सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर में करीब तीन साल पहले हुए डबल मर्डर के आरोपी की जमानत को रद्द कर दिया हैं। हाई कोर्ट ने 22 अगस्त 2024 को आरोपी को जमानत दी थी। जिसके खिलाफ परिवादी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।
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जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बैंच ने आरोपी को मिली जमानत को रद्द करते हुए उसे 5 अप्रेल को ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने के निर्देश दिए।
एसएलपी में कहा गया था कि आरोपी ने जमानत का दुरुपयोग करते हुए मामले से जुड़े गवाहों को डराया-धमकाया और राजीनामा करने का दवाब बनाया।
कोर्ट में गवाहों के साथ मारपीट की मामले से जुड़े अधिवक्ता असलम खान ने बताया कि वजीर, अरशद, जाहिद और ताहिर ने 23 अक्टूबर 2021 को आपसी झगड़े में चाकू मारकर साबिर और उसकी पुत्री नफीसा की हत्या कर दी थी। घटना के बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया था।
लेकिन आरोपियों के परिजन शुरू से ही परिवादी और उसके परिवार पर राजीनामा करने का दवाब बना रहे है। हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ताहिर ने 7 अक्टूबर 2024 को मामले में मुख्य गवाह साजिद को कोर्ट रूम के बाहर धमकाया।
जिसके खिलाफ पुलिस थाना लालकोठी में मामला भी दर्ज कराया गया था। इसके बाद उसने दूसरे गवाह एजाज और उसके अधिवक्ता से 30 नवम्बर 2021 को कोर्ट रूम में ही गाली-गलौच कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह खुली कोर्ट में गवाह को धमकाने को गंभीर माना। वहीं आरोपी की जमानत को रद्द कर दिया।

घटना के बाद मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया था।
कोर्ट ने गवाह को पुलिस सुरक्षा भी दी इन घटनाओं के बाद एफआईआर दर्ज कराने वाले शहजाद खान ने कोर्ट से सुरक्षा भी मांगी थी। जिस पर ट्रायल कोर्ट ने 6 फरवरी 2025 को लालकोठी थाना पुलिस को निर्देश दिए कि गवाह शहजाद खान को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। जिससे वो बिना किसी डर के कोर्ट में 15 फरवरी को गवाही दे सके।
अधिवक्ता महेन्द्र सोनी ने बताया कि इस मामले में हमने सुप्रीम कोर्ट को ट्रायल कोर्ट के गवाह को सुरक्षा प्रदान करने के फैसले के बारे में भी बताया। वहीं सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में अब तक 42 गवाहों में से 17 गवाहों के ही बयान हुए हैं। वहीं कई चश्मदीद गवाह हैं, जिनकी जिरह बाकि हैं।
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