Surya Kumar Yadav’s village, conversation with grandfather, celebration in the village, Ghazipur News, Ghazipur Surya Kumar Yadav, Ghazipur update | कैच से मैच पलटने वाले सूर्यकुमार के दादा का इंटरव्यू: मैं उम्मीद खो चुका था; पोते ने कैच लिया तो सांसें थम गईं, गर्व है – Saidpur News

पोते पर गर्व है। मैं तो उम्मीद खो चुका था कि इंडिया जीतेगी, लेकिन सूर्य के कैच ने मैच पलट दिया। थर्ड अंपायर कैच का रिव्यू कर रहे थे। मेरी सांसें रुक गई थीं। भगवान से यही प्रार्थना कर रहा था कि यह कैच सेफ हो। भगवान ने मेरी सुन ली।

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यह कहना है, सूर्य कुमार यादव के दादा विक्रम सिंह यादव का। वह यूपी के गाजीपुर के हथौड़ा गांव में रहते हैं। दैनिक भास्कर की टीम सूर्य के पैतृक घर पहुंची। हथौड़ा गांव में रविवार को भी जश्न मना।

सूर्य के घर पर केक काटकर जश्न मनाया गया। यहां क्रिकेट प्रेमियों ने सूर्य कुमार के दादा विक्रम सिंह यादव को केक खिलाकर टीम इंडिया जिंदाबाद, भारत माता की जय और सूर्य कुमार यादव जिंदाबाद के नारे लगाए। ढोल-नगाड़ों पर डांस भी किया गया।

सूर्य कुमार के दादा विक्रम सिंह यादव अपने बेटे अशोक से फोन पर बात करते हुए।

सूर्य कुमार के दादा विक्रम सिंह यादव अपने बेटे अशोक से फोन पर बात करते हुए।

दादा बोले- हमारे घर में तो रात से ही भीड़ लगी रही
सूर्य कुमार के दादा कहते हैं- शनिवार रात को मेरे घर पर गांव वालों की भीड़ लगी थी। सब लोग सूर्य को बेहतर खेलते हुए देखना चाहते थे। टीम इंडिया के T-20 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच जीतने के बाद रात से गांव में जश्न मनाना शुरू हाे गया। लोगों ने मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाई और मिठाई खिलाई। सुबह भी लोग आए। हमारे साथ मिलकर केक काटा।

सूर्य के पापा से कहा, यहां पर लोग नाच रहे हैं
दादा ने कहा- सूर्य ने जिस समय शानदार कैच पकड़ा, वह मैच का टर्निंग पॉइंट था। आज सूर्य के पिता अशोक से मोबाइल पर मेरी बात हुई। उन्होंने सभी को टीम इंडिया के जीत की बधाई दी। गांव के माहौल के बारे में पूछा। मैंने कहा- यहां खुशी मन रही है। लोग नाच रहे हैं। हमने केक भी काटा है। गांव के बच्चों के साथ खुशियां मनाईं। यह सुनकर अशोक भी बहुत खुश हुए।

यह विस्फोटक बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव का पैतृक घर है।

यह विस्फोटक बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव का पैतृक घर है।

लगा था इंडिया हार जाएगी, लेकिन कैच ने मैच का रुख बदल दिया
केक काटने के बाद खुशी से नाच रहे युवकों ने कहा- भले ही सूर्य कुमार ने T-20 वर्ल्ड कप फाइनल में बल्लेबाजी में बेहतर न किया हो। लेकिन, उन्होंने लास्ट मोमेंट में जो कैच पकड़ा, उसने पूरे मैच का रुख बदल दिया। वहीं से मैच इंडिया के हाथ में आ गया। हमे तो एक बार लगा, मैच भारत हार जाएगा। लेकिन सूर्य कुमार ने छक्के को विकेट में बदलकर कमाल कर दिया। इसी कैच की वजह से हमें जीत मिली।

हमारे गांव के बच्चे ने मैच जिता दिया
सूर्य कुमार के फैन तेरसू यादव ने कहा- वह हमारे गांव का बच्चा है। वह यहीं से उठकर गया है। मैंने सूर्य का एक ट्वीट देखा जिसमें उन्होंने लिखा था, मैं सोच रहा था कि कैसे टर्निंग पॉइंट लूं और मौका मिल गया। उन्होंने जो कैच पकड़ा, वह मैच का टर्निंग पॉइंट था। जिससे पूरे मैच का पासा ही पलट गया। सूर्य कुमार के साथ विश्व के नंबर एक गेंदबाज बुमराह की भी मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका थी।

