T20 Champions League; ICC AGM Meeting 2025 | WTC 2 Tier format | 12 साल बाद चैंपियंस लीग टी-20 की वापसी: ICC से मंजूरी मिली, सितंबर-2026 में आयोजित होगी; 2027 से WTC में लागू होगा 2 टायर सिस्टम

सिंगापुरकुछ ही क्षण पहले

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चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट का आखिरी सीजन चेन्नई सुपर किंग्स ने जीता था। CSK ने फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स को 8 विकेट से हराया था। - Dainik Bhaskar

चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट का आखिरी सीजन चेन्नई सुपर किंग्स ने जीता था। CSK ने फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स को 8 विकेट से हराया था।

करीब 12 साल के बाद चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट की वापसी होने जा रही है। सितंबर-2026 में इस टूर्नामेंट का 8वां आयोजन हो सकता है। इसे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की एनुअल जनरल मीटिंग में मंजूरी मिल गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, ICC ने 8 मेंबर्स का वर्किंग ग्रुप भी बनाया है, जो 2027 के बाद का क्रिकेट शेड्यूल तय करेगा। इसमें ICC के नए CEO संजोग गुप्ता भी शामिल होंगे। यह ग्रुप ICC चेयरमैन जय शाह को अपनी रिपोर्ट देगा।

मिली जानकारी के अनुसार, मीटिंग में सिंगापुर में जारी बैठक में इस टूर्नामेंट की वापसी के प्रस्ताव को अधिकांश सदस्य देशों से समर्थन मिला है। इतना ही नहीं, AGM में 2027 से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 2 टायर सिस्टम लागू करने की प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।

2014 में बंद हो गया था चैंपियंस लीग टी-20 चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट 2009 में शुरू हुआ था। इसमें दुनियाभर की लीग की टीमें हिस्सा लेती थी। यह लीग 2014 तक चली, उसके बाद ब्रॉडकास्टिंग इश्यू और कम फैंस के कारण इसे बंद कर दिया गया। इस टूर्नामेंट पर IPL की टीमों का दबदबा रहा।

इस टूर्नामेंट में भारतीय लीग की 3 फ्रेंचाइजी नियमित रूप से हिस्सा लेती थीं। इसमें चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) और मुंबई इंडियंस (MI) ने 2-2 टाइटल जीते थे।

क्या है 2 टीयर टेस्ट सिस्टम? ICC टेस्ट टीमों को 2 डिवीजन में बांटने की तैयारी कर रहा है। एक डिवीजन में भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमें होंगी। ICC का प्लान है कि बड़ी टीमें आपस में ज्यादा सीरीज खेलें। इस स्कीम को मंजूरी मिलती है तो 2027 के बाद इसे लागू किया जाएगा। 2027 तक के शेड्यूल पहले से तय हैं।

टेस्ट क्रिकेट में 2 टीयर सिस्टम का कॉन्सेप्ट 2016 में पेश किया गया था। हालांकि, इसे कई देशों के विरोध के कारण मना कर दिया गया था। विरोध करने वाले देशों का तर्क है कि इससे उनकी टीमों को टेस्ट मैच खेलने के मौके कम मिलेंगे। विरोध करने वाले देशों को भारत का सपोर्ट भी मिला था।

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