नई दिल्ली2 घंटे पहले
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अप्रैल-जून 2025 तिमाही में TCS के कर्मचारियों की टोटल संख्या 6,13,069 थी। इस तिमाही में कंपनी से 6,071 नए कर्मचारी जुड़े हैं।
टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) छंटनी करने का प्लान बना रही है। कंपनी अगले साल अपनी टोटल वर्कफोर्स में से 2% यानी 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देगी।
कंपनी का यह कदम उन सभी देशों और डोमेन के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, जहां TCS ऑपरेशनल है। यह छंटनी वित्त वर्ष 2026 यानी अप्रैल 2025 से मार्च 2026 के बीच होगी।
TCS में टोटल 6.13 लाख से ज्यादा कर्मचारी
TCS के मुताबिक, अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की टोटल संख्या 6,13,069 थी। इस तिमाही में कंपनी से 6,071 नए कर्मचारी जुड़े हैं।
यह अब तक के सबसे कठिन फैसलों में से एक: CEO
TCS के CEO के कृतिवासन ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘हम नई टेक्नोलॉजी, खासकर AI और ऑपरेटिंग मॉडल में बदलावों पर जोर दे रहे हैं। काम करने के तरीके बदल रहे हैं। हमें भविष्य के लिए तैयार रहने की जरूरत है। हम बड़े पैमाने पर AI का इस्तेमाल कर रहे हैं और भविष्य के लिए जरूरी स्किल्स का वैल्यूएशन कर रहे हैं।
हमने एसोसिएट्स में काफी निवेश किया है, ताकि उन्हें करियर ग्रोथ और डिप्लॉयमेंट के मौके दिए जा सकें। फिर भी कुछ ऐसे रोल हैं, जहां री-डिप्लॉयमेंट प्रभावी नहीं रहा है। छंटनी का असर हमारी ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग 2% पर पड़ेगा। यह कोई आसान फैसला नहीं था और CEO के तौर पर मेरे लिए यह अब तक के सबसे कठिन फैसलों में से एक है।’

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के CEO के कृतिवासन। (फाइल फोटो)
छंटनी AI के कारण नहीं, स्किल डेवलपमेंट के लिए है
कृतिवासन ने कहा कि एक मजबूत TCS बनाने के लिए हमें यह एक मुश्किल फैसला लेना होगा। कंपनी नोटिस पीरियड-पे और एडेड सेवरेंस पैकेज के अलावा, प्रभावित कर्मचारियों के लिए इंश्योरेंस बेनिफिट्स बढ़ाने और आउटप्लेसमेंट के मौके प्रोवाइड करने पर भी विचार करेगी।
CEO ने आगे यह भी कहा कि यह छंटनी AI के कारण नहीं, बल्कि भविष्य के लिए स्किल डेवलपमेंट करने के लिए है। यह डिप्लॉयमेंट की प्रैक्टिकैलिटी को लेकर है, न कि इसलिए कि हमें कम लोगों की जरूरत है।’
TCS ने 12 जून से लागू की थी नई बेंच पॉलिसी
इससे पहले खबर आई थी कि TCS की नई बेंच पॉलिसी के चलते हजारों एम्प्लॉइज की नौकरी जा सकती है। यह पॉलिसी 12 जून 2025 को लागू हुई है। IT इंडस्ट्री में बेंच साइज/बेंच एम्प्लॉइज से मतलब पेरोल वाले उन एम्प्लॉइज से है, जो किसी भी एक्टिव प्रोजेक्ट पर नहीं होते हैं।
ये बैकअप के रूप में रहते हैं और क्लाइंट की ओर से अचानक डिमांड आने की स्थिति में इन्हें यूज किया जाता है। हालांकि, किसी भी प्रोजेक्ट पर काम न करते हुए भी इन्हें सैलरी मिलती रहती है। नई पॉलिसी के तहत कर्मचारियों को एक साल में कम से कम 225 बिलेबल डेज मेंटेन करने होंगे।
इसका मतलब है कि उन्हें कम से कम 225 बिजनेस डेज ऐसे प्रोजेक्ट पर रहना होगा, जिससे कंपनी को रेवेन्यू मिलेगा। साथ ही बेंच पर रहने की टाइम लिमिट अब 35 दिन तक सीमित रहेगी। प्रोजेक्ट से दूरी के टाइम को बेंच होल्डिंग टाइम कहा जाता है।
पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 6% बढ़ा
TCS को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 12,760 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर इसमें करीब 6% की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 12,040 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने संचालन से 63,437 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। सालाना आधार पर यह 1.31% कम है। अप्रैल-जून 2024 में कंपनी ने 62,613 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया था। कंपनी ने 10 जून को अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे जारी किए थे।

1968 में हुई थी TCS की स्थापना
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारत की मल्टीनेशनल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) कंपनी है। यह टाटा ग्रुप की एक सहायक कंपनी है। TCS की स्थापना 1968 में ‘टाटा कंप्यूटर सिस्टम्स’ के रूप में हुई थी। 25 अगस्त 2004 को TCS पब्लिक लिस्टेड कंपनी बनी।
2005 में इन्फॉरमेटिक्स मार्केट में जाने वाली यह भारत की पहली कंपनी बनी। अप्रैल 2018 में 100 अरब डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली देश की पहली IT कंपनी बनी। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 11.34 लाख करोड़ रुपए है। यह 46 देशों में 149 लोकेशन पर काम करती है।