T20 World Cup 2024 Satta Market; US Cricket Betting Scenario Explained | ‘सट्टेबाजी के गढ़’ में टी-20 वर्ल्डकप: सालाना 10 लाख करोड़ की स्पोर्ट्स बेटिंग करते हैं अमेरिकी, वहां अब क्रिकेट की एंट्री

स्पोर्ट्स डेस्ककुछ ही क्षण पहले

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करीब 6 हजार साल पहले जब भारत में सिंधु घाटी सभ्यता का विकास हो रहा था। लोग पक्के घर और सीवेज सिस्टम बना रहे थे, लगभग उसी दौरान इजिप्ट के लोगों ने खेलों पर सट्टा खेलना शुरू कर दिया था। 2800 साल पहले जब एनसिएंट ओलिंपिक की शुरुआत हुई तो उस दौरान भी खेलों पर सट्टा लगाना काफी आम था। क्रिकेट की बात करें तो आज से 360 साल पहले 1664 में इंग्लैंड की संसद ने सट्टा खेलने पर कानून बना दिया था।

हालांकि, तब से अब तक दुनिया के कई देशों में सैकड़ों कानून बन जाने के बावजूद खेलों पर सट्टेबाजी बदस्तूर जारी है।

अब क्रिकेट का खेल दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका में भी पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका 2 जून से शुरू हो रहे 9वें टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि वहां सट्टेबाजी की क्या स्थिति है? क्या अमेरिका में इसे कानूनी मान्यता मिली हुई है? अमेरिका का सट्टेबाजी इकोसिस्टम भारत से कितना अलग है? सभी सवालों का जवाब आगे जानते हैं।

2018 में अमेरिका में लीगल हुई स्पोर्ट्स बेटिंग
कई देशों की तरह अमेरिका में भी स्पोर्ट्स बेटिंग कई वर्षों तक रेगुलेटेड नहीं थी। 1992 में फेडरल कानून के तहत अमेरिका के सभी राज्यों में स्पोर्ट्स बेटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि 2018 में वहां के सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक हटा दी। तर्क यह था कि बैन के बावजूद जब पैसों का यह खेल चल ही रहा है तो इसे क्यों न मान्यता दे दी जाए। इस समय अमेरिका के 50 में से 38 राज्यों में स्पोर्ट्स बेटिंग को कानूनी मान्यता मिली हुई है।

अमेरिकी लोगों ने 2023 में 10 लाख करोड़ की स्पोर्ट्स बेटिंग की
2018 में सुप्रीम कोर्ट से मान्यता मिलने के बाद अमेरिका में स्पोर्ट्स बेटिंग जंगल में आग की तरह फैली। अमेरिकी गेमिंग एसोसिएशन के मुताबिक 2023 में अमेरिका में लोगों ने 119.84 बिलियन डॉलर यानी करीब 10 लाख करोड़ रुपए की स्पोर्ट्स बेटिंग की। यह रकम 2022 की तुलना में 27.5% ज्यादा है।

लोगों की बेटिंग में बढ़ती रुचि से अमेरिकी बेटिंग कंपनियों का रेवेन्यू भी साल दर साल बढ़ता जा रहा है। 2023 में अमेरिकी स्ट्टेबाजी कंपनियों ने 10.92 बिलियन डॉलर यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया।

अमेरिकन फुटबॉल बेटिंग के लिए सबसे पसंदीदा खेल
स्पोर्ट्स बेटिंग के लिए अमेरिकी लोगों का सबसे पसंदीदा खेल अमेरिकन फुटबॉल है। वहां जितने लोग स्पोर्ट्स बेटिंग करते हैं, उनमें से 61% लोगों ने इस खेल की फ्रेंचाइजी लीग NFL में बेटिंग जरूर की है। इसके बाद बास्केटबॉ़ल और बेसबॉल का नंबर आता है। किस खेल में अमेरिका के सट्टेबाजों की कितनी रुचि है, यह आप नीचे ग्राफिक्स में देख सकते हैं।

किस तरह काम करती है स्पोर्ट्स बेटिंग
क्रिकेट मैच के एक एग्जाम्पल से समझते हैं। मान लीजिए भारत और पाकिस्तान का मैच चल रहा है। बेटिंग रेट भारत के जीतने पर +7000 रुपए है और पाकिस्तान के जीतने पर +3000 रुपए है। यानी भारत के जीतने पर अगर आपने 1000 रुपए लगाए और टीम जीत गई तो आपको 7000 रुपए मिलेंगे। इसी तरह पाकिस्तान के जीतने पर आपने 1000 रुपए लगाए और टीम जीत गई तो आपको 3000 रुपए मिलेंगे।

