6 मिनट पहलेलेखक: अश्विन सोलंकी
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24 सितंबर, 2007। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को 13 रन चाहिए, 9 विकेट गिर चुके। मिसबाह उल हक 3 छक्के मारकर 37 रन पर खेल रहे। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने गेंद जोगिंदर शर्मा को पकड़ाई। पहली गेंद वाइड, अगली गेंद खाली, दूसरी बॉल पर मिस्बाह ने चौथा छक्का जड़ा और स्टेडियम में सन्नाटा छा गया।
अब 4 गेंदों पर सिर्फ 6 रन चाहिए, सन्नाटा और गहरा हो गया। जोगिंदर ने तीसरी गेंद फेंकी और मिसबाह ने स्कूप किया। गेंद हवा में, लगा जैसे एक और छक्का जाएगा, बॉल ट्रैवल करते हुए फाइन लेग पर श्रीसंत के हाथों में समा गई। टीम इंडिया ने पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता और देश जश्न में डूब गया। 9वां टी-20 वर्ल्ड कप कल यानी 2 जून से शुरू हो रहा है।
कोई भी टीम चैंपियन बन सकती है, लेकिन भारत के साथ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इस बार ट्रॉफी जीतने की सबसे बड़ी दावदेार मानी जा रही हैं।
वर्ल्ड कप इंडेप्थ रिपोर्ट के पार्ट-7 में आज बात टूर्नामेंट जीतने के 3 दावेदारों की…
1. ऑस्ट्रेलिया: 2021 से मेंस-विमेंस कैटेगरी में 6 ICC टूर्नामेंट जीते
वनडे की मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया 2021 से मेंस और विमेंस कैटेगरी में ICC के 6 अलग-अलग टूर्नामेंट जीत चुकी है। मेंस टीम ने 2021 का टी-20 वर्ल्ड कप, 2023 की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप यानी WTC और वनडे वर्ल्ड कप के साथ 2024 का अंडर-19 वर्ल्ड कप भी जीता। ऑस्ट्रेलिया की विमेंस टीम 2022 में वनडे और 2023 में टी-20 वर्ल्ड कप जीत चुकी है।
2023 में ICC के 2 जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया मेंस टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप भी जीत लिया तो टीम एक साथ ICC 3 बड़े टूर्नामेंट जीतने वाला देश बन जाएगा। ऑस्ट्रेलिया फिलहाल WTC और वनडे वर्ल्ड कप का मौजूदा चैंपियन है।
4 फैक्टर्स जो ऑस्ट्रेलिया को चैंपियन बनने का दावेदार बना रहे…
फैक्टर-1: टी-20 वर्ल्ड कप में 63% मैच जीते
ऑस्ट्रेलिया 9वीं बार टी-20 वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही है। 2007 के सेमीफाइनल में भारत से हारने के बाद टीम ने 2010 के फाइनल जगह बनाई, लेकिन इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा। 2012 में फिर चैंपियन वेस्टइंडीज से सेमीफाइन में हार मिली।
2014 और 2016 में ऑस्ट्रेलिया ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी। फिर 5 साल बाद यूएई में हुए टूर्नामेंट को जीता और पहली बार टी-20 फॉर्मेट की ICC ट्रॉफी अपने कैबिनेट में शामिल की। 2022 में ऑस्ट्रेलिया अपने ही होमग्राउंड पर सुपर-12 स्टेज से बाहर हो गई।
ऑस्ट्रेलिया पिछले साल 2 अलग-अलग फॉर्मेट की ICC ट्रॉफी जीतने के बाद तीसरे फॉर्मेट का ICC टूर्नामेंट खेलने उतरेगा। टी-20 फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में टीम ने 40 मैच खेले, 25 जीते और महज 15 गंवाए। यानी जीत परसेंटेज 62.5% रहा।
फैक्टर-2: वेस्टइंडीज में 53% टी-20 जीते
कंगारू टीम ने अमेरिका में अब तक कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला। टीम ग्रुप स्टेज में अपने चारों मैच वेस्टइंडीज के 3 मैदानों पर खेलेगी। वेस्टइंडीज में ऑस्ट्रेलिया का टी-20 फॉर्मेट में 53.33% का जीत परसेंटेज है। टीम ने यहां 15 मैच खेले, 8 जीते और 7 गंवाए।
फैक्टर-3: कप्तान मिचेल मार्श ने जिताए 88% टी-20
