studies from pakistani books are conducted in madrassas of bihar NCPCR Chief said hindu student also being admitted | मदरसों में गैर मुस्लिम को बताया जा रहा काफिर: NCPCR अध्यक्ष ने कहा- हिंदू स्टूडेंट्स का भी दाखिला लिया, बिहार मदरसा बोर्ड ने कहा- FIR करेंगे – Patna News

‘बिहार के मदरसों में तालिम-उल-इस्लाम और ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं, जिनमें गैर-मुस्लिम को ‘काफिर’ (जो खुदा और कुरान को नहीं मानता) बताया गया है। इतना ही नहीं इन मदरसों में हिंदू स्टूडेंट्स का दाखिला लिया गया है।’

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यह दावा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उन्होंने बिहार के मदरसों पर सवाल खड़ा किया है।

सबसे पहले प्रियंक कानूनगो के मदरसों को लेकर सवाल पढ़िए

NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने X पर ये पोस्ट किया है।

NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने X पर ये पोस्ट किया है।

मदरसा बोर्ड के ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब तलाशने सोमवार को दिन के 2:38 बजे भास्कर रिपोर्टर राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के दफ्तर पहुंचे। यहां बोर्ड के अध्यक्ष मौजूद नहीं थे। गेट पर सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि ‘साहब अभी बाहर हैं, आज मुलाकात नहीं होगी।’

मदरसा शिक्षा बोर्ड कार्यालय में हमारी मुलाकात सहरसा और छपरा से आए 2 उर्दू शिक्षकों से हुई। उनसे NCPCR द्वारा लगाए गए आरोप को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने आरोपों को गलत बताते हुए केस दर्ज करने की बात कही। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

गैर इस्लामिक को काफिर बताया गया है…

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि ‘बिहार में सरकारी फंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम और ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रही हैं, जिसमें गैर इस्लामिक को काफिर बताया गया है। इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाखिला दिए जाने की सूचना मिली है, लेकिन बिहार सरकार संख्या अनुपात की आधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है।’

हिंदू बच्चों को मदरसों से स्कूल में ट्रांसफर करने के सवाल पर बिहार मदरसा के टीचर्स का कहना है कि, ‘इसका सिलेबस यूनिसेफ के साथ मिलकर बनाया गया है। बच्चों के संरक्षण के नाम पर दान में मिले पैसे और सरकारों से मिले पैसों से कट्‌टरवादी पाठ्यक्रम बनाना यूनिसेफ का काम नहीं है।’

राज्य मदरसा बोर्ड ने कहा- दर्ज कराएंगे केस

उर्दू शिक्षक ने बताया कि ‘मामला पूरी तरह से फर्जी है, हम इस मामले में बहुत जल्द केस दर्ज कराएंगे। सरकार के पास पूरी जानकारी है, सरकार चाहे तो इसकी जांच भी करा सकती है।’

बात करने को तैयार नहीं हैं जिम्मेदार

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के आरोप पर अब जिम्मेदार मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। पटना में यूनिसेफ के अधिकारियों ने विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयारी नहीं है।

राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों ने संकेत दिया कि यूनिसेफ ने बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अनुरोध पर नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किया है।

मदरसा बोर्ड को भंग करने की सिफारिश

NCPCR अध्यक्ष ने कहा कि ‘शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के दायरे से बाहर की गतिविधियों के लिए धन का उपयोग करना भारतीय संविधान और बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCRC) दोनों का उल्लंघन है, लेकिन इस पर भी सरकार की तरफ से कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। कानूनगो ने संयुक्त राष्ट्र से इन गतिविधियों की जांच करने का आग्रह करते हुए मदरसा बोर्ड को भंग करने की सिफारिश की है, लेकिन इस मुद्दे पर भी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।’

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