रवि दहिया और रिचा 30 नवंबर को शादी के बंधन में बंधेंगे। (फाइल फोटो)
टोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान रवि कुमार दहिया अब जीवन के नए अध्याय की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। सोनीपत के नाहरी गांव के इस रेसलर की 29 नवंबर को जिले के ही बिलबिलान गांव की रिचा से सगाई होगी। 30 नवंबर को शादी समारोह होगा।
.
24 नवंबर यानी सोमवार को हल्दी की रस्म के साथ पारंपरिक रस्में शुरू हो जाएंगी। दोनों परिवारों के चुनिंदा सदस्य ही सगाई समारोह में शामिल होंगे। शादी के लिए आमंत्रित किए गए मेहमानों में ज्यादा संख्या देश और विदेश के पहलवानों की रहेगी। इन मेहमानों के लिए देसी घी के व्यंजन तैयार कराए जा रहे हैं। 100 फीसदी शाकाहारी भोजन रहेगा।

26 अक्टूबर को तय हुआ रिश्ता रवि दहिया का रिश्ता 26 अक्टूबर को बिलबिलान गांव की रिचा के साथ तय किया गया। रिचा किसान परिवार से हैं और स्वयं एक प्राइवेट स्कूल चला रही हैं। ग्रेजुएशन के बाद वे एमए इंग्लिश की पढ़ाई कर रही हैं।
सीधे-सादे स्वभाव और पढ़ाई के प्रति समर्पण के कारण रिचा अपने गांव और समाज में भी अच्छी पहचान रखती हैं। दोनों परिवारों में इस रिश्ते को लेकर गहरा उत्साह है और सभी इस जोड़ी को “एकदम परफेक्ट कपल” मान रहे हैं।

रवि दहिया की दादी, मां, बहन और चाची शादी को लेकर खुशियां जाहिर करते हुए।
दादी के भांजे ने करवाया रिश्ता, मांग भराई में 16 सदस्य पहुंचे रवि की दादी सावित्री देवी बताती हैं कि रिश्ता उनके भांजे जगदीश (गोहाना के आंवली गांव निवासी) ने करवाया। दोनों परिवारों की सहमति के बाद 26 अक्टूबर को रवि के परिवार के 16 सदस्य बिलबिलान गांव पहुंचे और रिचा की मांग भराई की रस्म पूरी की।
दादी सावित्री अपने पोते की शादी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। वे बतातीं हैं कि “रवि बचपन से ही बहुत शरीफ, सीधा और मेहनती रहा है… पोते की शादी में जमकर नाचूंगी।” उनके अनुसार, रवि के दादा का निधन 18 साल पहले हो गया था, इसलिए घर की सारी जिम्मेदारियां अब दादी और परिवार ही संभाल रहे हैं।

घर में शादी की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
शादी से पहले मना किया… मां और दादी ने मनाया मां उर्मिला ने बताया कि रिश्ता करने से पहले जब रवि से पूछा गया तो उसने शादी से साफ मना कर दिया। मगर, मां और दादी ने समझाया कि-“बेटा अब उम्र हो गई है…”। इसके बाद रवि ने कोई विरोध नहीं किया।
रवि की उम्र 25 वर्ष है, जबकि रिचा उससे दो साल छोटी हैं। दोनों की जोड़ी को परिवार बेहद परफेक्ट मान रहा है। शांत और शर्मीले रवि इन दिनों शादी की शॉपिंग भी चुपचाप कर रहे हैं। जब परिवार ने पूछा कि कौन-सी ड्रेस खरीदी, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा “शादी वाले दिन ही देख लेना।”

रवि के तैयार किए गए मकान में गैलरी में लगे हुए रवि के फोटो।
परिवार की पृष्ठभूमि और रवि की शुरुआती कुश्ती यात्रा रवि के परिवार में दादी सावित्री, पिता राकेश, माता उर्मिला, छोटा भाई पंकज और उसकी पत्नी पूनम, काका अनिल और राजेश शामिल हैं। मां उर्मिला बताती हैं कि सिर्फ 8 साल की उम्र में रवि चौथी कक्षा में था। इसी दौरान उसने गांव के हंसराज अखाड़े में मिट्टी की कुश्ती शुरू की थी।
बाद में वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम चला गया और आज तक वहीं प्रैक्टिस करता आ रहा है। रवि की जिंदगी खेल के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। वह होली-दिवाली पर ही घर आ पाता है। ओलिंपिक के दौरान लगी चोट और उसके बाद हुए ऑपरेशन के बावजूद उसका समर्पण कभी कम नहीं हुआ।

मां उर्मिला ने बताया कि रिश्ता करने से पहले जब रवि से पूछा गया तो उसने शादी से साफ मना कर दिया। मगर, मां और दादी के समझाने पर हां कर दी।
नाहरी गांव की कुश्ती की परंपरा, छत्रसाल की ऊंची विरासत पूर्व में यह गांव ओलिंपियन महावीर सिंह (1980, 1984) के नाम से जाना जाता था, बाद में अमित दहिया (2012) ने भी गांव का नाम ऊंचा किया। रवि के पिता राकेश ने 10 साल की उम्र में ही उन्हें सतपाल पहलवान और कोच वीरेंद्र के पास भेज दिया था। छत्रसाल स्टेडियम से ही सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे ओलिंपिक पदक विजेता निकले हैं और अब उसी कतार में रवि का नाम भी रोशन है।
टोक्यो ओलिंपिक में रजत जीतकर रचा इतिहास 2021 में टोक्यो ओलिंपिक में रवि दहिया ने 57 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। फाइनल में वे रूस ओलिंपिक समिति के जावुर युगुऐव से 4-7 से हारे। सेमीफाइनल में ईरान के रेजा अत्रिनाघारचिनी और क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम को हराकर शानदार प्रदर्शन किया। एक समय सेमीफाइनल में 7 पॉइंट से पीछे होने के बावजूद उन्होंने जो पलटवार किया, वह भारतीय कुश्ती के इतिहास में दर्ज हो चुका है।
8000 मेहमानों के लिए शुद्ध देसी घी का खाना रवि दहिया की शादी में लगभग 8000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। चार दिन पहले से कढ़ाई चढ़ जाएगी और कैटरिंग नरेला (दिल्ली) से मंगवाई गई है। परिवार ने विशेष निर्देश दिए हैं कि दूरदराज से आने वाले मेहमानों व विशेषकर पहलवानों के लिए भोजन 100% शुद्ध हो। रवि की चाची कहती हैं- “खाना शुद्ध देसी घी में ही बनेगा।” शादी की बारात करीब 500–600 लोगों के साथ बिलबिलान गांव पहुंचेगी।