मिचेल मार्श टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की कमान संभालेंगे। उन्हें ऐरन फिंच के कप्तानी छोड़ने के बाद लीडरशिप का रोल मिला। मार्श की कप्तानी में कंगारू टीम ने 8 मैच खेले और 7 में जीत मिली, यानी जीत परसेंटेज 87.5% का रहा। मार्श ने साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को 3 सीरीज जिताईं।
2022 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद ऑस्ट्रेलिया का फॉर्म भी पॉजिटिव रहा। टीम ने 14 मैचों में 6 बार 200 प्लस के स्कोर बनाए और 64% मैचों में जीत हासिल की। टीम का रन रेट भी 10 से ज्यादा का रहा, हालांकि 9.38 की इकोनॉमी से रन देना चिंताजनक साबित हो सकता है।
फैक्टर-4: 9 प्लेयर्स को 10+ टी-20 वर्ल्ड कप मैच का अनुभव
ऑस्ट्रेलिया ने अपने स्क्वॉड में अनुभवी प्लेयर्स को प्राथमिकता दी। टीम के 15 में से 13 प्लेयर्स ने 20 से ज्यादा टी-20 खेले हैं। इनमें भी 9 खिलाड़ियों को 10 से ज्यादा टी-20 वर्ल्ड कप मैच खेलने का एक्सपीरियंस भी है। एश्टन एगर 3 वर्ल्ड कप मैच के साथ सबसे कम अनुभवी हैं।
कभी वर्ल्ड कप नहीं खेलने वाले प्लेयर्स में भी कैमरन ग्रीन और नाथन एलिस जैसे टी-20 में तेजी से अपनी पहचान बना रहे प्लेयर्स शामिल हैं। डेविड वॉर्नर 3099 रन बनाकर टीम के टॉप रन स्कोरर हैं, वहीं एडम जम्पा 92 विकेट के साथ टॉप गेंदबाज हैं।
पॉसिबल प्लेइंग-11: मिचेल मार्श (कप्तान), डेविड वॉर्नर, ट्रैविस हेड, जोश इंग्लिश (विकेटकीपर), ग्लेन मैक्सवेल, टिम डेविड, एश्टन एगर, पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और एडम जम्पा।
एक्स्ट्रा: नाथन एलिस, कैमरन ग्रीन, मार्कस स्टोयनिस, मैथ्यू वेड।
2. इंग्लैंड: 3 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाला पहला देश बनने का मौका
डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड ने 2010 और 2022 में टी-20 वर्ल्ड कप जीता है। 2024 में टीम डिफेंडिंग चैंपियन बनकर उतरेगी, इसे जीतकर इंग्लैंड 3 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाला पहला देश बन सकता है। उनके अलावा वेस्टइंडीज ने भी 2 टी-20 वर्ल्ड कप जीते हैं।
इंग्लैंड ने 2023 का वनडे वर्ल्ड कप भी डिफेंडिंग चैंपियन बनकर खेला था, लेकिन टीम 3 ही मैच जीत सकी और 10 टीमों के पॉइंट्स टेबल में 8वें नंबर पर रही। हालांकि, तब टीम को 2019 का वर्ल्ड कप फाइनल जिताने वाले जोफ्रा आर्चर नहीं थे। वह अब वापसी कर चुके हैं और लगातार 145 किमी से ज्यादा की स्पीड से बॉलिंग भी कर रहे हैं। टीम में टी-20 के लिए सबसे जरूरी ऑलराउंडर्स की भी कमी नहीं है।
4 फैक्टर्स जो इंग्लैंड को चैंपियन बनने का दावेदार बना रहे…
फैक्टर-1: पिछले 3 टी-20 वर्ल्ड कप में नॉकआउट स्टेज खेला
टी-20 वर्ल्ड कप की डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड इस फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। 2007 और 2009 में सुपर-8 स्टेज से बाहर होने के बाद 2010 में टीम चैंपियन बनी। यह टूर्नामेंट वेस्टइंडीज में ही खेला गया, टीम ने ऑस्ट्रेलिया को फाइनल हराकर खिताब उठाया। 2012 और 2014 में इंग्लिश टीम फिर ग्रुप स्टेज से बाहर हुई और सेमीफाइनल में क्वालिफाई नहीं कर सकी।
2015 से फिर इंग्लैंड ने अपने अप्रोच अटैकिंग किया और 2016 में रनर-अप बनी। टीम ने फिर 2021 में भी नॉकआउट स्टेज खेला, लेकिन सेमीफाइनल हारकर बाहर हो गया। 2022 में इंग्लैंड ने फिर ऑस्ट्रेलिया में खिताब जीता और 2 बार टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया।
पिछले 3 टी-20 वर्ल्ड कप के नॉकआउट में पहुंचने वाली इंग्लैंड अब अपने खिताब का बचाव करने उतरेगी। टूर्नामेंट में टीम ने 44 मैच खेले और 55% में सफलता हासिल की। 19 मुकाबले गंवाए, जबकि एक मैच बेनतीजा भी रहा।
फैक्टर-2: वेस्टइंडीज में 54% टी-20 जीते
