surya namaskar on tula sankranti, tula sankranti on 17th October in hindi, surya puja tips in hindi | 17 अक्टूबर को सूर्य करेगा तुला राशि में प्रवेश: तुला संक्रांति पर अर्घ्य चढ़ाने के साथ ही सूर्य नमस्कार भी करें, पुण्य के साथ ही मिलेगा स्वास्थ्य लाभ भी

58 मिनट पहले

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कल (17 अक्टूबर) सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर रहा है, इस दिन तुला संक्रांति मनाई जाएगी। तुला संक्रांति पर सुबह जल्दी उठना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 12 योग आसन वाला सूर्य नमस्कार भी करेंगे तो पुण्य के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने, सूर्य नमस्कार करने और पूजा करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है, साथ ही योगा के जरिए सेहत को भी लाभ मिलता है।

  • जमीन पर आसन बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए दोनों हाथों को सीधे ऊपर उठाएं।
  • सांस छोड़ते हुए हाथों को जोड़ें और सीने के सामने ले आएं। प्रणाम करें। इसके बाद सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर ले जाएं।
  • सांस छोड़ते हुए और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और कमर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर नीचे तक झुकाएं। सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को जमीन पर रखेंI
  • इसके बाद सांस लेते हुए दायां पैर पीछे की ओर ले जाएं और बायां पैर दोनों हाथों के बीच में रहने दें। सांस छोड़ें।
  • सांस लेते हुए बाएं पैर को भी पीछे की ले जाएं और पूरे शरीर को सीधा कर लें। दोनों पैरों के घुटनों को जमीन पर टिकाएं और सांस छोडेंI
  • इसके बाद अपने हिप्स को पीछे की ओर ऊपर उठाएं और पूरे शरीर को आगे की ओर बढ़ाएं। इस स्थिति में अपनी छाती और ठुड्डी को जमीन से स्पर्श होने दें।
  • इसके बाद आगे की ओर छाती को उठाएं, इस स्थिति को भुजंगासन कहते हैं। सांस छोड़ते हुए हिप्स और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को भी ऊपर उठाएं।
  • सांस लेते हुए दाएं पैर को दोनों हाथों के बीच ले जाएं और बाएं पैरे के घुटने को जमीन पर स्पर्श करें।
  • सांस छोड़ते हुए बाएं पैर आगे ले जाएं। इस समय हथेलियों को जमीन पर ही टिके रहने दें।
  • सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। दोनों हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएं और हिप्स को आगे की ओर करें। सांस छोड़ते हुए शरीर को एकदम सीधा कर लें, फिर हाथों को नीचे ले आएं।

इस तरह सूर्य नमस्कार पूरा होता है। यही विधि बार-बार दोहराई जाती है। ध्यान रखें जिन लोगों को कमर या शरीर के किसी अन्य भाग से संबंधित दिक्कतें हैं, वे किसी योग शिक्षक से परामर्श के बाद ही सूर्य नमस्कार करें।

सूर्य नमस्कार करते हुए सूर्य के 12 मंत्रों का जप करना चाहिए। ऊँ मित्राय नमः, ऊँ रवये नमः, ऊँ सूर्याय नमः, ऊँ भानवे नमः, ऊँ खगाय नमः, ऊँ पुष्णे नमः, ऊँ हिरण्यगर्भाय नमः, ऊँ मारीचये नमः, ऊँ आदित्याय नमः, ऊँ सवित्रे नमः, ऊँ अर्काय नमः, ऊँ भास्कराय नम:।

सूर्य नमस्कार के लाभ – रोज सूर्य नमस्कार करने से उनका वजन नियंत्रित हो सकता है, पाचन तंत्र दुरुस्त होता है, त्वचा की चमक बढ़ती है, मन शांत रहता है, नकारात्मक विचार खत्म होते हैं।

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