नई दिल्ली7 घंटे पहले
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14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।
2019 के पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ विस्फोटक ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से खरीदा गया था। दुनियाभर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
FATF ने इस रिपोर्ट में 2022 में यूपी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले का भी जिक्र किया है। यहां हमलावर आतंकी को ऑनलाइन मनी ट्रांसफर प्लेटफॉर्म PayPal के जरिए पैसे दिए गए थे।
इन दोनों मामलों को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए संगठन ने आगाह किया है कि ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान सेवाएं अगर गलत हाथों में जाएं तो वे आतंक को बढ़ावा देने का माध्यम बन सकती हैं।

FATF की रिपोर्ट में दावा- आतंकी फंडिंग के तरीके बदल रहे
FATF की इस रिपोर्ट का नाम ‘कॉम्प्रिहेंसिव अपडेट ऑन टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क’ है। 131 पेज की यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे आतंकवाद की फंडिंग के तरीके बदल रहे हैं।
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आतंकी संगठन अब पारंपरिक फंडिंग तरीकों के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों जैसे ऑनलाइन पेमेंट, गेमिंग प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद से जुड़ी फंडिंग (TF) की रणनीतियां एक जैसी नहीं होतीं, बल्कि अलग-अलग जगहों पर, अलग परिस्थितियों के हिसाब से अलग तरीके अपनाए जाते हैं।
आतंकी फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता में बड़ी कमियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से देशों में आतंकवाद की फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता में अब भी बड़ी कमियां हैं, और अगर इन्हें समय पर ठीक नहीं किया गया तो आतंकी संगठन मौजूदा कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे।
इसमें यह बताया गया है कि किस तरह आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को जारी रखने और हमले करने के लिए करते हैं।
FATF ने दुनियाभर की सरकारों और डिजिटल कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे इन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए ठोस उपाय करें, क्योंकि ये अब आतंकी संगठनों के लिए एक नया और प्रभावशाली जरिया बनते जा रहे हैं।
भारत में 2 आतंकी धमाके, जिन्हें अंजाम देने के लिए ई-कॉमर्स साइट्स का इस्तेमाल हुआ
1. 2019 का पुलवामा हमला: इसमें CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे

ये तस्वीर पुलवामा हमले के कुछ देर बाद मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों की है। तस्वीर में दिख रही गाड़ी पर सवार होकर ही आतंकियों ने इस दर्दनाक हादसे को अंजाम दिया था।
14 फरवरी 2019 को CRPF का एक काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहा था। ट्रक पुलवामा के पास पहुंचा था, तभी एक सुसाइड अटैकर 200 किलो विस्फोटक लदी मारुति ईको कार लेकर घुस गया।
विस्फोट इतना तेज था कि सुरक्षाबलों को लेकर जा रही 2 बसों के परखच्चे उड़ गए। इसमें 40 जवान शहीद हुए थे। भारत सरकार की जांच में यह सामने आया कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने करवाया था।
जांच में पता चला कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक भारत में सीमा पार से लाए गए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि हमले में इस्तेमाल हुए बम में जो एल्यूमीनियम पाउडर डाला गया था, जो धमाके को और ज्यादा घातक बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ, वह अमेजन से ऑनलाइन खरीदा गया था।
2. 2022 में यूपी के गोरखनाथ मंदिर के गार्ड्स पर आतंकी हमला हुआ था

यह फोटो 4 अप्रैल 2022 की है। सुरक्षा कर्मियों ने गोरखनाथ मंदिल में पुलिसकर्मी पर हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी को पकड़ा था।
FATF की रिपोर्ट में दूसरा उदाहरण यूपी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर 4 अप्रैल 2022 में हुए हमले का दिया गया। इसमें एक शख्स ने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों पर धारदार दरांती से हमला किया था। इसमें जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था।
इस घटना में दोषी शख्स मुर्तजा अब्बासी के पास से पुलिस को मजहबी किताब, धारदार हथियार, उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिले जेहादी वीडियो आदि मिले थे।
FATF ने इस मामले की जांच में पाया कि हमलावर ने विदेशों में PayPal के जरिए लगभग 6.7 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। साथ ही, उसने VPN का इस्तेमाल करके अपना IP एड्रेस छिपाया और अपने ट्रांजैक्शन को गुप्त रखा।
इन लेन-देन की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए PayPal ने उसका अकाउंट बंद कर दिया, जिससे आगे अवैध पैसे का उपयोग रोका जा सका।