बुमराह और सूर्य की वजह से मैच जीते
आलोक यादव ने कहा- जब सूर्य कुमार ने कैच पकड़ा, तब उम्मीद बढ़ गई कि हम लोग मैच जीत जाएंगे। जब साउथ अफ्रीका की टीम को 30 बॉल में 30 रन की जरूरत थी, तब हमें लगा कि मैच हाथ से निकल जाएगा। लेकिन बुमराह ने अच्छी बॉलिंग परफॉर्मेंस किया और हम लोग मैच जीत गए। जब डेविड मिलर ने बाल हवा में मारी, तब हम हमें लगा कि कैच पास में ही रहेगा। लेकिन वह बाउंड्री पार जाने लगा, जब सूर्य कुमार ने पकड़ा तब लगा कि यह कैच हो गया है। दोबारा देखा तो वाकई कैच था।

गाजीपुर में वर्ल्ड कप का फाइनल मैच देखते सूर्य कुमार यादव के दादा विक्रम सिंह यादव।

गाजीपुर में वर्ल्ड कप का फाइनल मैच देखते सूर्य कुमार यादव के दादा विक्रम सिंह यादव।

हमारी निगाह तो सिर्फ सूर्य कुमार पर थी

सतीश यादव ने कहा- हार्दिक पांड्या और सूर्य कुमार का जो कैच था, वह बहुत अच्छा था। जिससे हमारी टीम को सफलता मिली। हथौड़ा निवासी रंजीत यादव ने बताया कि सूर्य कुमार मैच के टर्निंग पॉइंट रहे। उन्होंने छक्के को विकेट में कन्वर्ट किया। बॉल बचाया, रन बचाया तब से मैच पलटा। हमारी निगाहें सूर्य कुमार यादव पर टिकी थीं। सूर्य कुमार यादव जिंदाबाद।

दादा रहे इंस्पेक्टर, पिता भाभा में इंजीनियर हैं
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव को जन्म 14 सितंबर, 1990 को गाजीपुर में हुआ था। सूर्य के दादा विक्रम सिंह यादव CRPF में इंस्पेक्टर रहे हैं। साल 1991 में उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल भी मिल चुका है। सूर्य के पिता अशोक कुमार यादव नौकरी के लिए गाजीपुर से मुंबई चले गए थे। अशोक इस समय भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में इंजीनियर हैं।

सूर्य कुमार यादव ने ट्रॉफी के साथ फोटो शेयर की। फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा- यह एक अच्छी रात की नींद होगी।

सूर्य कुमार यादव ने ट्रॉफी के साथ फोटो शेयर की। फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा- यह एक अच्छी रात की नींद होगी।

शादी के बाद दादा का आशीर्वाद लेने आए सूर्य
पिता की नौकरी के कारण सूर्य की पढ़ाई भी मुंबई में हुई। वह गर्मी की छुट्टियों में पिता अशोक के साथ गाजीपुर आते थे। यहां दिनभर मैच खेलते थे। वह बचपन में बहुत शरारती थे, लेकिन पढ़ाई में तेज थे। 2016 में सूर्य की शादी उनकी दोस्त देविशा शेट्टी से हुई। शादी के बाद सूर्य गाजीपुर में अपने दादा का आशीर्वाद लेने आए थे।

सूर्य का यादगार कैच, खतरनाक मिलर आउट हुए
दरअसल, कल के मैच में 6 गेंदों में साउथ अफ्रीका को 16 रन बनाने थे। क्रीज पर डेविड मिलर थे। हार्दिक ने ऑफ स्टंप पर लो फुल-टॉस डाली। मिलर ने शॉट खेला, जो बाउंड्री पार जा रहा था। सूर्य कुमार ने बाउंड्री के बाहर जाते हुए कैच पकड़ा, गेंद उछाली और बाउंड्री के अंदर आकर कैच कम्प्लीट किया।

T-20 में 4 शतक बना चुके हैं सूर्य कुमार
सूर्य कुमार के क्रिकेट करियर की बात करें तो 68 T-20 मैच में 2340 रन बनाए हैं। इसमें 4 शतक और 19 अर्धशतक है। वनडे के 37 मैच में 736 रन बनाए हैं। जबकि IPL के 150 मैच में 3500 से अधिक रन बनाए हैं।

डांस पर फिदा हुए, 5 साल डेटिंग के बाद की शादी
सूर्य कुमार ने 2016 में साउथ इंडियन गर्ल देविशा से लव मैरिज की। सूर्य 22 साल की उम्र में बीकॉम फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट थे। तब 19 साल की देविशा ने 12वीं पास कर उनके ही कॉलेज में एडमिशन लिया। एक प्रोग्राम में देविशा के डांस ने सूर्य को उनका दीवाना बना दिया। वहीं देविशा को भी सूर्य की बल्लेबाजी काफी पसंद आई। 5 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने इस रिश्ते को एक नाम दिया। 7 जुलाई, 2016 को दोनों ने शादी रचा ली।

पत्नी देविशा के साथ सूर्य कुमार यादव।

पत्नी देविशा के साथ सूर्य कुमार यादव।

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