इंग्लैंड ने भी ऑस्ट्रेलिया की तरह अमेरिका में अब तक कोई टी-20 नहीं खेला। टीम ग्रुप स्टेज में अपने चारों मैच वेस्टइंडीज के 2 मैदानों पर खेलेगी। यहां इंग्लैंड ने पिछले साल ही 5 टी-20 की सीरीज खेली, हालांकि उन्हें 2-3 से हार झेलनी पड़ी। ओवरऑल इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज में 24 मैच खेला, 13 जीते और 10 गंवाए। एक मैच बेनतीजा भी रहा, यानी जीत परसेंटेज 54% रहा।
फैक्टर-3: बटलर की ही कप्तानी में पिछला वर्ल्ड कप जीता
जोस बटलर 2024 में भी इंग्लैंड की कप्तानी करेंगे, उनकी लीडरशिप में टीम ने 2022 के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। बटलर ने 32 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की, टीम ने 17 मैच जीते और 14 गंवाए भी। यानी जीत परसेंटेज 53% का रहा।
पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से इंग्लैंड का रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं रहा। टीम ने 14 मैच खेले और महज 6 जीते, 8 में टीम को हार मिली। टीम 2 ही बार 200 से ज्यादा रन के स्कोर बना सकी, इस दौरान रन रेट भी महज 8.85 का रहा। हालांकि, टी-20 8.60 की इकोनॉमी से रन खर्च करना पॉजिटिव साइन है।
फैक्टर-4: स्क्वॉड के 10 प्लेयर्स 2022 के विनिंग स्क्वॉड का हिस्सा
इंग्लिश स्क्वॉड में शामिल 15 में से 10 प्लेयर्स ने 2022 में वर्ल्ड कप भी जीता था। 6 ने तो 10 से ज्यादा टी-20 वर्ल्ड कप मैच भी खेले हैं। अब तक वर्ल्ड कप नहीं खेलने वाले प्लेयर्स में जोफ्रा आर्चर जैसे अनुभवी और विल जैक्स, हैरी ब्रूक जैसे टी-20 के उभरते सितारे शामिल हैं।
स्क्वॉड के 5 प्लेयर्स को 70 से ज्यादा टी-20 खेलने का अनुभव हैं। इनमें कप्तान जोस बटलर टीम के टॉप रन स्कोरर हैं, उन्होंने 3011 रन बनाए हैं। आदिल रशीद 108 विकेट लेकर टीम के टॉप विकेट टेकर हैं।
पॉसिबल प्लेइंग-11: जोस बटलर (कप्तान और विकेटकीपर), फिल सॉल्ट, विल जैक्स, जॉनी बेयरस्टो, हैरी ब्रूक, लियम लिविंगस्टन, मोईन अली, सैम करन, जोफ्रा आर्चर, आदिल रशीद और मार्क वुड।
एक्स्ट्रा: बेन डकेट, क्रिस जॉर्डन, टॉम हार्टली, रीस टॉप्ली।
3. भारत: 17 साल का खिताबी सूखा खत्म करने का मौका
2007 के वनडे वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से बाहर होने वाली भारतीय टीम से 4 महीने बाद शुरू हुए टी-20 वर्ल्ड कप में किसी को ज्यादा उम्मीद नहीं थी। एमएस धोनी की कप्तानी वाली उस युवा टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सभी को चौंकाया और फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब भी जीत लिया। हालांकि, तब से 17 साल बाद भी टीम इंडिया के खाते में एक ही टी-20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी है।
2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारत ने जितने भी ICC टूर्नामेंट खेले, सभी में टीम को फेवरेट्स माना गया, लेकिन टीम एक भी खिताब नहीं जीत सकी। टीम ने 5 फाइनल जरूर खेले, लेकिन ट्रॉफी नसीब नहीं हुई। ICC टी-20 रैंकिंग की नंबर-1 टीम इंडिया ट्रॉफी के इसी सूखे को खत्म करने के इरादे से 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में उतरेगी।
फैक्टर-1: टी-20 वर्ल्ड कप में 61% मैच जीते
2007 में पहला ही टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया को अपने दूसरे खिताब का इंतजार है। शुरुआती संस्करण में ही कामयाबी मिलने के बाद टीम 2009, 2010 और 2012 में लगाातर 3 बार ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी।
