राजस्व पर्षद के पूर्व सदस्य एपी सिंह की अध्यक्षता में बने पांचवां राज्य वित्त आयोग ने बुधवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को अपनी प्रथम रिपोर्ट सौंप दी। इस अवसर पर राजभवन में आयोग के अध्यक्ष एपी सिंह के साथ सदस्य प्रो. हरिश्वर दयाल भी उपस्थित थे।
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दो खंड में तैयार इस रिपोर्ट में आयोग ने अपनी अनुशंसा के साथ कई महत्वपूर्ण बातों को भी सुझाया है। राज्य सरकार ने 23 फरवरी 2024 को पांचवां राज्य वित्त आयोग का गठन किया था। उसके पहले राज्य में पांच साल से राज्य वित्त आयोग पूरी तरह निष्क्रिय था।
राज्य के रिटायर मुख्य सचिव जी. कृष्णन इसके पहले अध्यक्ष थे। झारखंड पंचायत राज अधिनियम के तहत 2004 में राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया था। पहले वित्त आयोग ने शहरी निकाय को लेकर अपनी एक रिपोर्ट दी थी। इसके बाद कोई रिपोर्ट तैयार नहीं हुई। आयोग में अध्यक्ष और सदस्य का पद लंबे समय तक खाली था।
2022 में आईएएस अधिकारी नितिन मदन कुलकर्णी को आयोग का अध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ था। लेकिन, उसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी। इस प्रथम प्रतिवेदन में शहरी निकाय एवं पंचायती राज के तहत पंचायतों को मिलनेवाले पैसों के बंटवारे की विस्तृत जानकारी और फॉर्मूला दिया गया है।
इन लोगों ने भी राज्यपाल से की मुलाकात राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से बुधवार को महिपाल महतो के नेतृत्व में प्रशिक्षित शिक्षक संघ का शिष्टमंडल भी राजभवन में िमला। राज्यपाल से राज्य में जेटेट परीक्षा आयोजित करने के लिए पहल करने का आग्रह किया। हरेंद्र कुमार महतो के नेतृत्व में भी एक शिष्टमंडल राज्यपाल से मिला।
शिष्टमंडल ने कुर्मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए पहल करने का आग्रह किया। नेशनल सीनियर सिटीजन एसोसिएशन का शिष्टमंडल भी एनसी कर्जी के नेतृत्व में राजभवन में राज्यपाल से मिला। शिष्टमंडल ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम खोलने के लिए आवश्यक पहल करने का आग्रह किया।