कुल मिलाकर अपने पैसे को एक स्पोर्ट्स टीम की जीत या हार पर लगाकर रिस्क लेना। क्योंकि अगर आपने भारत पर 1000 हजार रुपए लगाए और पाकिस्तान जीत गई तो आपको कोई रकम नहीं मिलेगी। ऐसा ही पाकिस्तान के हारने पर भी होगा।

बेट सिर्फ मैच से पहले टीमों के नतीजों पर ही नहीं लगाई जाती, मैच के दौरान खिलाड़ियों की ओवरऑल परफॉर्मेंस या किसी ओवर की परफॉर्मेंस पर भी लगाई जाती है। यानी एक प्लेयर मैच में कितने रन बनाएगा या विकेट लेगा, इस पर भी बेटिंग होती है।

भारत में लीगल नहीं है बेटिंग
भारत में ऑफलाइन बेटिंग पूरी तरह से बैन है, लेकिन ऑनलाइन बेटिंग को अब तक रेगुलाइज नहीं किया गया है। इस कारण कई विदेशी कम्पनियां कानून की कमी का फायदा उठाकर इंटरनेट पर भारतीयों के लिए भी स्पोर्ट्स बेटिंग के ऑप्शन प्रोवाइड करती हैं।

भारत से कितनी अलग है अमेरिका में स्पोर्ट्स बेटिंग
इंटरनेट पर भारत और अमेरिका की स्पोर्ट्स बेटिंग एक जैसी ही होती है। हालांकि भारत में किसी भी कम्पनी को बेटिंग शुरू करने की परमिशन नहीं है। अमेरिका में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की बेटिंग ज्यादातर राज्यों में लीगल है।

क्या फैंटेसी गेम भी बेटिंग के दायरे में आते हैं?
नहीं, फैंटेसी गेम बेटिंग के दायरे में नहीं आते। इस मामले पर 2020 में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि फैंटेसी ऐप यूजर की स्किल और जजमेंट का खेल है। इसमें खिलाड़ियों के आंकड़े और ग्राउंड की कंडीशन के आधार पर पैसा लगाया जाता है। इसीलिए इसे बेटिंग में नहीं गिना जा सकता।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद भारत में फैंटेसी गेमिंग का बिजनेस तेजी से बढ़ा। इस कारण ड्रीम-11 की तरह माय-11 सर्कल, मायटीम-11, MPL, बल्लेबाजी और हालाप्ले जैसी कई ऐप्स ने स्पोर्ट्स फैंटेसी के मार्केट में कदम रख दिया। सभी ऐप्स तेजी से ग्रो भी कर रहे हैं।

क्या बेटिंग और फिक्सिंग एक ही बात है?
नहीं, बेटिंग और फिक्सिंग दोनों अलग-अलग चीजें हैं। स्पोर्ट्स बेटिंग में किसी मैच के रिजल्ट या खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर मैच के दौरान या पहले पैसा लगाया जाता है। इसमें यूजर को नतीजे का पता नहीं रहता। इसी चीज से बचने के लिए कुछ बड़े सट्टेबाज खिलाड़ियों को इन्फ्लुएंस करते हैं और उन्हें मैच में अपने हिसाब से परफॉर्म करने के लिए पैसे देते हैं।

खिलाड़ी अगर सट्टेबाज का साथ देने के लिए पैसे लेकर अपनी परफॉर्मेंस में बदलाव करता है तो उसे फिक्सिंग के दायरे में गिनते हैं। फिक्सिंग पूरी दुनिया में गैरकानूनी है।

IPL में फिक्सिंग करने के लिए 2013 में राजस्थान रॉयल्स के अजित चंदिला और अंकित चव्हाण को BCCI ने बैन भी किया था। इंटरनेशनल क्रिकेट में पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर और सलमान बट्ट बैन झेल चुके हैं। बैन खत्म होने के बाद आमिर अब टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से खेलते हुए भी नजर आएंगे।

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ग्राफिक्स- कुणाल शर्मा, विपुल शर्मा, अंकलेश विश्वकर्मा
स्केच- संदीप पाल
फोटोग्राफी- दिलीप चौकसे

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