लखनऊ हाईकोर्ट ने बुधवार को एक जमानत याचिका खारिज कर दी। इसे 2021 में स्वतंत्रता दिवस के दिन कुकर बम से धमाका करने का प्लान बनाने वाले अलकायदा के कथित आतंकी मुशीरूद्दीन उर्फ मुशीर उर्फ राजू की ओर से दाखिल किया गया था।
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आईडी बम बनाने का मिला था सामान
आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने पाया कि एनआईए ने मुशीरूद्दीन के घर से आईडी बम बनाने में प्रयुक्त सामान बरामद किया था, जिसे उसने सह-अभियुक्त मिनहाज अहमद के साथ जाकर बाजार से खरीदा था।
अपीलार्थी ने अपील के द्वारा न्यायालय में लखनऊ के विशेष एनआईए न्यायालय के 29 मई 2023 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी।
अभियुक्त ने किया आरोपों से इंकार
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित वकील अजमल खान ने न्यायालय को बताया कि अपीलार्थी ई रिक्शा चलाने वाला गरीब आदमी है। उसे पुलिस ने गलत फंसाया है। न्यायालय को यह भी बताया गया कि मुशीरूददीन के मोबाइल पर सह-अभियुक्त मिनहाज अहमद के मैसेज तो आया करता था, लेकिन अपीलार्थी ने उन मैसेज को कही और किसी के पास नहीं भेजा था।
एनआईए ने पास पूरे सबूत
वहीं अपील का विरोध करते हुए, एनआईए की विशेष अधिवक्ता शिखा सिन्हा ने न्यायालय को बताया कि एनआईए ने जो आरेाप पत्र दाखिल किया है। उसमें अपीलार्थी के खिलाफ पूरे सबूत हैं।
मिनहाज से लेनदेन होता था
न्यायालय के सामने पेश किए गए सभी सबूतों को देखने के बाद न्यायालय ने पाया कि अपीलार्थी मुशीरूददीन के बैंक पास बुक के डिटेल से पता चलता है कि उसके और सह अभियुक्त मिनहाज के बीच लेनदेन होता था, अपीलार्थी के पास से जो वीडियो और आडियो क्लिपिंग मिली है। उनसे अपीलार्थी का आतंकी गतिविधियों में शामिल होना पाया जाता है।