Surbhi Dairy was feeding fake paneer to people | नकली पनीर लोगों को खिला रही थी सुरभि डेयरी: गुजरात में 2 साल से रोज 200 किलो पनी बेच रही थी सूरत की मशहूर डेयरी – Gujarat News

सायण में चल रही थी नकली पनीर बनाने की फैक्ट्री।

गुजरात में सूरत की मशहूर डेयरी सुरभि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही थी। यह डेयरी लोगों को रोज 200 किलो नकली पनीर खिलाती थी। इन पनीर को ऐसे केमिकल से बनाया जाता था, जिससे लीवर, किडनी की गंभीर बीमारियों और कैंसर होने का खतरा है।

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स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सुरभि डेयरी के दो ठिकानों पर छापा मारकर 955 किलो नकली पनीर जब्त किया है। पुलिस ने यह पनीर खटोदरा स्थित गोदाम और सायण की फैक्ट्री से जब्त किया।

डेयरी का संचालक कौशिक वल्लभभाई पटेल आधे दाम पर नकली पनीर बाजार में बेच रहा था। पुलिस के अनुसार, यह पनीर कई होटलों, रेस्टोरेंट और केटरर्स तक पहुंचता था।

दो दिन के छापे में 955 किलो नकली पनीर जब्त किया गया।

दो दिन के छापे में 955 किलो नकली पनीर जब्त किया गया।

1 लाख किलो पनीर सूरत के बाजारों में बिका छापे के दौरान 7 लीटर ग्लेशियल एसिटिक एसिड मिला। आरोपी ने स्वीकार किया कि पनीर नकली था और बाजार में असली पनीर के मुकाबले सस्ते दामों पर बेचा जाता था। पुलिस का अनुमान है कि यह नेटवर्क पिछले 2 साल से चल रहा था और अब तक करीब 1 लाख किलो नकली पनीर सूरत के बाजारों में बेचा जा चुका होगा।

एसओजी ने पहली कार्रवाई खटोदरा में सौरठिया कंपाउंड की दुकान नंबर 434 में की। वहां स्थित सुरभि डेयरी के गोदाम से ₹1,81,343 रुपए का 755.621 किलो नकली पनीर मिला। डेयरी संचालक शैलेश ने बताया कि यह नकली माल सायण यूनिट से आता था।

छापे के दौरान 7 लीटर ग्लेशियल एसिटिक एसिड भी जब्त किया गया है।

छापे के दौरान 7 लीटर ग्लेशियल एसिटिक एसिड भी जब्त किया गया है।

इन केमिकल का उपयोग करते थे ग्लेशियल एसिटिक एसिड: दूध को जल्दी फाड़ने के लिए इस्तेमाल किया गया, यह तेजाब जैसा है, जो खाने लायक नहीं है। इससे पेट, लीवर और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। सिंथेटिक बटर और ऑयल: पनीर को मुलायम और चमकदार बनाने के लिए रिफाइंड ऑयल और वनस्पति घी मिलाया गया। इससे शरीर में ट्रांस-फैट बढ़ता है और हृदय रोग का खतरा होता है। नॉन-डेयरी फैट्स: दूध की जगह साबुन उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम फैट्स मिलाए गए। यह शरीर में पचते नहीं और नुकसानदायक होते हैं। सिंथेटिक मिल्क व स्टार्च पाउडर: पनीर का वजन और मोटाई बढ़ाने के लिए स्टार्च व नकली मिल्क पाउडर मिलाया गया। इससे प्रोटीन घटता है और पौष्टिकता खत्म हो जाती है। फूड कलर और फ्लेवर एजेंट्स: रंग और स्वाद असली लगे, इसलिए सफेद फूड कलर और फ्लेवर एजेंट मिलाए गए। इनमें मौजूद केमिकल लीवर और किडनी के लिए हानिकारक होते हैं।

असली पनीर के मुकाबले इसे 250-270 रुपए प्रति किलो में बेच रहे थे।

असली पनीर के मुकाबले इसे 250-270 रुपए प्रति किलो में बेच रहे थे।

यह नकली पनीर होटलों, रेस्टोरेंट और कैटरर्स तक पहुंचाते थे यह नकली पनीर होटलों, रेस्टोरेंट और केटरर्स तक पहुंचाया जाता था। एसओजी ने दूसरा छापा सायण की लक्ष्मी इंडस्ट्रीज के प्लॉट नंबर 1, 2 और 3 पर मारा गया। वहां से 200 किलो नकली पनीर, 600 लीटर दूध, 420 किलो बटर, 90 लीटर तेल और 7 लीटर ग्लेशियल एसिटिक एसिड मिला।

पुलिस ने बताया कि इस एसिड का इस्तेमाल दूध को जल्दी फाड़ने के लिए किया जाता था, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। 250-270 रुपए प्रतिकिलो में बेचता था नकली पनीर एसओजी के डीसीपी राजदीप सिंह नकुम ने बताया कि फैक्ट्री संचालक कौशिक पटेल ने पूछताछ में स्वीकार किया कि पनीर नकली था। वह असली पनीर के मुकाबले इसे 250-270 रुपए प्रति किलो में बेचता था। रोज 100 से 200 किलो पनीर बेचते थे।

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