सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने 27 अगस्त से सीएम आवास के सामने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। मोर्चा ने सीएम और शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर वेतनमान के समतुल्य मानदेय देने और पूर्व के समझौते को लागू करने का आग्रह किया है। मोर्चा नेताओं ने
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी संविदा संवाद में यह वादा किया था कि सरकार बनने के साथ ही समान काम का समान वेतन के साथ पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया जाएगा। 5 अगस्त और 14 अगस्त को शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम की अध्यक्षता में वेतनमान को लेकर सरकार द्वारा सकारात्मक पहल नहीं होने पर राज्य के सहायक अध्यापकों में निराशा और आक्रोश है। सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने अब कोई भी वार्ता नहीं करने का निर्णय लिया है। मोर्चा ने मांग की है कि बिहार नियोजित शिक्षक नियुक्ति नियमावली की तरह टेट, सीटेट एवं आकलन उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों को वेतनमान नहीं देने की स्थिति में वेतनमान के समतुल्य मानदेय का लाभ दिया जाए। कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ दिया जाए।
आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की तरह सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की जाए। आंदोलन के क्रम में सहायक अध्यापकों एवं परिजनों पर रांची एवं राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमे को वापस लिया जाए। मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय दुबे, विनोद तिवारी, हृषिकेश पाठक, सिद्दीक शेख, प्रद्युम्न सिंह, विकास चौधरी, नरोत्तम सिंह मुंडा, निरंजन डे आदि ने कहा है कि 24 अगस्त तक मांगें नहीं मानने की स्थिति में 25 अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस और 27 अगस्त से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा।