम कर रहे हैं। लेकिन नियम-कायदे तो इजाजत नहीं देते? हां, चरागाह को ले नहीं सकते, सही कहा। लेकिन हम कौनसा कब्जा कर रहे हैं। जंगल-झोड़ा की खाली पड़ी थी। सरपंच ने कहा था। (दे नहीं सकते?) हां, पता है….। अब तहसील वालों ने पंगा कर रखा है। सड़क का काम करके चले जाएंगे। नहीं मानेंगे तो हटाएंगे।

4 महीने का काम बचा है, फिर हटा लेंगे “मैं झाबर जी के परिवार से ही हूं। प्लांट शुभकरण चौधरी जी का है, मैं इनका काम देखता हूं। प्लांट को लेकर नोटिस आया है। हम तो पब्लिक की रोड बनाने का काम ही कर रहे हैं। रोड का काम करके प्लांट उठा लेंगे। खाली तो अब बीच में कैसे करें..। (काम क्या है?) 32 किमी की रोड है, करीब 42 करोड़ की। सीसी और डामर का काम है पीडब्ल्यूडी का। 4-5 महीने लगेंगे।” -रामवतार खर्रा, प्लांट मैनेजर, मै. एसपीसी इन्फ्रास्चक्चर प्रा. लि.

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