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श्री रामलीला समिति की ओर से किला मैदान स्थित रामलीला मंच पर चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव प्रभु श्रीराम के राजतिलक लीला के मंचन के साथ संपन्न हो गया। रामलीला के अंतिम दिन वृंदावन के श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला संस्थान के स्वामी श्री सुरेश चंद्र उपाध्याय “व्यास जी” के सफल निर्देशन में भगवान श्रीरामजी के राजतिलक लीला”” का मंचन किया गया। इसमें दिखाया गया कि भरत मिलाप के पश्चात अन्य भाइयों और नगर वासियों से मिलते हुए प्रभु श्री राम सर्व प्रथम कैकेयी के महल में जाते हैं। उनसे मिलने के बाद अपने महल में आकर माताओं सहित पूरे राज परिवार से मिलते हैं और गुरु वशिष्ठ जी से अपने साथ लाए सखाओं का परिचय कराते हैं। उसके बाद वशिष्ठ जी मंत्री सुमंत को बुलाकर भगवान के राजतिलक की तैयारी करवाते हैं। अवधपुरी सजने लगती है।
सर्वप्रथम गुरु वशिष्ठ ने प्रभु श्रीराम को लगाया तिलक
राजतिलक की शोभा बढ़ाने हाथी, घोड़ा, ऊंट इत्यादि आते हैं। तैयारी पूरी होने पर श्री राम को प्रथम तिलक गुरु वशिष्ठ द्वारा किया जाता है। उसके पश्चात सभी ब्राह्मण व अन्य भगवान को तिलक लगाते हैं। पुत्र को सिंहासन पर आसीन देख मातायें हर्षित होकर आरती उतारती हैं। यह दृश्य देख दर्शक भाव विभोर होने के साथ ही जय श्री राम का जयघोष करने लगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा व संचालन समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश संगम ने की। वहीं धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने किया।