तहसीलदार और कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ।
छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री पर आरोप लगाने वाले सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे को सस्पेंड कर दिया गया है। इसे लेकर गुरुवार देर शाम आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि नीलमणि दुबे ने शासन के खिलाफ मीडिया में वक्तव्य दिया है।
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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, तहसीलदार नीलमणि का आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम का उल्लंघन है। ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है। निलंबन अवधि में उनका कार्यालय मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला होगा।
नीलमणि दुबे ने मंत्री पर रुपए लेकर ट्रांसफर का लगाया था आरोप
सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, ट्रांसफर में क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
दैनिक भास्कर ने इस संबंध में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा का पक्ष भी जानने का प्रयास किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, मंत्रियों के बंगले उगाही के अड्डे बने? मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले पर “पैसा दो- ट्रांसफ़र लो” उद्योग संचालित है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जवाब देना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर…
नीलमणि के आरोपों से संगठन ने किया था किनारा
तहसीलदार नीलमणि दुबे के आरोपों से छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने किनारा कर लिया है। संगठन ने अध्यक्ष नीलमणि दुबे के बयान को निजी बताया है। बाकायदा लेटर पैड पर बयान जारी कर कहा है कि इसके लिए संगठन से कोई चर्चा नहीं की गई। संगठन के सचिव गुरु दत्त पंचभाये और कोषाध्यक्ष राम मूर्ति दीवान ने कहा- नीलमणि दुबे ने बयान से पहले कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों से कोई चर्चा नहीं की। पढ़ें पूरी खबर…
क्यों उठा ट्रांसफर में लेनदेन का मुद्दा
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया है। इसमें 55 तहसीलदार भी शामिल हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा कि, 2 साल में उनका 6 बार ट्रांसफर किया गया है। पढ़ें पूरी खबर…
उन्होंने कहा कि, मेरा भी परिवार है, बच्चे हैं। हर व्यक्ति जिसका ट्रांसफर एक-दो साल के अंदर लगातार हुआ है, वह अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहा है। यह कैसी नीति है, जो ट्रांसफर पोस्टिंग को मंत्रियों को बिजनेस बनाने पर मजबूर कर देती है। यह भी आरोप लगाया कि संगठन के पदाधिकारियों को टारगेट कर दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है।