2014 में टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची, लेकिन श्रीलंका से हारकर खिताब गंवाना पड़ा। 2016 में वेस्टइंडीज ने सेमीफाइनल हराकर इंतजार बढ़ाया। 2021 में तो टीम पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से ग्रुप स्टेज मैच हारने के बाद सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंची। 2022 में भारत ने अपना प्रदर्शन सुधारा और सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन चैंपियन इंग्लैंड से हारकर टीम बाहर हो गई।
2023 में अपने घरेलू मैदान पर वनडे वर्ल्ड कप में फाइनल से पहले लगातार 10 मैच जीतने वाली टीम इंडिया अपने उसी फॉर्म को टी-20 वर्ल्ड कप में भी दोहराने के इरादे से उतरेगी। ICC के इस टूर्नामेंट में टीम ने 44 मैच खेले, 27 जीते और 15 गंवाए। इस दौरान एक मैच टाई और एक बेनतीजा भी रहा। टीम का विनिंग परसेंटेज 61% रहा।
फैक्टर-2: वेस्टइंडीज में 50%, अमेरिका में 63% टी-20 जीते
टीम इंडिया को अमेरिका और वेस्टइंडीज दोनों ही जगह टी-20 खेलने का अनुभव है। अमेरिका में टीम ने 8 टी-20 खेले, 5 जीते और 2 गंवाए, एक मैच बेनतीजा रहा। यानी जीत परसेंटेज करीब 63% रहा। अमेरिका के ही 2 मैदानों पर टीम ग्रुप स्टेज के 4 मैच खेलेंगी, 9 जून को पाकिस्तान के खिलाफ अहम मुकाबला भी न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम में ही खेला जाएगा।
टीम इंडिया अगर सुपर-8 स्टेज में पहुंची तो वहां के सभी मैच वेस्टइंडीज में खेले जाएंगे। यहां भी टीम को 14 टी-20 खेलने का अनुभव है, 7 में भारत को जीत और 7 में हार मिली। यानी 50% विनिंग परसेंटेज रहा।
फैक्टर-3: कप्तान रोहित 78% टी-20 जिता चुके
टीम इंडिया एक बार फिर रोहित शर्मा की कप्तानी में टी-20 वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी। पिछली बार टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी। रोहित की कप्तानी में भारत ने 54 मैच खेले और 41 मैचों में जीत हासिल की। महज 12 में टीम को हार मिली, जबकि एक मैच टाई रहा। टाई मुकाबला भी भारत ने सुपरओवर में जीत लिया था। यानी रोहित ने ओवरऑल 78% टी-20 भारत को जिताए हैं। रोहित भारत के लिए सभी टी-20 वर्ल्ड कप खेलने वाले एकमात्र प्लेयर भी हैं।
पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से भी टीम इंडिया ने 64% जीते हैं। टीम ने 28 मैच खेले और 18 में जीत हासिल की, 2 मुकाबले टाई रहे, वहीं एक बेनतीजा भी रहा। भारत ने इस दौरान 8 बार 200+ के स्कोर बनाए, टीम का रन रेट 9.33 का रहा। वहीं गेंदबाजों ने 8.05 की इकोनॉमी से ही रन खर्च किए।
फैक्टर-4: 9 प्लेयर्स टी-20 वर्ल्ड कप खेल चुके
भारत के स्क्वॉड में 15 में से 13 खिलाड़ियों को 20 से ज्यादा टी-20 खेलने का अनुभव हैं। बाकी 2 प्लेयर्स ने भी 10 से ज्यादा टी-20 मैच खेले हैं। स्क्वॉड के 9 प्लेयर्स इससे पहले भी टी-20 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं, इनमें भी 6 ने 10 प्लस मैच खेले हैं।
कप्तान रोहित और पूर्व कप्तान विराट कोहली को 115 से ज्यादा टी-20 खेलने का अनुभव हैं। दोनों टी-20 इंटरनेशनल के टॉप-3 रन स्कोरर का हिस्सा भी हैं। विराट ने सबसे ज्यादा 4037 और रोहित ने 3974 रन बनाए हैं। युजवेंद्र चहल 96 विकेट लेकर टीम के टॉप बॉलर हैं, हालांकि उन्हें अगर मैच खेलने का मौका मिला तो यह उनका पहला ही टी-20 वर्ल्ड कप मैच होगा।
पॉसिबल प्लेइंग-11: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन (विकेटकीपर), शिवम दुबे, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह।
एक्स्ट्रा: ऋषभ पंत, मोहम्मद सिराज, युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल।
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ग्राफिक्स: कुणाल शर्मा, अंकित पाठक
स्केच: संदीप पाल
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