नई दिल्ली1 घंटे पहले
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सुजलॉन एनर्जी का वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 7.28% बढ़कर ₹324 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट ₹302 करोड़ रहा था।
सुजलॉन एनर्जी के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 55% की तेजी आई। पहली तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹3,117 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में रेवेन्यू ₹2,016 करोड़ रहा था।

रिजल्ट और कंपनी से जुड़ी अन्य बड़ी बातें
- EBITDA 62% बढ़कर (YOY) ₹599 करोड़ रहा, जो पिछले साल ₹370 करोड़ था।
- पहली तिमाही में EBITDA मार्जिन 19.2% रहा, जो पिछले साल 18.4% था।
- कंपनी ने पहली तिमाही में अब तक की सबसे ज्यादा 444 मेगावाट की डिलीवरी की।
- विंड टर्बाइन जेनरेटर (WTG) बिजनेस ने बेहतर मार्जिन के साथ अच्छा प्रदर्शन किया।
- ऑर्डर बुक 5.7 गीगावाट तक पहुंची, जो अब तक की सबसे ज्यादा है।
- पिछले 10 तिमाहियों से ऑर्डर बुक में लगातार ग्रोथ देखने को मिल रही है।
- 30 जून 2025 तक कंपनी की नेट कैश पोजीशन ₹1,620 करोड़ थी।
- पर्याप्त वर्किंग कैपिटल के साथ बैलेंस शीट मजबूत हुई, जिससे डिलीवरी में 62% की ग्रोथ हुई।
- कंपनी के ग्रुप चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) हिमांशु मोदी ने दिया, जो 31 अगस्त से प्रभावी होगा।
सुजलॉन के शेयर ने 6 महीने में 21% रिटर्न दिया
रिजल्ट आने के बाद आज सुजलॉन एनर्जी का शेयर 0.16% गिरकर ₹63.22 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी का शेयर 21% गिरा है। वहीं बीते 6 महीने में शेयर 21% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट कैप 86.23 हजार करोड़ रुपए है।
क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
1995 में हुई थी सुजलॉन एनर्जी की स्थापना
सुजलॉन एनर्जी की स्थापना 1995 में हुई थी। कंपनी दुनियाभर के 17 देशों में टेक्नोलॉजी और एनर्जी सॉल्यूसंस प्रोवाइड करती है। छह महाद्वीपों में सुजलॉन एनर्जी की 13,000 से ज्यादा विंड टर्बाइन्स चलती हैं।