The Bhasmaarati in-charge of Mahakal temple was hiding in Indore, his family members took him to the police station to make him surrender | कई राज खुलेंगे: इंदौर में छिपा था महाकाल मंदिर का भस्मआरती प्रभारी, सरेंडर कराने परिजन थाने लेकर पहुंचे – Ujjain News


रुपए लेकर अवैध तरीके से दर्शन कराने के मामले में फरार महाकाल मंदिर के भस्मआरती प्रभारी रितेश शर्मा ने सोमवार शाम महाकाल थाने में सरेंडर कर दिया। वह चार दिन से इंदौर में रिश्तेदार के यहां फरारी काट रहा था, जिसे उसके परिजन थाने लेकर पहुंचे। पुलिस ने कह

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महाकाल मंदिर के सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे और मंदिर दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव सबसे पहले पकड़ में आए थे, जिन पर धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का केस दर्ज कराया था।

पूछताछ में दोनों ने नंदी हॉल दर्शन प्रभारी राजेंद्रसिंह सिसोदिया, सत्कार अधिकारी अभिषेक भार्गव समेत आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह व गार्ड ओमप्रकाश माली और जितेंद्र परमार का नाम लिया था, जबकि रितेश शर्मा पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही 26 दिसंबर की रात से फरार हो गया था। महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्रसिंह परिहार ने बताया कि मंगलवार को आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा, आगे आरोपियों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है।

ट्रेवल्स व फूल बेचने वालों के जरिए दर्शन पास की सेटिंग होती थी

महाकाल थाना पुलिस ने जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उनमें सत्कार अधिकारी अभिषेक भार्गव से लेकर अन्य ने भस्मआरती प्रभारी रितेश को लेकर बहुत कुछ जानकारी दी थी, ये भी बताया था कि उसके पास जो दर्शन के सीधे 50 पास अर्थात टिकट बनवाने का अधिकार था, उससे सारी सेटिंग चलती थी।

इसमें बड़ा रोल ट्रेवल्स वाले व फूल प्रसादी बेचने वालों का है, जो सीधे रितेश के संपर्क में थे। सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि भस्मआरती प्रभारी होने से रितेश शर्मा को आईटी सेल को डायरेक्ट आदेश देकर 50 पास बनवाने का अधिकार था, जिसका दुरुपयोग हुआ है। जांच हो रही है व आगे भी आरोपी बढ़ेंगे।

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