नई दिल्ली32 मिनट पहले
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तहव्वुर राणा को NIA ने 10 अप्रैल को 18 दिन की कस्टडी में भेजा था।
मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने 22 अप्रैल(मंगलवार) को परिवार से बात करने के लिए NIA की स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल की। बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जांच एजेंसी NIA ने याचिका का विरोध किया।
NIA ने कोर्ट में कहा कि अगर राणा को परिवार से बात करने की इजाजत दी गई, तो वह कोई अहम जानकारी शेयर कर सकता है। इससे जांच प्रभावित हो सकती है। कोर्ट ने अब इस मामले में फैसला 24 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया है।
64 साल के पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल को कोर्ट ने 18 दिन की कस्टडी में भेजा था। राणा ने वकील के जरिए अर्जी लगाई थी कि परिवार से बात करना उसका मौलिक अधिकार है।

अमेरिकी सरकार बोली- राणा का रोल साबित हुआ
अमेरिकी सरकार का कहना है, ‘हेडली ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं।’

अमेरिकी कोर्ट पहले खारिज कर चुका प्रत्यर्पण याचिका
13 नवंबर 2024 को राणा ने निचली अदालत के प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसे 21 जनवरी को खारिज कर दिया गया था। इससे पहले उसने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में अपील की थी, जो खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है।
राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक
- 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
- कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा
अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ’हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
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2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड 64 साल के तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया। राणा का प्रत्यर्पण टॉप-सीक्रेट मिशन “ऑपरेशन राणा” के तहत हुआ।
ऑपरेशन के दौरान जब राणा को अमेरिका से फ्लाइट में भारत लाया जा रहा था, जब NIA का एक अधिकारी पूरे रास्ते उसका हाथ पकड़कर बैठा रहा। ऐसा इसलिए ताकि तहव्वुर राणा खुद को कोई नुकसान न पहुंचा सके। पूरी खबर पढ़ें…