निगम चुनावों के बाद अब निगमों को घाटे से उबारने के लिए सरकार की ओर से कवायद शुरू की गई है। पंजाब सरकार ने लुधियाना नगर निगम से आय बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगे हैं। निगम ने तीन महत्वपूर्ण सुझाव सरकार की ओर से गठित कमेटी को भेजे हैं।
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प्रावधानों के तहत मिल रही छूट में संशोधन किया जा सकता है। इससे आम जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ना तय है। नगर निगम लुधियाना ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए करीब 990 करोड़ का बजट मंजूर किया था। निगम को प्रॉपर्टी टैक्स, कामर्शियल टैक्स, जीएसटी आदि विभिन्न माध्यमों से राजस्व के रूप में आय की प्राप्ति होती है। 2011-2012 में हाउस टैक्स वसूला जाता था जिसके बाद प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाने लगा।
इसमें पंजाब सरकार की ओर से दरों में छूट का प्रावधान रखा था। ऐसे में निगम को टैक्स के रूप में आय कम प्राप्त हो रही है। निगम ने इंडस्ट्रीज के लिए अलग से दरें तय करने, स्कूल-कॉलेज को मिल रही छूट का प्रावधान खत्म करने, नई कालोनियों से टैक्स वसूलने के प्रमुख सुझाव दिए हैं। सरकार निगम के सुझावों को मान लेती है तो निगम को सालाना 70 करोड़ के राजस्व में इजाफा होगा। निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने बताया कि कमेटी ने लुधियाना दौरा किया था जिन्हें निगम की वित्तीय स्थिति के बारे में बताया गया है।
कमर्शियल-रेस्त्रां आदि..
- टोटल एरिया ऑफ यूनिट -250 स्क्वायर यार्ड
- कवर्ड एरिया ऑफ यूनिट( ग्राउंड फ्लोर)- 1800 स्क्वायर फीट (200 स्क्वायर यार्ड )
- खाली जगह- 50 स्क्वायर यार्ड
- कवर्ड एरिया ऑफ यूनिट(फर्स्ट फ्लोर)- 900 स्क्वायर फीट (100 स्क्वायर्ड यार्ड)
- कैलकुशन ऑफ प्रॉपर्टी टैक्स -1800 स्कवायर फीट (कवर्ड लैंड और ग्राउंड फ्लोर) x 6 रुपये प्रति स्क्वायर फीट=10800
- 450 स्कवायर फीट(खाली जगह ) x 3 रुपये प्रति स्क्वायर फीट =1350
- 900स्क्वायर फीट(कवर्ड लैंड और फर्स्ट फ्लोर) x 3 रुपये प्रति स्कवायर फीट=2700
- कुल- प्रॉपर्टी टैक्स-14850
ये वसूलता है नगर निगम
- रेजीडेंशियल : टोटल एरिया ऑफ यूनिट- 250 स्क्वायर यार्ड
- कवर्ड एरिया ऑफ यूनिट( ग्राउंड फ्लोर)- 1800 स्क्वायर फीट(200 स्क्वायर यार्ड )
- खाली जगह- 50 स्क्वायर यार्ड
- कवर्ड एरिया ऑफ यूनिट(फर्स्ट फ्लोर)-900 स्क्वायर फीट(100 स्क्वायर यार्ड)
- कैलकुशन ऑफ प्रॉपर्टी टैक्स-200 स्क्वायर यार्ड(कवर्ड लैंड और ग्राउंड फ्लोर) x 5 रुपये प्रति स्क्वायर यार्ड=1000
- 50 स्क्वायर यार्ड (खाली जगह ) x 2.5 रुपये प्रति स्कवायर यार्ड =125 /-
- 100 (कवर्ड लैंड और फर्स्ट फ्लोर) x 2.5 रुपये प्रति स्कवायर्ड यार्ड- 250 /-
कॉलोनियों से टैक्स वसूलेंगे
निगम ने शहरी क्षेत्र में सुविधाआंें के हिसाब से कॉलोनियों की कैटेगरी बनाई है जिसमें ए, बी और सी कैटेगरी शामिल हैं। निगम के रिकॉर्ड में 1025 कॉलोनियों रजिस्टर्ड हैं जबकि पिछले 11 सालों में 350 से अधिक कॉलोनियों का विस्तार हुआ है। नई कॉलोनियां अस्तित्व में आईं हैं जिसमें कई घर बने हैं लेकिन इनसे टैक्स के रूप में निगम को आय प्राप्त नहीं हो रही है। निगम अधिकारियों ने इन कॉलोनियों को कैटेगराइज्ड कर टैक्स वसूलने का प्रस्ताव रखा है।
इंडस्ट्रीज से मिल रहा 4 करोड़
नगर निगम क्षेत्र में करीब 50 हजार इंडस्ट्रीज है जिसमें बड़ी इंडस्ट्रीज के साथ-साथ मिक्स यूज इंडस्ट्रीज हैं। मिक्स यूज में वह इंडस्ट्रीज हैं जिसमें ग्राउंड फ्लोर में फैक्ट्री और वहीं घर भी है। इनसे सालाना नगर निगम को करीब चार करोड़ टैक्स हासिल होता है। अगर सरकार निगम के सुझाव पर टैक्स की दरें बढ़ाती हैं तो इससे नगर निगम को 40 से 50 करोड़ इनकम प्राप्त हो सकती है। अगर 5 हजार गज मंें फैक्ट्री है जो टैक्स के अनुसार 25 हजार रुपये सालाना घर का टैक्स बनेगा।
स्कूल-कॉलेज को मिली है 50 फीसदी छूट
नगर निगम क्षेत्रांर्तगत टैक्स देने वाले स्कूल-कॉलेज की संख्या 300 है। इनसे नगर निगम को टैक्स के रूप में हर साल 50 लाख टैक्स प्राप्त होता है। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से स्कूल-कॉलेज को 50 फीसदी छूट का प्रावधान है। इसके तहत निर्धारित दरों से आधा ही उनके द्वारा निगम को मिलता है जबकि अगर 100 फीसदी टैक्स वसूल किया जाए तो निगम की आय में इजाफा हो सकता है। सरकार इस पर फैसला लेती है तो करीब 1.5 करोड़ से दो करोड़ सालाना निगम को लाभ होगा। स्कूल परिसर में घर भी होता है। ऐसे में 200 गज का प्रॉपर्टी टैक्स 1000 हजार रुपये होता है जबकि स्कूल-कॉलेज के लिए 50 फीसदी छूट रहेगी।
127 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स वसूल चुके: लुधियाना नगर निगम के चार जोन हैं। कमिश्नर की ओर से जोन ए, जोन बी, जोन सी और जोन डी का टारगेट निर्धारित किया गया है। करीब पांच लाख प्रॉपर्टीज से निगम की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स, कमर्शियल टैक्स वसूल किया जाता है। 2024-2025 में निगम ने टारगेट 140 करोड़ तय किया था। नगर निगम दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक 127 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स वसूल चुका हैं। अभी निगम टैक्स के रूप में और राजस्व प्राप्त करेगा।