सूरत जिले के पाली गाम में हुई तीन बच्चियों की मौत की सही वजह जानने टीमें जांच में जुट गईं हैं। हालांकि, प्राथमिक जांच में सामने आया है कि तीनों की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के चलते हुई है। हादसे में जान गंवाने वाली बच्चियों में 12 वर्षीय दुर्गा कुमा
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मौके का जायजा लेती पुलिस। इसी जगह तीनों बच्चियां आग ताप रही थीं।
शुक्रवार की शाम को हुआ था हादसा जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम करीब 4 बजे चारों लड़कियां अपने घर के पास खेल रही थीं। ठंड से बचने के लिए वे पास में जल रहे कचरे की आग में तपने चली गईं। खेल-खेल में उन्होंने आसपास का कुछ कचरा और प्लास्टिक भी आग में डाल दिया। कुछ देर बाद बच्चियों को चक्कर आने लगे और उल्टियां शुरू हो गईं। स्थानीय लोगों और परिजन बच्चियों की हालत देखकर उन्हें पास के क्लीनिक ले गए, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया। इलाज के दौरान तीनों बच्चियों की मौत हो गई।
नौ साल की शीला ने बताई आपबीती इस घटना से प्रभावित 9 साल की शीला ने बताया कि हम सभी पास ही जल रही आग के पास थे और हमें भी आसपास से कचरा उठाकर उस आग में डालना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद सभी को खांसी आने लगी। आंखे भी जलन होने लगी। उल्टियां शुरू हो गई। सभी वहीं गिर गए। मैंने घर वालों को जानकारी दी, इसके बाद मुझे कुछ ज्यादा याद नहीं है।

हेल्थ टीम भी डोर टू डोर सर्वे कर रही हैं।
ये भी अफवाह है कि आइसक्रीम खाने से बच्चियों की तबीयत खराब हुई सचिन जीआईडीसी पुलिस स्टेशन के पीआई जेआर चौधरी ने बताया कि पुलिस को शनिवार सुबह घटना की सूचना मिली। प्राथमिक जांच में पाया गया कि जलते कचरे से जहरीली गैस, संभवतः कार्बन मोनोऑक्साइड, निकली थी। इससे बच्चियों का दम घुट गया। शवों का पैनल पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारण की पुष्टि हो सकेगी। यह भी अफवाह फैली है कि आइसक्रीम खाने से बच्चियों की मौत हुई है, जो स्पष्ट नहीं है। मौत का कारण कचरे से निकलने वाली जहरीली गैस ही हो सकती है। हम बची हुई बच्ची को घटना स्थल पर ले जाकर मामले की जांच कर रहे हैं।

सिविल अस्पताल में बच्चियों के परिजन।
परिजनों का आरोप: अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही हुई दुर्गा के पिता राम प्रवेश महतो ने अस्पतालों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे दुर्गा और शीला को क्लीनिक ले जाया गया। इलाज के बाद उन्हें घर ले जाया गया, लेकिन दुर्गा की हालत बिगड़ने पर दोबारा क्लीनिक ले जाया गया। वहां से मरोली के सरकारी अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर नहीं थे। ऐसे में दो घंटे का समय बर्बाद हो गया। रात 12 बजे नवसारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी उचित इलाज नहीं मिला और उन्हें सिविल अस्पताल भेज दिया गया। शनिवार सुबह 6 बजे दुर्गा सिविल अस्पताल पहुंची, लेकिन एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

घटना के बाद अब गांव में करवाई जा रही साफ-सफाई।
मृतक बच्चियों के परिजन बिहार और नेपाल के मूल निवासी दुर्गा कुमारी (12) | बिहार से सचिन क्षेत्र के पाली गाम काली मंदिर के पास रहने वाले राम प्रवेश महतो की बेटी दुर्गा और उसकी छोटी बहन शीला आग सेक रही थीं। दुर्गा की तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले पास के क्लीनिक ले गए। स्थिति गंभीर होने पर उसे मरोली के सरकारी अस्पताल और फिर नवसारी अस्पताल भेजा गया। शनिवार सुबह 7 बजे दुर्गा की मौत हो गई। राम प्रवेश भंगार बेचकर परिवार चलाते हैं।
अनिता कुमारी (8) | नेपाल के मूलत: राम प्रकाश महतो की बेटी अनिता को भी इस घटना ने अपनी चपेट में ले लिया। राम प्रकाश मिल में काम करते हैं। परिजनों ने बताया कि अनिता को शुक्रवार रात उल्टियां होने लगीं। पहले क्लीनिक में इलाज के बाद उसे घर ले गए। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर प्राइवेट अस्पताल ले गए। जहां शनिवार सुबह 3 बजे उसकी मौत हो गई। राम प्रकाश को दो बेटी एक बेटे में छोटी बेटी अनिता थी।
अमृता कुमारी (14) | बिहार निवासी रामबालक महतो की बेटी अमृता की मौत हो गई। पिता दिहाड़ी मजदूर है। उसकी मां दिव्या देवी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में अमृता के साथ बेटे रोशन को खाना देने गई थीं। अमृता अन्य लड़कियों के साथ खेलने लगी और कचरे के पास पहुंच गई। जब तबीयत बिगड़ी तो उसे इलाज के लिए ले गए। शनिवार सुबह 4 बजे उसकी मौत हो गई।