Swati Maliwal Bibhav Kumar Assault Case Arvind Kejriwal PA Delhi High Court Case | बिभव कुमार की याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य बताया: दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, स्वाति मालीवाल से मारपीट का आरोप है

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नई दिल्ली54 मिनट पहले

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आप की राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल का आरोप है कि 13 मई को केजरीवाल के PA बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। - Dainik Bhaskar

आप की राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल का आरोप है कि 13 मई को केजरीवाल के PA बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की।

स्वाती मालीवाल मारपीट केस के आरोपी और CM केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने की याचिका लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। बिभव की याचिका को सोमवार (1 जुलाई) को सुनवाई योग्य बताते हुए जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील संजय जैन ने कहा कि याचिका को खारिज कर देना चाहिए, क्योंकि बिभव ने कोर्ट को यह नहीं बताया है कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।

कुमार की ओर से पेश वकील हरिहरन ने कहा कि याचिका अवैध गिरफ्तारी को लेकर है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, इसे हलके में नहीं लिया जाना चाहिए। कुमार को अरेस्ट नहीं करना चाहिए था। उन्हें गिरफ्तारी का आधार भी नहीं बताया गया है।

जस्टिस शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह सिर्फ CRPC की धारा 41ए का पालन न करने का मामला नहीं है, जिसे कुमार ने ट्रायल कोर्ट में चुनौती दी थी। मामला उनकी गिरफ्तारी से जुड़ा है।

फिलहाल ऐसा लगता है कि उनकी गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण थी। उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ था। इस स्टेज पर तो याचिका सुनवाई योग्य है। हालांकि, केस का मेरिट पुलिस के जवाब के बाद ही तय होगा।

स्वाति मालीवाल की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को 18 मई को CM हाउस से गिरफ्तार किया था।

स्वाति मालीवाल की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को 18 मई को CM हाउस से गिरफ्तार किया था।

क्या है स्वाति मालीवाल मारपीट केस, 4 पाइंट में समझिए…
बिभव पर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से 13 मई को सीएम आवास पर मारपीट का आरोप है। उन्हें 18 मई को CM हाउस से गिरफ्तार किया गया था। बिभव ​​​​​​ ने जमानत को लेकर ​ट्रायल कोर्ट का रुख किया था।

हालांकि, कोर्ट ने 27 मई को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि अगर आरोपी को रिहा किया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

इसके बाद बिभव ने हाईकोर्ट बिभव ने 29 मई को याचिका लगाकर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए मुआवजे और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की थी।

जस्टिस शर्मा ने इस मामले में दिल्ली पुलिस और बिभव कुमार के वकीलों की दलीलें सुनीं हैं। बिभव की याचिका पर पहले जस्टिस नवीन चावला की बेंच सुनवाई करने वाली थी। हालांकि, जस्टिस चावला ने मामले को जस्टिस शर्मा की बेंच को ट्रांसफर कर दिया था।

जनहित याचिका दायर करने वाले एक वकील को HC की फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मई को स्वाति मालीवाल मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले वकील संसारपाल सिंह को फटकार लगाई। याचिकाकर्ता ने मारपीट मामले में मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोकने की मांग की गई थी।

इस पर कोर्ट ने कहा कि जब पीड़ित (मालीवाल) खुद सामने आकर केस को लेकर बात रही हैं, तो याचिकाकर्ता को क्या दिक्कत है। आप कौन होते हैं कुछ कहने वाले। पीड़ित शिकायत नहीं कर रही हैं, लेकिन आप शिकायत कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि याचिका केवल पब्लिसिटी के दायर लिए गई है।

ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान रो पड़ी थीं स्वाति
बिभव कुमार ने 25 मई को ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जिस पर 27 मई को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वाति भी कोर्ट में मौजूद थीं। बिभव के वकील हरिहरन ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि जब सेंसिटिव बॉडी पार्ट्स पर चोट के निशान नहीं मिले तो गैर इरादतन हत्या की कोशिश का सवाल ही नहीं है। न ही बिभव का स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था। ये चोटें खुद को पहुंचाई जा सकती हैं।

बिभव के वकील ने यह भी कहा कि पुराने जमाने में ऐसे आरोप कौरवों पर लगे थे, जिन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था। स्वाति ने यह FIR पूरी प्लानिंग करके 3 दिन बाद दर्ज कराई है। ये दलीलें सुनकर स्वाति कोर्ट रूम में ही रो पड़ीं। पूरी खबर पढ़ें…

दिल्ली पुलिस 17 मई को सीन रीक्रिएट करने केजरीवाल के घर स्वाति को लेकर पहुंची थी।

दिल्ली पुलिस 17 मई को सीन रीक्रिएट करने केजरीवाल के घर स्वाति को लेकर पहुंची थी।

बिभव सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में बर्खास्त हुए
मार्च 2024 में बिभव को CM के पर्सनल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी कर कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए ये नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है। राजशेखर ने ये आदेश 2007 के एक मामले के आधार पर दिया।

दरअसल, 2007 में बिभव पर एक सरकारी अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट का आरोप लगा था। नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात महेश पाल ने बिभव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता (एक पब्लिक सर्वेंट) को उसकी ड्यूटी करने से रोका, उसे गाली और धमकी दी। महेश ने 25 जनवरी 2007 को नोएडा सेक्टर-20 के पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से भी एक्शन लिया गया था।

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मालीवाल का मारपीट केस के बाद पहला इंटरव्यू, कहा- बिभव ने थप्पड़ और लात मारी

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अपने साथ हुई मारपीट के बाद पहली बार इंटरव्यू दिया है। उन्होंने गुरुवार को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए कहा कि वे 13 मई को सुबह 9 बजे के करीब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने सीएम आवास गई थीं। वहां पर स्टाफ ने ड्राइंग रूम में बैठाया और कहा कि केजरीवाल घर पर हैं और मिलने आ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

मालीवाल बोलीं- ध्रुव राठी ने मेरे खिलाफ एकतरफा वीडियो बनाया

आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार 26 मई को यूट्यूबर ध्रुव राठी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि ध्रुव राठी ने मेरे खिलाफ वीडियो पोस्ट किया। इसकी वजह से मुझे पहले से मिल रहीं रेप और हत्या की धमकियां बढ़ गई हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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