Tata Trust Mehli Mistry Re-Appointment | Tata Sons Controversy | रतन टाटा के करीबी मेहली मिस्त्री टाटा ट्रस्ट से बाहर: इसकी टाटा संस में 66% हिस्सेदारी; जो TCS, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स की होल्डिंग कंपनी

मुंबई5 घंटे पहले

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रतन टाटा के करीबी रहे मेहली मिस्री को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। 6 में से तीन ट्रस्ट्रीज ने री-अपॉइंटमेंट के खिलाफ वोट डाला है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक डेरियस खंबाटा, प्रमित झावेरी और जहांगीर एचसी जहांगीर ने सहमति में वोट डाला, लेकिन नोएल टाटा समेत 3 ने उनके री-अपॉइंटमेंट के खिलाफ वोट डाला है।

ये 3-3 टाई बना, लेकिन ट्रस्ट्स के रूल्स के मुताबिक ये “टाई” नहीं, बल्कि “नो कंसेंसस” यानी, सहमति न होना है। टाटा ट्रस्ट्स के रूल्स में सभी की सहमति ही जरूरी है।

टाटा संस के 66% शेयर कंट्रोल करता है टाटा ट्रस्ट

टाटा ट्रस्ट्स में सर रतन टाटा ट्रस्ट समेत कुछ और ट्रस्ट्स है। ये ट्रस्ट्स टाटा संस के 66% शेयर कंट्रोल करते हैं। टाटा संस में TCS, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां है।

मिस्त्री 2022 से सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) के ट्रस्टी थे। ये दोनों मुख्य ट्रस्ट्स मिलकर टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 51% हिस्सेदारी रखते हैं। इनके पास टाटा संस के बोर्ड में एक-तिहाई सदस्यों को नॉमिनेट करने का हक है।

विजय सिंह को टाटा संस के बोर्ड से हटाने से शुरू हुआ विवाद

  • रतन टाटा के निधन के बाद अक्टूबर 2024 में उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया। नवंबर 2024 में नोएल को टाटा संस के बोर्ड में भी शामिल किया गया। लेकिन कई यह फैसला ट्रस्ट के भीतर एकमत नहीं था।
  • इससे टाटा संस को कंट्रोल करने वाले टाटा ट्रस्ट्स में बोर्ड सीट को लेकर सीधा-सीधा बंटवारा हो गया। एक गुट नोएल टाटा के साथ था, तो दूसरा गुट मेहली मिस्त्री के साथ। मिस्त्री का कनेक्शन शापूरजी पल्लोनजी फैमिली से है जिसकी टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है।
  • रतन टाटा के निधन के करीब एक साल बाद, ट्रस्टीज ने बहुमत से पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी विजय सिंह को टाटा संस के बोर्ड से हटा दिया था। ये फैसला इतना बड़ा था कि पूरे देश का ध्यान टाटा ट्रस्ट्स के अंदरूनी कलह पर चला गया। सरकार को भी बीच में आना पड़ा।
  • टाटा संस की बोर्ड सीट को लेकर हुए विवाद के बीच 7 अक्टूबर को सीनियर लीडरशिप ने गृहमंत्री अमित शाह के घर पर 45 मिनट की मीटिंग की। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने कहा कि घरेलू झगड़े को जल्द निपटा लिया जाए, ताकि कंपनी पर असर न हो।

श्रीनिवासन की बहाली को मिस्त्री ने शर्त के साथ मंजूरी दी थी

मिस्त्री ने पिछले हफ्ते श्रीनिवासन की सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन के तौर पर बहाली को शर्त के साथ मंजूरी दी थी।

उन्होंने एक ईमेल में कहा था- अगर कोई ट्रस्टी वेणु श्रीनिवासन की बहाली वाला रेजोल्यूशन पास न करे या बाकी ट्रस्टीज के लिए वैसा ही एकमत रेजोल्यूशन न लाए जब उनके टर्म खत्म होंगे, तो मैं श्रीनिवासन की बहाली को अपनी औपचारिक मंजूरी नहीं दूंगा।

बोर्ड के फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं मिस्त्री

अब अंदर बहस चल रही है कि क्या मिस्त्री श्रीनिवासन की मंजूरी वापस ले लेंगे या उनकी बहाली को मंजूरी न देने के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नोएल टाटा, श्रीनिवासन और सिंह ने इस पर लीगल एडवाइस ली है।

लेकिन एक ट्रस्टी ने साफ कहा- शर्त वाली मंजूरी कानूनी तौर पर टिक नहीं सकती। कोई भी रेजोल्यूशन पास होने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता। कानूनी रूप से ये सही नहीं है।

मिस्त्री के बाहर जाने का असर क्या होगा?

मेहली का जाना टाटा संस बोर्ड में नई नॉमिनेशन लाएगा। शायद नोएल कैंप का पलड़ा भारी होगा। ये ट्रस्ट्स की एकता पर सवाल उठाता है। शापूरजी पलॉन्जी ग्रुप यानी, SP ग्रुप के साथ पुराना विवाद फिर गरम हो सकता है।

साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं मेहली मिस्त्री

मिस्त्री एम पलॉन्जी ग्रुप के प्रमोटर हैं, जिसमें इंडस्ट्रियल पेंटिंग, शिपिंग, ड्रेजिंग, कार डीलरशिप जैसे बिजनेस हैं। उनकी कंपनी स्टरलिंग मोटर्स टाटा मोटर्स की डीलर है।

मिस्त्री शापूरजी मिस्त्री और उनके दिवंगत भाई साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं। शापूरजी पलॉन्जी ग्रुप के पास टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है।

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