The boy was kidnapped after not getting the supply of ganja | गांजे की सप्लाई न मिलने पर हुआ लड़के का अपरहण: बदमाश चलाते हैं एस्कॉर्ट सर्विस का धंधा, मोबाइल से मिली लड़कियों की फोटो से हुआ खुलासा – Lucknow News


लखनऊ के गोमतीनगर स्थित ग्वारी गांव के पास से शुक्रवार रात कार सवार बदमाशों एक युवक का अपहरण कर लिया। युवक की मां को कॉल करके 50 हजार की फिरौती मांगी। देर शिकायत मिलने के बाद पुलिस टीम एक्टिव हो गई। शहर के प्रमुख जगहों पर लगे सीसीटीवी की मदद से बदमाशो

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जानकारी के मुताबिक ग्वारी गांव के रहने वाला विकास एसी रिपेयरिंग का काम करता है। उसकी मां नीलम घरों में साफ-सफाई का काम करती है। शुक्रवार को कुछ लोगों ने विकास को शंकर चौराहे के पास से अपहरण कर लिया। इसके बाद नीलम से 50 हजार की फिरौती मांगी। नीलम ने पुलिस को सूचना दी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए दो टीमें गठित की गई। टीम ने सर्विलांस और शहर में लगे सीसीटीवी की मदद से कार को ट्रेस किया। बदमाश विकास को लेकर 1090, समतामूलक, परिवर्तन स्थल, पॉलिटेक्निक होते हुए निशातगंज गए। पुलिस लगातार बदमाशों का पीछा करती रही। सहारा फ्लाईओवर के पास जब बदमाश रुके तब घेराबंदी करके पकड़ा गया।

7 हजार के गांजे से शुरू हुआ विवाद

बदमाशों की गाड़ी से विकास को सकुशल बरामद किया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान फैसल अली, तक्किन टोला, बाराबंकी, देश दीपक पांडेय, प्रेमनगर बरेली, अविनाश मेहरोत्रा, पटेलनगर बरेली, सानियाखान, इज्जतनगर बरेली और सीमा गोयल, भुवनेश्वर उड़ीसा के रूप में हुई। आरोपी अविनाश दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी से बीटेक पास है। फैसल और देश दीपक 12वीं पास है।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने विकास को 7 हजार रुपए गांजे के लिए दिए थे। विकास गांजा सप्लाई नहीं कर पाया। इस बदमाशों ने धमकी दी कि अब 7 हजार से ज्यादा लेंगे और योजना बनाकर किडनैप कर लिया। फिरौती के लिए उसकी मां को कॉल की और पैसे मंगाने के लिए क्यूआर कोड भी भेज दिया। हालांकि पैसे ट्रांसफर होने से पहले आरोपी पकड़े गए।

लखनऊ में स्कॉर्ट सर्विस के नाम पर कर रहे ठगी

पुलिस जांच में कई चौकांने वाले खुलासे हुए। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी लखनऊ में एस्कॉर्ट सर्विस का काम करते थे। उसी के जरिए लोगों से वसूली भी करते हैं। इनके ट्रैप में फंसाने वाला अगर विरोध करता तो रेप के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि गैंग में और लोग भी शामिल हैं।

लड़की भेजने के नाम पर पैसा लेकर फरार हो जाते

एसीपी विकास जायसवाल ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल में 100 से ज्यादा युवतियों की फोटो मिली हैं। कई लोगों ने चैट भी मिली है। जिसमें रेट की बातचीत हुई है। जिससे ये माना जा रहा है कि ये एस्कॉर्ट सर्विस का धंधा करते हैं। कस्टमर के संपर्क में आकर युवती की फोटो भेजते हैं। इसके बाद उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं। डील होने पर वह क्यूआर कोड भेजकर पैसा ट्रांसफर करवा लेते हैं। उसके बाद मोबाइल बंद कर लेते हैं या फिर उसका नंबर ब्लॉक कर देते हैं।

लड़कियों को रूम पर भेजने के लिए पहले रूम की वीडियो मंगाते थे। लड़की को ओला से भेजते हैं। वो वहां पहुंचकर पूरा पैसा मांगती है, पैसा मिलते ही फरार जाती हैं। अगर कोई शिकायत की धमकी देता है तो युवती से बात करवाकर उनको रेप के मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी देते थे। ये काम आरोपी करीब 2 साल से ज्यादा से कर रहे हैं।

अगर कोई रोकने का प्रयास करता तो लड़की चिल्लाने लगती

आरोपी युवती को लेकर ग्राहक के पास जाते थे। कार से एक व्यक्ति उतरता है, युवती और ड्राइवर अंदर बैठे रहते थे। तीसरा व्यक्ति लड़की को उतारने से पहले पूरा पैसा मांगता है। पैसे मिलते ही सब फरार हो जाते हैं। रोकने का प्रयास करते थे तो युवती चीखने चिल्लाने लगती थी।

लोक लाज के डर से ऐसे मामले में लोग शिकायत नहीं करते हैं। इस वजह से आरोपी और बेखौफ थे। इस धंधे के लिए कई टेलीग्राम ग्रुप भी बना रखे हैं।

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