FATF की चेतावनी- मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी हो सकता है ऑनलाइन शॉपिंग का इस्तेमाल FATF की रिपोर्ट कहती है कि ऑनलाइन शॉपिंग का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया जा सकता है। यानी पैसे की असली पहचान छिपाने के लिए इसे एक तरह की व्यापारिक योजना के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसमें कोई व्यक्ति सामान खरीदता है और उन्हें अपने किसी साथी को भेजता है, जो आगे किसी और देश में उन वस्तुओं को बेचता है। इस पैसे का इस्तेमाल फिर आतंकवाद के लिए होता है।
FATF ने बताया कि आतंकवादी संगठन कई देशों की सरकारों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद भी पाते रहे हैं, जैसे पैसों की सहायता, हथियार, प्रशिक्षण या अन्य संसाधन। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि आज भी कुछ देशों से ऐसी मदद जारी है।
छोटे-छोटे सेल में काम कर रहे आतंकी, खुद फंडिंग जुटा रहे
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आंतकी अलग-अलग इलाकों में छोटे-छोटे सेल काम कर रहे हैं, जो खुद ही पैसा जुटाकर आतंकी योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन सेल्स में शामिल लोग कभी-कभी छोटे अपराधों, वैध कमाई या माइक्रो ट्रांजैक्शन (जैसे गेमिंग ऐप्स से) के जरिए पैसा इकट्ठा करते हैं।
FATF ने यह भी बताया कि नस्लीय, धार्मिक या राजनीतिक कारणों से हो रहे आतंकी हमलों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि इनमें इस्तेमाल होने वाला पैसा बहुत कम होता है और उसे पकड़ना भी मुश्किल होता है।

रिपोर्ट में पिछले 10 साल की केस स्टडी FATF की रिपोर्ट में पिछले 10 सालों के केस स्टडी दिए गए हैं, जिनसे यह समझने में मदद मिलती है कि आतंकियों को फंडिंग कैसे मिलती है और वे पैसे या संसाधनों को कैसे इकट्ठा करते हैं, छिपाते हैं, इधर-उधर करते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं।
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आतंकवादी संगठन और उनके सहयोगी आज भी कई तरीकों से पैसा जुटा रहे हैं, जैसे- नकदी, हवाला, ऑनलाइन पेमेंट, सोशल मीडिया और क्राउड फंडिंग, क्रिप्टोकरेंसी, शेल कंपनियां, ट्रस्ट आदि से।
इन तरीकों से आतंकवादी अपने नेटवर्क को चला रहे हैं और हमले करने के लिए पैसे और संसाधन जुटा रहे हैं। FATF ने सभी देशों से कहा है कि इन खतरों को समझें, अपने कानूनों और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करें और मिलकर काम करें ताकि आतंकवाद को फंडिंग मिलना बंद हो सके।
FATF ने पहलगाम हमले की निंदा की थी
जून 2025 में FATF ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी और सभी देशों से आतंक की फंडिंग रोकने की अपील की थी। इसके बाद, भारत ने FATF को पाकिस्तान को दोबारा ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने का औपचारिक अनुरोध दिया। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान से हो रही फंडिंग के कारण ही सीमा पार से आतंकी गतिविधियां चल रही हैं।

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आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने सोमवार को कहा कि पहलगाम हमला आतंक फैलाने वालों के समर्थन के बिना नहीं किया जा सकता। इसके लिए फंडिंग भी की गई। पूरी खबर यहां पढ़ें…