​​​​​​​Syndicate and Management Board are the biggest bodies | ​​​​​​​सिंडिकेट व प्रबंध मंडल सबसे बड़ी बॉडी: नए पाठ्यक्रम, सिलेबस बनाना, भर्ती व प्रक्रिया तय करना, दीक्षांत समारोह में दी जाने वाली डिग्री व गोल्ड मेडल का अनुमोदन का काम करती है – Jaipur News


राज्य सरकार ने 13 विधायकों को पिछले दिनों सिंडिकेट और प्रबंध मंडलों में सदस्य मनोनीत किया था। इनमें से 8 के पास स्कूल स्तर से आगे की कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं है। विधानसभा चुनाव में उनकी तरफ से पेश किए गए एफिडेविट के अनुसार 8 वित्त पोषित विश्वविद्याल

.

इनमें से एक विधायक एमबीबीएस और एक बीटेक है। अन्य तीन में एमए, बीएससी और बीए हैं। दो विधायक तो ऐसे हैं, जो केवल साक्षर हैं। विश्वविद्यालयों में सिंडिकेट व प्रबंध मंडल सबसे बड़ी बॉडी होती है। जिसका काम नए पाठ्यक्रम प्रांरभ करना, सिलेबस बनाना, नए पदों पर भर्ती व उसकी प्रक्रिया तय करना, दीक्षांत समारोह में दी जाने वाली डिग्री व गोल्ड मेडल का अनुमोदन करने, वित्तीय स्वीकृति देना, शुल्क निर्धारण सहित कई अहम नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार होता है।

शिक्षा की स्थिति, खेतड़ी विधायक धर्मपाल इलेक्ट्रिकल में बीटेक

  • राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर: यहां सिंडिकेट में मनोनीत हुए विराटनगर विधायक कुलदीप
  • एनआईओएस से 10वीं हैं।
  • जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर : यहां सिंडिकेट सदस्य मनोनीत हुए हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य साक्षर और जमवारामगढ़ विधायक महेंद्र पाल मीना एमए हैं।
  • शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर : प्रबन्ध मण्डल में मनोनीत हुए खेतड़ी विधायक धर्मपाल इलेक्ट्रिकल में बीटेक हैं।
  • महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर : प्रबंध मण्डल में मनोनीत हुए डीग कुम्हेर विधायक शैलेश सिंह एमबीबीएस व वैर विधायक बहादुर सिंह 9वीं पास हैं।
  • गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा : प्रबन्ध मण्डल में मनोनीत हुए गढ़ी विधायक कैलाश चन्द्र बीए व सागवाड़ा विधायक शंकरलाल डेचा 10वीं हैं।
  • महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर : प्रबन्ध मण्डल में मनोनीत हुए डूंगरगढ़ विधायक ताराचंद
  • साक्षर हैं।
  • मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय उदयपुर : प्रबन्ध मण्डल में मनोनीत हुए वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी 10वीं व गोगुन्दा विधायक प्रतापलाल भील 12वीं हैं।
  • राज ऋषि भर्तृहरी मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर : प्रबन्ध मण्डल में मनोनीत हुए बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत बीएससी एवं तिजारा विधायक महन्त बालकनाथ 12वीं हैं।

सिंडिकेट में नहीं पहुंचे विधायक, योजनाओं पर लगा ब्रेक, दीक्षांत समारोह पर भी संशय

जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विवि की 14 माह बाद बुधवार को आयोजित सिंडिकेट में नामित दो विधायक पारिवारिक कारणों से नहीं पहुंचे। इस कारण मीटिंग नहीं हो सकी। हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य और जमवारामगढ़ विधायक महेन्द्रपाल मीणा के नहीं पहुंचने से विश्वविद्यालय की योजनाओं पर ब्रेक लग गया।

अब 27 जून को आयोजित दीक्षांत पर भी संशय हो गया, क्योंकि गोल्ड मेडल, मानद उपाधि और डिग्रियों के लिए सिंडिकेट में अनुमोदन जरूरी है, लेकिन बैठक के नहीं होने से अनुमोदन नहीं हो सका। अनुसंधान बोर्ड द्वारा यूजीसी के शोध नियम-2022 पर भी मुहर नहीं लग सकी। वित्त समिति व एकेडेमिक काउंसिल के मामलों पर भी निर्णय नहीं हो सका।

संस्कृत विवि की ओर से हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य और जमवारामगढ़ विधायक महेन्द्रपाल मीणा को 27 मई को ही पत्र लिख दिया गया था कि 12 व 13 जून को सिंडिकेट की मीटिंग होगी। इस कारण यह डेट आरक्षित रखें। इसके बावजूद दोनों ही विधायकों ने पारिवारिक कारणों के चलते मीटिंग में नहीं पहुंचे और इसको टालना पड़ा।

कोरम पूरा नहीं होने से पहली सिंडिकेट मीटिंग नहीं हो सकी। मीटिंग में दीक्षांत समारोह में मिलने वाले गोल्ड मेडल, मानद उपाधि और डिग्रियों का अनुमोदन नहीं हो सका। इसके अलावा अनेक मामलों पर भी मुहर नहीं लग सकी।

-प्रो.रामसेवक दुबे, कुलपति, संस्कृत विवि जयपुर

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *